बर्फ और आग की धरती आइसलैंड
आइसलैंड में एक ज्वालाममुखी सक्रिय होकर लावा उगलने लगा है. प्रकृति के इस खेल को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग दुनिया भर से आइसलैंड पहुंच रहे हैं.
एक विस्फोटक घटना
आइसलैंड में मेराडालिर घाटी लावे से चमक रही है. आइसलैंड की राजधानी रेयक्याविक से करीब 30 किलोमीटर दूर मौजूद इस घाटी में कोई इंसानी आबादी नहीं रहती है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इलाके में कहीं भी और कभी भी दरार पड़ सकती है.
एक झलक की खातिर
लावे और राख के गुबार से भले ही कोई सीधा खतरा पैदा ना हो रहा हो, लेकिन धरती के भीतर से खतरनाक गैसें भी निकल रही हैं. आइसलैंड के मौसम विभाग के मुताबिक ये गैसें राजधानी रेयक्याविक तक पहुंच सकती हैं. इस चेतावनी के बावजूद वहां रिकॉर्ड संख्या में सैलानाी पहुंच रहे हैं.
कब तक बहेगा लावा
2021 में इस इलाके के पास फाराल्सफ्याद ज्वालामुखी से छह महीने तक लावा बहता रहा. यह बीते 100 साल में सबसे लंबी अवधि तक लावा बहने की घटना थी. आइसलैंड के ज्वालामुखी विज्ञानियों को लगता है कि मौजूदा ज्वालामुखी भी कई महीनों तक लावा उड़ेल सकता है.
भूभाग बदलता लावा
लगातार लावा उड़ेलने की वजह से ज्वालामुखी का मुहाना 70 मीटर और ऊंचा हो गया है. पहले हफ्ते में ही फुटबॉल के 20 मैदानों को पूरी तरह भर देने लायक लावा निकल चुका है. अधिकारियों ने सैलानियों से कहा है कि वे सुरक्षित दूरी पर रहें और हमेशा चौकन्ने रहें.
इसे पार्क न समझें
ज्वालामुखी से बहते लावे को देखने के लिए 15 किलोमीटर पैदल चलना जरूरी है. कुछ कुछ जगहों पर ट्रैक बहुत मुश्किल है. ताकतवर हवाओं और सर्द बरसात के बावजूद लोग वहां पहुंच रहे हैं. समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए एक फ्रांसीसी सैलानी ने कहा, "आपको वाकई प्रकृति की ताकत नजर आती है."
परफेक्ट पिक्चर की होड़
कुछ सैलानी और फोटोग्राफर बेहतरीन तस्वीर पाने के लिए लावे के बहुत करीब पहुंच रहे हैं. आइसलैंड के पर्यटन विभाग के मुताबिक अब तक इस नजारे को देखने के लिए करीब 23,000 सैलानी आ चुके हैं.
ये तो होना ही था
ज्वालामुखी के सक्रिय होने से पहले आइसलैंड में 24 घंटे के भीतर भूकंप के 10,000 से ज्यादा झटके महसूस किए गए. आइसलैंड के अधिकारियों के मुताबिक इस दौरान दो झटकों की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5 से ज्यादा थी. अति भूकंपीय गतिविधि के बाद यह साफ हो गया था कि कोई ज्वालामुखी सक्रिय होने जा रहा है.
बर्फ और ज्वाला का खेल
आइसलैंड को लैंड ऑफ फायर एंड आइस भी कहा जाता है. आइसलैंड यूरोप का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र है. आइसलैंड में बीच बीच में होने वाला बड़े ज्वालामुखी विस्फोट इतनी राख उगलते हैं कि यूरोप के बड़े हिस्से में हवाई यातायात बंद करना पड़ता है. (रिपोर्ट: पोर्ट येंष नेले/ओएसजे)