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अंतरात्मा की आवाज पर सेना छोड़ रहे हैं जर्मन सैनिक

विवेक कुमार३ अगस्त २०१६

राइनिषे पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो साल में अंतरात्मा की आवाज के आधार पर कम से कम 500 सैनिकों ने सेना छोड़ने की अर्जी दी है.

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Deutschland Bundeswehr Grundausbildung
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. May

पहले जर्मनी में सैन्य सेवा जरूरी हुआ करती थी लेकिन 2011 में अनिवार्य सेवा को खत्म कर दिया गया और अपनी इच्छा से सेना में भर्ती होने की छूट दे गई गई. लेकिन जिन युवाओं ने अपनी इच्छा से सेना को चुना, अब उनमें से काफी के दिल बदल रहे हैं. राइनिषे पोस्ट अखबार की खबर है कि 2014 से 2016 के बीच 62 महिला और 407 पुरुष सैनिक सेना छोड़ने की अर्जी दे चुके हैं. अपनी अर्जी में इन्होंने जो वजह बताई है, वह है कि दिल गवाही नहीं दे रहा है.

जर्मनी की लेफ्ट पार्टी ने इस बारे में सरकार से जानकारी मांगी थी. जानकारी के जवाब में ये आंकड़े मिले. लेफ्ट पार्टी में जर्मन सेना की विशेषज्ञ काटरिन कुनेर्ट ने अखबार को बताया कि लड़ाई की सच्चाई लोगों के दिल बदल रही है. उन्होंने कहा, "जब कोई सैनिक लड़ाई के दरम्यान होता है तो उसकी आंखें खुलती हैं और उसे ऐसी बातों का अहसास होता है जो उसने पहले नहीं सोची होतीं. तब उसे अहसास होता है कि सैनिक होने के खतरे क्या होते हैं. तब उसके पास दो ही विकल्प होते हैं, मार दे या मर जाए. और यह अनुभव पूरी आक्रामकता के साथ आता है."

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2014 के मध्य से अब तक परिवार और नागरिक मामलों का मंत्रालय 644 ऐसी अर्जियों पर कार्रवाई कर चुका है. कुल अर्जियों में से 67 फीसदी को मंजूर कर लिया गया. 25 फीसदी को नामंजूर किया गया और बाकी 8 प्रतिशत अर्जियां या तो वापस ले ली गईं या फिर उनमें तकनीकी खामी की वजह से उन्हें लौटा दिया गया.

राइनिषे की रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों ने सेना छोड़ने की अर्जी दी थी उनमें से ज्यादातर कॉरपोरल रैंक के सैनिक थे यानी वे लोग जिन्हें मोर्चे पर सबसे आगे रहना होता है.

लेकिन सेना छोड़ने का यह फैसला ना तो आसान होता है और ना सस्ता. इसके लिए अच्छी-खासी रकम देनी होती है. जिन 153 अफसरों ने सेना छोड़ी है उनसे ट्रेनिंग का खर्चा लिया गया है. यह कुल मिलाकर 56 लाख यूरो बना. अलग-अलग मामलों में सैनिकों से 12 यूरो से लेकर 69,000 यूरो तक लिए गए. छोटे रैंक के 83 अफसरों से कुल चार लाख यूरोप वापस मांगे गए.

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जर्मनी के लिए यह एक मुश्किल स्थिति है क्योंकि अनिवार्य सैन्य सेवा खत्म होने के बाद से भर्ती होने की इच्छा रखने वाले युवाओं में भारी कमी देखी गई है. हाल ही में सेना में भर्ती पर खर्च बढ़ाने का फैसला किया गया है. जर्मन रक्षा मंत्री उर्सुला फॉन डेय लाएन ने मई में घोषणा की कि आने वाले सालों में जर्मन सेना बुंडेसवेयर में हजारों नए सैनिकों की भर्ती होगी. पिछले 25 सालों से लगातार सेना को घटाने और सैनिक खर्चों में कटौती का सिलसिला जारी था. नई घोषणा के अनुसार अगले सात सालों में सशस्त्र बलों की तादाद बढ़ाकर 14,300 सैनिकों और 4,400 असैनिक पदों को भरा जाएगा. शुरुआत 7,000 नई भर्तियों की घोषणा से होगी. कई दूसरे पदों पर आंतरिक भर्तियां होंगी. 1990 में पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के एकीकरण के समय में बुंडेसवेयर की संख्या 5,85,000 सैनिकों से घट कर 177,000 रह गई है.