"मैंने जिंदगी जी. खुद को कत्ल होने से बचाने के लिए जो हो सकता था, किया."
"कतर लौट आने का मुझे अब भी कोई पछतावा नहीं है. मुझे अच्छी तरह पता था कि ऐसा हो सकता है."
ये पंक्तियां कतर की महिला अधिकार कार्यकर्ता नूफ अल-मादीद के कुछ आखिरी ट्वीटों का हिस्सा हैं. नूफ सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय और मुखर रहती थीं. वह कतर में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव की आलोचक थीं. महिला अधिकारों के लिए संघर्ष करती थीं. अपनी सोशल मीडिया पोस्टों में उन्होंने कई बार आशंका जताई थी कि उनकी हत्या की जा सकती है.
यह आरोप भी लगाया था कि उनका परिवार पहले भी तीन बार उन्हें मारने की कोशिश कर चुका है. नूफ ने यह भी कहा था कि अगर वह सोशल मीडिया पर नहीं लिख रही हैं, तो इसका मतलब है वह मर चुकी हैं. 13 अक्टूबर की शाम से ही नूफ के सोशल मीडिया अकाउंट मौन हैं.
ऐसी थीं पैगंबर मोहम्मद की बीवी
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पिता से सीखे व्यापार के गुर
खदीजा के पिता मक्का के रहने वाले एक सफल व्यापारी थे. कुराइश कबीले के पुरुष प्रधान समाज में खदीजा को हुनर, ईमानदारी और भलाई के सबक अपने पिता से मिले. उनके पिता फर्नीचर से लेकर बर्तनों और रेशम तक का व्यापार करते थे. उनका कारोबार उस समय के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों मक्का से लेकर सीरिया और यमन तक फैला था.
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ऐसी थीं पैगंबर मोहम्मद की बीवी
आजादख्याल और साहसी
खदीजा की शादी पैगंबर मोहम्मद से पहले भी दो बार हो चुकी थी. उनके कई बच्चे भी थे. दूसरी बार विधवा होने के बाद वे अपना जीवनसाथी चुनने में बहुत सावधानी बरतना चाहती थीं और तब तक अकेले ही बच्चों की परवरिश करती रहीं. इस बीच वे एक बेहद सफल व्यवसायी बन चुकी थीं, जिसका नाम दूर दूर तक फैला.
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ऐसी थीं पैगंबर मोहम्मद की बीवी
ना उम्र की सीमा हो
पैगंबर मोहम्मद से शादी के वक्त खदीजा की उम्र 40 थी तो वहीं मोहम्मद की मात्र 25 थी. पैगंबर मोहम्मद को उन्होंने खुद शादी के लिए संदेश भिजवाया था और फिर शादी के बाद 25 सालों तक दोनों केवल एक दूसरे के ही साथ रहे. खदीजा की मौत के बाद पैगंबर मोहम्मद ने 10 और शादियां कीं. आखिरी बीवी आयशा को तब जलन होती थी जब वे सालों बाद तक अपनी मरहूम बीवी खदीजा को याद किया करते.
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ऐसी थीं पैगंबर मोहम्मद की बीवी
आदर्श पत्नी, प्रेम की मूरत
अपनी शादी के 25 सालों में पैगंबर मोहम्मद और खदीजा ने एक दूसरे से गहरा प्यार किया. तब ज्यादातर शादियां जरूरत से की जाती थीं लेकिन माना जाता है कि हजरत खदीजा को पैगंबर से प्यार हो गया था और तभी उन्होंने शादी का मन बनाया. जीवन भर पैगंबर पर भरोसा रखने वाली खदीजा ने मुश्किल से मुश्किल वक्त में उनका पूरा साथ दिया. कहते हैं कि उनके साथ के दौरान ही पैगंबर पर अल्लाह ने पहली बार खुलासा किया.
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ऐसी थीं पैगंबर मोहम्मद की बीवी
पहले मुसलमान
हजरत खदीजा को इस्लाम में विश्वास करने वालों की मां का दर्जा मिला हुआ है. वह पहली इंसान थीं जिन्होंने मोहम्मद को ईश्वर के आखिरी पैगंबर के रूप में स्वीकारा और जिन पर सबसे पहले कुरान नाजिल हुई. माना जाता है कि उन्हें खुद अल्लाह और उसके फरिश्ते गाब्रियाल ने आशीर्वाद दिया. अपनी सारी दौलत की वसीयत कर उन्होंने इस्लाम की स्थापना में पैगंबर मोहम्मद की मदद की.
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ऐसी थीं पैगंबर मोहम्मद की बीवी
गरीबों की मददगार
अपने व्यापार से हुई कमाई को हजरत खदीजा गरीब, अनाथ, विधवा और बीमारों में बांटा करतीं. उन्होंने अनगिनत गरीब लड़कियों की शादी का खर्च भी उठाया और इस तरह एक बेहद नेक और सबकी मदद करने वाली महिला के रूप में इस्लाम ही नहीं पूरे विश्व के इतिहास में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा.
रिपोर्ट: एपी/आरपी (huffingtonpost.com)
इस चुप्पी के चलते मानवाधिकार संगठन नूफ के लिए आशंकित हैं. इनमें से ही एक संस्था है, गल्फ सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स (जीसीएचआर). यह गैर-सरकारी संगठन खाड़ी देशों में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले दर्ज करता है. जीसीएचआर का कहना है कि उसे मिली खबरों के मुताबिक, नूफ की या तो हत्या कर दी गई है या फिर उन्हें बंदी बना लिया गया है.
क्या है नूफ की कहानी?
नूफ 23 साल की हैं. घर में उनपर काफी बंदिशें थीं. मार्च 2021 में 'ह्यूमन राइट्स वॉच' (एचआरडब्ल्यू) को दिए एक इंटरव्यू में नूर ने अपनी आपबीती सुनाई थी, "सालों तक घर में मेरा उत्पीड़न होता रहा. मेरे कहीं आने-जाने पर पाबंदी थी. मुझे सिर्फ स्कूल जाने की इजाजत थी. वहां से सीधे घर लौटना होता था. मैं हुक्म न मानती, तो मुझे मार पड़ती."
नूफ ने बताया था कि एक समय ऐसा आया, जब उन्हें अपनी जिंदगी और शारीरिक गरिमा पर खतरा महसूस होने लगा. वह घर छोड़कर जाना चाहती थीं. मगर कतर के कानून में महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध हैं. 25 साल से कम की कुंआरी लड़कियां अपने पुरुष अभिभावक (पिता, भाई, चाचा, दादा) की इजाजत के बिना देश से बाहर नहीं जा सकती हैं. शादीशुदा महिलाएं अपने पति की इजाजत बिना बाहर तो जा सकती हैं. लेकिन पति चाहे, तो अदालत में अर्जी देकर पत्नी की यात्रा बैन करवा सकता है.
घर से भाग गईं नूफ
12 नवंबर, 2019 को 21 साल की नूफ ने चुपके से अपने पिता का मोबाइल चुराया. इस मोबाइल से उन्होंने 'मैटरश ऐप' खोला. यह कतर के मिनिस्ट्री ऑफ इंटीरियर का ऐप है. गाड़ी चलाने के लाइसेंस से लेकर चालान भरने तक, दो सौ से भी ज्यादा सेवाएं इस ऐप से जुड़ी हैं. नूफ ने पिता के मोबाइल से यह ऐप खोला और अपनी विदेश यात्रा के लिए जरूरी उनकी रजामंदी को खुद ही प्रॉसेस कर दिया. फिर वह बेडरूम की खिड़की फांदकर एयरपोर्ट पर पहुंची. यहां से वह पहले यूक्रेन और फिर ब्रिटेन गईं. नूफ ने ब्रिटेन में शरण मांगी.
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सबसे धनी मुस्लिम औरतें
प्रिंसेस अमीरा अल तवील, सऊदी अरब
6 नवंबर 1983 को जन्मीं प्रिंसेस अमीरा सऊदी प्रिंस अल वालिद बिन तलाल की पत्नी हैं. 58 साल के प्रिंस अल वालिद दुनिया के 26वें सबसे अमीर शख्स हैं.
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सबसे धनी मुस्लिम औरतें
महारानी रानिया, जॉर्डन
जॉर्डन के राजा अब्दुल्लाह इल इब्न अल-हुसैन की पत्नी रानिया 31 अगस्त 1970 को जन्मी थीं. 1999 में उनके पति को गद्दी मिली. इस तस्वीर में वह इस्लामिक स्टेट के खिलाफ एक प्रदर्शन में हिस्सा लेती दिख रही हैं.
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सबसे धनी मुस्लिम औरतें
प्रिंसेस मजीदा नूरुल बोलकिया, ब्रुनई
प्रिंसेस मजीदा सुल्तान हसलनल बोलकिया की दूसरी बेटी हैं. वह 16 मार्च 1976 को जन्मीं. 2007 में उन्होंने खैरुल खलील से शादी की. खलील भी राज परिवार से हैं और प्रधानमंत्री के दफ्तर में काम भी कर चुके हैं.
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सबसे धनी मुस्लिम औरतें
प्रिंसेस हाजा हफीजा सुरूरूल बोलकिया
ब्रुनई के सुल्तान हसनल बोलकिया की चौथी बेटी प्रिंसेस हफीजा 12 मार्च 1980 को जन्मीं. उनके पिता दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से हैं. उनके पास कुल 7,000 कार हैं. उनके महल में 1,700 कमरे हैं.
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सबसे धनी मुस्लिम औरतें
सुल्ताना नूर जाहिरा, मलेशिया
राजा वाथिकू बिलाह तुआंकू मिजान जैनल आबिदीन की पत्नी सुल्ताना 7 दिसंबर 1973 को जन्मीं. वह खुद भी एक अमीर परिवार से हैं. उनके पिता से उन्हें करीब 15 अरब डॉलर विरासत में मिले.
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सबसे धनी मुस्लिम औरतें
शेखा मोजा बिंत नसीर अल मिसनद, कतर
कतर के अमीर शेख हमद बिन खलीफा अल थानी की दूसरी पत्नी शेखा 1959 में जन्मी थीं. एक अनुमान है कि उनके पति के पास 7 अरब पाउंड की संपत्ति है.
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सबसे धनी मुस्लिम औरतें
शेखा हनादी बिंत नसीर खालेद अल थानी, कतर
शेखा हनादी एक रियल एस्टेट उद्योगपति, निवेशक और बैंक मैनेजर हैं. कतर की सबसे सफल महिलाओं में से एक हनादी की संपत्ति 15 अरब डॉलर के करीब आंकी गई है.
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सबसे धनी मुस्लिम औरतें
प्रिंसेस लाला सलमा, मोरक्को
10 मई 1978 को जन्मीं प्रिंसेस लाला के पिता एक टीचर थे. उन्होंने मोरक्को के राजा मोहम्मद छठे से शादी की. दो बच्चों की मां सलमा के पति के पास 2.5 अरब डॉलर की संपत्ति मानी जाती है.
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शेखा मैथा बिंत मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम, दुबई
एशियन गेम्स 2006 की इस तस्वीर में दायीं ओर दिख रहीं मैथा की पैदाइश 5 मार्च 1980 की है. उनके पिता शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम यूएई के प्रधानमंत्री और फिर उपराष्ट्रपति रहे. वह दुबई के अमीर हैं. कराटे चैंपियन मैथा ने 2006 के गेम्स में सिल्वर जीता था. रिपोर्ट: एमएल/वीके
घर छोड़कर जाने के करीब दो साल बाद 30 सितंबर, 2021 को नूफ कतर लौटने के लिए ब्रिटेन से निकलीं. उन्होंने ब्रिटेन में शरण के लिए दी गई अपनी अर्जी भी वापस ले ली. इसकी वजह बताते हुए नूफ ने एक वीडियो में कहा कि कतरी प्रशासन ने उन्हें जरूरी सुरक्षा मुहैया करने का वादा किया है. यह आश्वासन भी दिया है कि लौटने के बाद उनके मानवाधिकारों का भी सम्मान किया जाएगा.
लौटने के बाद क्या हुआ?
नूफ के मुताबिक, कतर लौट आने के बाद उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं. उन्होंने अधिकारियों से सुरक्षा मांगी. नूफ ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें मदद नहीं मिल रही है. नूफ ने आशंका जताई कि उनकी हत्या हो सकती है. ट्विटर पर डाले गए एक वीडियो में उन्होंने आरोप लगाया कि परिवार ने तीन बार उनकी जान लेने की कोशिश की है.
नूफ के मुताबिक, उनका उत्पीड़न करने वालों में उनके पिता मुख्य थे. उन्हीं की वजह से वह घर छोड़कर भागी थीं. लेकिन कतर लौटने के बाद वह जिस होटल में ठहरी हुई थीं, उनके पिता वहां भी पहुंच गए. नूफ ने अपने ट्वीट में कतर के शासक तमीम बिन हमद अल थानी से भी मदद मांगी थी. नूफ ने लिखा था, "शेख तमीम ही मेरी जान पर मंडरा रहे इस खतरे से मुझे बचा सकते हैं."
रोजाना कई पोस्ट करने वाली नूफ ने 13 अक्टूबर, 2021 के बाद से ही कोई पोस्ट नहीं डाली है. इसके पहले उन्होंने अपने फॉलोअरों से कहा था कि अगर वह सोशल मीडिया पर चुप हो जाती हैं, तो वे उनकी परवाह करें. उनके लिए आवाज उठाएं. इसीलिए उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर नूफ के लिए लिखना शुरू किया. #whereisNoof हैशटैग लगाकर वे सवाल करने लगे कि नूफ सुरक्षित हैं या नहीं.
15 अक्टूबर को एचआरडब्ल्यू ने भी नूफ का मुद्दा उठाते हुए उनकी सुरक्षा के लिए चिंता जताई. एचआरडब्ल्यू की वरिष्ठ महिला अधिकार शोधकर्ता रोथना बेगम ने न्यूज एजेंसी एएफपी से कहा, "वह खतरे में हैं."
मारे जाने की आशंका
अब जीसीएचआर ने दावा किया है कि उन्हें मिली जानकारियों के मुताबिक, नूफ या तो मारी जा चुकी हैं या कैद में हैं. 14 दिसंबर को संगठन ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि उच्च अधिकारियों ने नूफ को मिली पुलिस सुरक्षा हटवा दी थी. पुलिस को यह निर्देश भी दिया गया कि वे नूफ को उसके परिवार के हवाले कर दें. जीसीएचआर ने आशंका जताई कि 13 अक्टूबर की शाम परिवार ने नूफ को अगवा कर लिया. शायद इसी रात परिवार के सदस्यों ने नूफ को मार दिया.
यह डर भी जताया जा रहा है कि अगर हत्या की खबर सही न भी हो, तो भी नूफ को कैद में रखने की आशंका बनी हुई है. हो सकता है उन्हें अलग-थलग रखा गया हो. सोशल मीडिया तक उनकी पहुंच रोक दी गई हो. उनसे अभिव्यक्ति की आजादी छीन ली गई हो. जीसीएचआर के मुताबिक, उन्होंने इन खबरों का सच जानने की कोशिश की. लेकिन सरकार ने इस मुद्दे पर कोई भी आधिकारिक बयान देने से इनकार कर दिया.
प्रशासन की ओर से मीडिया को दी गई जानकारी में कहा गया है कि नूफ सुरक्षित हैं. सेहतमंद हैं. मगर प्रशासन ने इन दावों की पुष्टि से जुड़ा कोई सबूत नहीं दिया है.
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यूनिफॉर्म सिविल कोड की 10 अहम बातें
एक देश, एक कानून
समान नागरिक संहिता या यूनिफॉर्म सिविल कोड देश के सभी नागरिकों के लिए एक जैसा कानून लागू करने की कोशिश है.
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क्या बदलेगा
इसके तहत संपत्ति के अधिकार के अलावा शादी, तलाक, गुजारा भत्ता, बच्चा गोद लेने और वारिस तय करने जैसे विषयों पर सब लोगों के लिए एक कानून होगा.
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यूनिफॉर्म सिविल कोड की 10 अहम बातें
अभी क्या नियम है
अभी भारत इसके अलग-अलग नियम हैं. मतलब संपत्ति और तलाक के नियम हिंदुओं को लिए कुछ और हैं, मुसलमानों के लिए कुछ और ईसाइयों के लिए कुछ और.
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यूनिफॉर्म सिविल कोड की 10 अहम बातें
समान संहिता का विरोध
भारत में मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड समान नागरिक संहिता का विरोध करता है. वह इसे इस्लामी नियमों और सिद्धातों में हस्तक्षेप मानता है.
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यूनिफॉर्म सिविल कोड की 10 अहम बातें
दखल
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि समान नागरिक संहिता से लैंगिक भेदभाव को कम करने में मदद मिलेगी, जबकि कई मुस्लिम समुदाय इसे अपने धार्मिक मामलों में दखल के तौर पर देखते हैं.
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यूनिफॉर्म सिविल कोड की 10 अहम बातें
संहिता एक हल
दूसरी तरफ, तीन तलाक जैसे मुद्दों का विरोध करते हुए लोग कहते हैं कि समान नागरिक संहिता एक हल है. अब सरकार ने त्वरित तीन तलाक को अपराध बना दिया है. ऐसा करने पर सजा का प्रावधान है.
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यूनिफॉर्म सिविल कोड की 10 अहम बातें
भाजपा के एंजेडे में
समान नागरिक संहिता को लागू करना दशकों से भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में रहा है.
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यूनिफॉर्म सिविल कोड की 10 अहम बातें
सियासत
समान नागरिकता संहिता सियासी मुद्दा रहा है, जिससे वोट बैंक बनते-बिगड़ते रहे हैं. इस सिलसिले में 1985 का शाह बानो केस अहम माना जाता है.
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यूनिफॉर्म सिविल कोड की 10 अहम बातें
पलट दिया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि 60 वर्षीय शाह बानो तलाक के बाद अपने पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार है. लेकिन मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के कड़े विरोध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संसद के जरिए इस फैसले को पलटवा दिया.
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गुजारा भत्ता
वैसे, बाद में एक अन्य फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने इद्दत की अवधि के बाद मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता दिए जाने का फैसला सुनाया. इद्दत तलाक के बाद की वो अवधि होती है जिसमें महिला दूसरी शादी नहीं कर सकती.
रिपोर्ट: अशोक कुमार