ईरानी जनरल की अंतिम यात्रा में झलका खमेनेई का दर्द
६ जनवरी २०२०समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक ईरान के सबसे बड़े धार्मिक नेता अयातोल्लाह अल खमेनेई की अगुवाई में हुई प्रार्थना सभा में लोगों ने अपने देश के "नायक" की फोटो को हाथों में थामा हुआ था. अमेरिका ने बगदाद के अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट में ईरान की खुफिया सेना रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स की ब्रांच कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी की ड्रोन हमले के जरिए हत्या कर दी थी. खमेनेई के बाद वह देश के दूसरे सबसे ताकतवर शख्स समझे जाते थे. सुलेमानी की हत्या ने ईरान और अमेरिका के रिश्तों को और खराब कर दिया है.
ईरान ने देर रात बयान जारी कर कहा कि वह परमाणु समझौते के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को वापस ले रहा है. मई 2018 को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इस परमाणु समझौते से पहले ही किनारा कर लिया था. कड़कड़ाती ठंड़ में पुरुषों के साथ साथ महिलाएं काले कपड़ों में सुलेमानी की अंतिम यात्रा में शामिल हुईं. यह लोग हाथों में अमेरिका के खिलाफ तख्ती लिये तेहरान विश्वविद्यालय की ओर बढ़ रहे थे. देश के राष्ट्रीय टेलीविजन पर सुलेमानी की अंतिम यात्रा को लाइव दिखाया गया. शोक जताने के लिए चैनल के लोगो पर काली पट्टी भी लगाई गई थी.
एएफपी के मुताबिक लोगों के अंतिम दर्शनों के लिए सुलेमानी के अवशेषों को ताबूत में रखा गया था, जिस पर देश का झंडा लिपटा हुआ था. सुलेमानी के साथ साथ अमेरिका के ड्रोन हमले में मारे गए बाकी के "शहीदों" के ताबूतों पर दुआ पढ़ रहे खमेनेई रोते हुए भी दिखाई दिए.
कुद्स फोर्स के चीफ सुलेमानी की अंतिम यात्रा के दौरान खमेनेई के अलावा कुद्स फोर्स के अगले कमांडर इस्माइल कानी, राष्ट्रपति हसन रूहानी , संसद के अध्यक्ष अली लारीजानी और सेना के शीर्ष कमांडर मेजर जनरल होसेन सलामी भी मौजूद थे. लोगों को प्रार्थना करवा रहे खमेनेई की आवाज बार बार उखड़ रही थी.
लोगों ने की अमेरिका से बदले की मांग
अंतिम यात्रा में शामिल होने आए लोगों ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, "हमें जवाबी कार्रवाई में उसे कुचल देना चाहिए." अपना नाम अफाकामी बताने वाले 61 साल के व्यवसायी ने कहा, "इस क्षेत्र में अमेरिका के जो भी सैन्य अड्डे हैं हमें उसे निशाना बनाना चाहिए. हमारी मिसाइलों की सीमा में आने वाले सभी सैन्य अड्डों पर हमला करना चाहिए."
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की अगुवाई में अमेरिकी सेना ने सुलेमानी को ड्रोन हमले में खत्म कर दिया था. ट्रंप के मुताबिक कुद्स कमांडर इराक में अमेरिकी राजनयिकों और सैन्य बलों पर हमले की योजना बना रहे थे. इस अंतिम यात्रा में आए लोगों ने अमेरिका से बदला लेने की मांग की. एक तख्ती पर लिखा था, "सख्त बदला." लोग "अमेरिका की मौत" , "इस्राइल की मौत" के नारे लगाते हुए तेहरान विश्वविद्यालय की तरफ गए.
खमेनेई ने बयान जारी कर खुद को "सुलेमानी की शहादत से आहत" बताया. इस्लामिक स्टेट समूह का जिक्र करते हुए कहा, "इराक में दायश तत्वों के साथ लड़ाई में उनकी भूमिका अद्वितीय रही है. इस रास्ते में उनको जो कष्ट उठाने पड़े वह कभी भुलाए नहीं जाएंगें."
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी रुहानी से टेलीफोन पर बातचीत कर दुख जताया. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा, "अफगान मिट्टी का इस्तेमाल कभी भी किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं किया जाएगा." सुलेमानी की हत्या ने मध्य पूर्व में एक नए संघर्ष की आशंका पैदा कर दी है. शुक्रवार को खमेनेई ने तीन दिनों के शोक की घोषणा करते हुए "गंभीर बदला" लेने की कसम खाई.
एसबी/आरपी (एएफपी)
_______________
हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore