भारत के बारे में क्या सोचते हैं पड़ोसी देशों के लोग
२९ अगस्त २०२४दक्षिण एशिया में 5 जनवरी से 25 मार्च के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि दक्षिण एशियाई देशों के लोग अपने पड़ोसी देशों के प्रति आमतौर पर सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं. हालांकि, भारत और पाकिस्तान के प्रति लोगों के विचार धर्म, शिक्षा और राजनीतिक विचारधारा के आधार पर काफी अलग-अलग हैं. इस सर्वेक्षण में बांग्लादेश, भारत और श्रीलंका के वयस्कों से राय ली गई.
भारत के बारे में सकारात्मक
दक्षिण एशिया के सबसे बड़े देश भारत को उसके पड़ोसी देशों में मुख्यतः सकारात्मक नजरिए के साथ देखा जाता है. सर्वेक्षण के अनुसार, 65 फीसदी श्रीलंकाई और 57 फीसदी बांग्लादेशी भारत के प्रति सकारात्मक विचार रखते हैं. हालांकि, विभिन्न समूहों में यह समर्थन अलग-अलग हो सकता है.
बांग्लादेश में राजनीतिक विचारधारा भारत के प्रति विचारों को प्रभावित करती है. सर्वेक्षण के समय सत्तारूढ़ पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग के समर्थक भारत के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण रखते थे (71 फीसदी) जबकि गैर-समर्थकों में यह प्रतिशत कम (49 प्रतिशत) था. इसी महीने अवामी लीग की सरकार गिर गई थी और प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में शरण लेनी पड़ी थी.
शिक्षा भी भारत के प्रति विचारों को प्रभावित करती है. बांग्लादेश और श्रीलंका दोनों में, उच्च शिक्षा प्राप्त लोग भारत के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं. इसके अलावा, ये लोग किसी भी विषय पर राय बनाने की अधिक संभावना रखते हैं, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक.
श्रीलंका के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण
श्रीलंका के प्रति विचारों के मामले में सर्वेक्षण से पता चलता है कि बांग्लादेशी और भारतीय आमतौर पर सकारात्मक हैं. इनमें 45 फीसदी बांग्लादेशी और 43 फीसदी भारतीय श्रीलंका के प्रति सकारात्मक विचार रखते हैं. हालांकि, दोनों देशों में बड़ी संख्या में लोग या तो इस सवाल का उत्तर नहीं दे पाए या अनिश्चित रहे, जो दिखाता है कि कुछ हद तक इस विषय पर जागरूकता की कमी या अनिच्छा हो सकती है.
भारत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के समर्थक (46 फीसदी) श्रीलंका के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं जबकि गैर-समर्थकों में यह प्रतिशत कम (39 प्रतिशत) है. इसी प्रकार, बांग्लादेश में, पूर्व सत्ताधारी पार्टी अवामी लीग के समर्थक श्रीलंका के प्रति सकारात्मक राय रखते हैं.
शिक्षा एक बार फिर से विचारों को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक है. उच्च शिक्षा प्राप्त बांग्लादेशी श्रीलंका के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं (60 फीसदी) जबकि कम शिक्षा प्राप्त लोगों में यह प्रतिशत कम (42 प्रतिशत) है.
बांग्लादेश के प्रति मिला-जुला नजरिया
श्रीलंका और भारत दोनों में बांग्लादेश के प्रति सकारात्मक विचार अधिक हैं, लेकिन इन विचारों की तीव्रता अलग-अलग है. श्रीलंका में, 47 प्रतिशत लोग बांग्लादेश के प्रति सकारात्मक राय रखते हैं, जबकि भारत में यह आंकड़ा 35 प्रतिशत है. हालांकि, दोनों देशों में बड़ी संख्या में उत्तरदाताओं ने "पता नहीं" कहा या सवाल का जवाब नहीं दिया, खासकर भारत में, जहां अनिश्चितता का स्तर सकारात्मक या नकारात्मक विचार रखने वालों से अधिक है.
यह अनिश्चितता विभिन्न कारणों से हो सकती है, जिनमें बांग्लादेश की क्षेत्रीय भूमिका के बारे में सीमित बातचीत या जागरूकता शामिल हो सकती है. सर्वेक्षण जुलाई में बांग्लादेशी पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हुई घातक झड़पों से पहले किया गया था, जो इस जनमत को प्रभावित कर सकता था.
पाकिस्तान के बारे में क्या सोचते हैं भारतीय
सर्वेक्षण किए गए देशों में पाकिस्तान को सबसे कम सकारात्मक रूप से देखा जाता है, खासकर भारत में. 61 प्रतिशत भारतीय पाकिस्तान के प्रति नकारात्मक राय रखते हैं, जबकि केवल 12 फीसदी सकारात्मक राय रखते हैं. यह नकारात्मक दृष्टिकोण 2013 में इस प्रश्न को पहली बार पूछे जाने के बाद से लगातार बना हुआ है. 1947 में भारत के विभाजन से जन्मे ऐतिहासिक तनाव और वर्तमान भू-राजनीतिक मुद्दे दोनों देशों के संबंधों को तनावपूर्ण बनाए रखते हैं.
इसके विपरीत, श्रीलंकाई और बांग्लादेशियों के पाकिस्तान के प्रति विचार अधिक संतुलित हैं. श्रीलंका में 44 प्रतिशत और बांग्लादेश में 40 प्रतिशत लोग पाकिस्तान के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं. हालांकि, दोनों देशों में अल्पसंख्यक नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं. श्रीलंका में 25 फीसदी और बांग्लादेश में 32 फीसदी मुसलमान पाकिस्तान के बारे में नकारात्मक सोच रखते हैं.
धर्म के आधार पर क्षेत्रीय विचार
सर्वे के मुताबिक धार्मिक आस्था यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि दक्षिण एशियाई लोग अपने पड़ोसियों को कैसे देखते हैं. बांग्लादेश और श्रीलंका दोनों में, हिंदू अन्य धार्मिक समूहों की तुलना में भारत के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं. उदाहरण के लिए, श्रीलंका में 80 फीसदी हिंदू भारत के प्रति सकारात्मक राय रखते हैं, जबकि बौद्धों, ईसाइयों और मुसलमानों में यह संख्या 70 प्रतिशत से कम है.
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इसी तरह, बांग्लादेश और भारत में श्रीलंका के प्रति हिंदू, मुसलमानों की तुलना में अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं. बांग्लादेश में 62 फीसदी हिंदू श्रीलंका के प्रति सकारात्मक राय रखते हैं, जबकि 44 प्रतिशत मुसलमान ऐसा मानते हैं. यह धार्मिक अंतर सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान के साझा बंधनों को दर्शाते हैं, जो क्षेत्रीय दृष्टिकोण को आकार देते हैं.
दूसरी ओर, भारतीय मुसलमान पाकिस्तान के प्रति हिंदुओं की तुलना में कोई ना कोई राय रखते हैं. सर्वे में शामिल 22 फीसदी मुसलमानों ने अपनी राय जाहिर की, जबकि हिंदुओं में यह संख्या 11 फीसदी थी.