साल 2015 में जब लाखों लोगों ने सीरिया से भाग कर यूरोप का रास्ता चुना, तब अंगेला मैर्केल ने उनका स्वागत किया. जहां बाकी देश दरवाजे बंद कर रहे थे, अंगेला मैर्केल ने लोगों की जान बचाना अपनी जिम्मेदारी बताया. इसी दौरान मैर्केल के कहे तीन शब्द, "वियर शाफेन दस" यानी "हम कर सकते हैं" एक बड़े नारे के रूप में उभरे. मैर्केल की शरणार्थी नीति को उनके कार्यकाल के सबसे मुश्किल फैसलों में से एक बताया जाता है.