हैम्बर्ग का कॉन्सर्ट हॉल
दर्जन बार की देरी, कई गुना बढ़ा बजट, मुकदमे और ऐसी ही कई दिक्कतों के बीच बनी यह इमारत देखकर आप कहेंगे, लाजवाब. यह जर्मन के हैम्बर्ग में बना एल्बफिलहार्मनी कॉन्सर्ट हॉल है. हॉल जनवरी में खुलेगा. देखिए, क्या शानदार है...
शहर की पहचान
शहर के किनारे पर खड़ी यह इमारत समुद्र में दूर से नजर आती है. यूं लगता है कि शीशे की इमारत हवा में तैर रही है. शीशे का यह ढांचा स्टील के भीमकाय 362 स्प्रिंग्स पर खड़ा है.
लहरदार छत
इमारत की सबसे अद्भुत चीज इसकी छत है. समुद्र किनारे बनी इस इमारत की छत को लहरों की शक्ल दी गई है. सिर्फ पानी की लहरें नहीं, ध्वनि की लहरें भी प्रतीक के रूप में मौजूद हैं.
ऐसा है प्लाजा
37 मीटर या 121 फुट ऊंचे इस प्लाजा में आम जनता के लिए आवाजाही मुफ्त है. इसके अंदर 45 लग्जरी अपार्टमेंट, 250 कमरों का होटल और दो कॉन्सर्ट हॉल हैं.
10 साल का सफर
इस इमारत का निर्माण 2007 में शुरू हुआ था. यहां पहले एक प्राचीन गोदाम हुआ करता था. पहले उसकी मरम्मत की गई फिर उसके ऊपर हॉल खड़ा किया गया.
अंतहीन निर्माण
इसे पूरा हो जाना था 2010 में. लेकिन 24 घंटे काम चलने के बावजूद 7 साल की देर हुई. और बजट भी तयशुदा 8.56 करोड़ डॉलर से 10 गुना ज्यादा हो गया.
निर्माण टूरिजम
यह निर्माण इतना लंबा चला कि इसे देखने ही लोग आने लगे थे. एक साल में 30 हजार लोग इसे देखने आते थे और विवादों की कहानियां सुनते थे.
दीवार पर लहर
इसका डिजायन लहरदार है. इस डिजायन को हर जगह इस्तेमाल किया गया है. यहां तक कि जो अपार्टमेंट्स हैं, उनकी दीवारों भी लहरदार ही हैं.
आर्किटेक्ट
इमारत का डिजायन तैयार किया है स्विट्जरलैंड के पिएरे पे म्यूरॉन (तस्वीर में) और याकेस हेर्त्सोग ने. बीच निर्माण कंस्ट्रक्शन कंपनी से उनका झगड़ा हो गया था.
विरोध
पिछले 10 साल में एल्बफिलहार्मनी हैम्बर्ग की परेशानी ज्यादा बना रहा. शहर के लोगो ने इसके विरोध में कई बार प्रदर्शन किए और इसे फिजूलखर्ची बताया.
अब हैम्बर्ग
इस इमारत के बनने से शहर की स्काइलाइन की खूबसूरती बढ़ी है. जैसा रुतबा सिडनी के ओपरा हाउस का है, वैसा ही यहां एल्बफिलहार्मनी का होगा.
कॉन्सर्ट हॉल
यह कॉन्सर्ट हॉल का नजारा है. 2150 सीटों वाला यह हॉल है. जापानी साउंड इंजीनियर यासुहिसा टोयोटा ने ध्वनियों को भी विशेष स्थान दिया है.
एल्बफिलहार्मनी बुक
लेखक योआखिम मिसके और फोटोग्राफर मिषाएल जाफ ने इस पूरे निर्माण कार्य पर एक किताब तैयार की है, जिसमें इमारत के हर पहलू की कहानी है.