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समाज

कोरोनाः खाड़ी में किस हाल में हैं प्रवासी मजदूर?

१ अप्रैल २०२०

खाड़ी देशों में प्रवासी श्रमिकों को अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वहां तालाबंदी लागू है. इस वजह से नियोक्ता वेतन रोक रहे हैं या कर्मचारी बिना काम के बैठे हैं. सख्ती में निर्वासन और कारावास तक शामिल है.

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Saudi Arabien ausländische Arbeiter im Baugewerbe
तस्वीर: Getty Images/AFP/F. Nureldine

कतर में पाकिस्तान के 27 साल के एक इंजीनियर कहते हैं,  "हम यहां पिछले 10 दिनों से तालाबंदी में हैं. हमें नहीं पता कि लॉकडाउन कब खत्म होगा." यह इंजीनियर अनिवार्य क्वारंटीन के तहत दूसरा हफ्ता बिता रहा हैं. इंजीनियर ने बताया, "हम जिस मूल समस्या का सामना कर रहे हैं वह राशन है. सरकार हमें भोजन मुहैया करा रही है लेकिन वह कुछ ही दिनों के लिए है और छोटी-मोटी चीजें दे रही हैं.”

यह उन लाखों कर्मचारियों में शामिल हैं जिन्हें सख्ती के साथ दोहा औद्योगिक क्षेत्र में रखा गया है. यहां पिछले दिनों एक दर्जन मजदूरों में कोविड-19 की पुष्टि हुई थी. मजदूरों के लिए काम करने वाले अधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आगाह किया है कि तंग आवास और अपर्याप्त स्वच्छता ऐसे लाखों प्रवासी मजदूरों को पूरे खाड़ी में खतरे में डाल सकता है जिनके पास स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच उपलब्ध नहीं है.

उन्हें वेतन नहीं मिलने और मनमाने ढंग से बर्खास्तगी या निर्वासन का भी सामना करना पड़ रहा है. ऐसे लोगों की आय पर चलते उनके परिवारों के सामने एक नई आपदा पैदा हो सकती है.

खाड़ी में एचआरडब्ल्यू की शोधकर्ता हिबा जयादीन कहती हैं, "खाड़ी में प्रवासी श्रमिक पहले से ही वंचित हैं. यहां श्रम कानून ऐसे हैं जो नियोक्ताओं को प्रवासी श्रमिकों पर अत्यधिक अधिकार देते हैं और जिससे उनके शोषण को बढ़ावा मिलता है.”जयादीन का कहना है, "खाड़ी देशों को प्रवासियों के केंद्रों में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उपायों को लागू करने के लिए और अधिक काम करने की जरूरत है."

खाड़ी क्षेत्र में अब तक 3,200 से अधिक संक्रमण के मामलों की पुष्टि हो चुकी है. एमनेस्टी का कहना है कि जो मजदूर "कैंपों में फंसे" हुए हैं उनको खतरा अधिक हैं.  वहां ऐसे हालात हैं कि सामाजिक दूरी संभव नहीं है.

तेल समृद्ध खाड़ी क्षेत्र में विदेशी श्रमिक मुख्य रूप से बांग्लादेश, भारत, नेपाल और पाकिस्तान से आते हैं और यह दुनिया भर में सभी प्रवासियों का लगभग 10 प्रतिशत है. समाचार एजेंसी एएफपी से बात करने वाले कई लोगों का कहना है कि वे अब अपने स्वास्थ्य और नौकरी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. सऊदी अरब में प्रवासी मजदूरों की संख्या करीब एक करोड़ है.

सऊदी अरब में काम करने वाले कुछ श्रमिकों को शिकायत है कि क्वारंटीन के दौरान उनके बॉस ने उन्हें काम करने को कहा जबकि सऊदी नागरिकों को वेतन के साथ छुट्टी दी गई. एक और कर्मचारी ने बताया कि उसे कहा गया कि अगर वह अस्वस्थ महसूस कर रहा है तो बिना वेतन के छुट्टी ले सकता है, लेकिन उसने काम जारी रखने का विकल्प चुना.रियाद स्थित एक अरब राजनयिक ने एएफपी को बताया, "निजी क्षेत्र के अधिकतर कर्मचारी काम बंद होने की वजह से कष्ट उठा रहे हैं क्योंकि मालिक उन्हें बिना वेतन के घरों में बैठने के लिए मजबूर कर रहे हैं. निजी क्षेत्र के लिए प्रशासन के मुआवजे के बावजूद, श्रमिकों की देखभाल किए बिना मालिक बंद के कारण हुए नुकसान की भरपाई कर रहे हैं.”

सऊदी अरब के बाद संयुक्त अरब अमीरात में 87 लाख प्रवासी मजदूर काम करते हैं और उसके बाद 28 लाख प्रवासी कामगार कुवैत में काम करते हैं. दोहा स्थित अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के दफ्तर का कहना है कि कई नियोक्ताओं ने अपने श्रमिकों को अधिक विशाल आवासों में पहुंचाया है जिससे संक्रमण का खतरा कम हो पाए.

एए/सीके (एएफपी)

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