लैंगिक समानता में कहां ठहरता है भारत
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट बताती है कि महिला और पुरुष के बीच अधिकारों का अंतर कम करने की गति बहुत धीमी है. देखिए, कौन सा देश कहां ठहरता है.
सबसे अच्छा आइसलैंड
2024 की ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट के मुताबिक महिला-पुरुष समानता के मामले में सबसे अच्छा देश आइसलैंड है. यह एकमात्र देश है जहां अंतर को 90 फीसदी तक कम कर दिया गया है.
पहले दस में सात यूरोपीय देश
जेंडर गैप इंडेक्स में शामिल पहले दस देशों में सात यूरोप के हैं. आइसलैंड (1) के बाद फिनलैंड (2) , नॉर्वे (3), स्वीडन (5),जर्मनी (7), आयरलैंड (9) और स्पेन (10) का नंबर है. अन्य तीन स्थान न्यूजीलैंड (4), निकारागुआ (6) और नामीबिया (8) को मिले हैं.
भारत 129वें नंबर पर
जेंडर गैप के मामले में भारत 146 देशों में 129वें नंबर पर है, जो पिछले साल से दो रैंक कम है. वह सऊदी अरब से भी नीचे है, जिसकी रैंकिंग 127 है.
पाकिस्तान नीचे से दूसरे नंबर पर
जेंडर गैप के मामले में सभी दक्षिण एशियाई देशों की हालत खराब है. सात में से छह देशों की रैंकिंग 100 के नीचे है. पाकिस्तान तो 145वें नंबर पर है और उससे नीचे सिर्फ सूडान है. बांग्लादेश की रैंकिंग 99 है, जबकि चीन 106 पर है.
पहले से बेहतर हुई स्थिति
रिपोर्ट कहती है कि 2024 में स्थिति पहले से मामूली सी बेहतर हुई है. 146 देशों के अध्ययन के बाद वैश्विक औसत .1 फीसदी बढ़कर 68.5 पर पहुंच गया है. 97 फीसदी देश ऐसे हैं जहां जेंडर गैप को 60 फीसदी से ज्यादा पाटने में कामयाबी मिली है.
कैसे दी गई रैंकिंग?
यह रैंकिंग महिलाओं की अर्थव्यवस्था में भागीदारी और मौकों की उपलब्धता, शिक्षा, स्वास्थ्य और राजनीतिक सशक्तिकरण जैसे कारकों पर आधारित है.