यूपी चुनाव में लड़कियों का दांव
वे युवा हैं, शिक्षित हैं और खूबसूरत भी. कुछ के पास तो अपनी राजनीतिक विरासत भी हैं लेकिन अपने दम पर कुछ कर दिखाने की ललक में वो ग्लैमर के अलावा चुनाव के दांव-पेंच खूब समझ रही हैं.
प्रियंवदा राणा
पिता राजेन्द्र राणा सरकार में मंत्री थे लेकिन उनकी असमय मृत्य के बाद सपा ने उनकी मां को चुनाव लड़वाया. प्रियंवदा की शादी को कुछ समय ही हुआ था. इस बार पार्टी उनको चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है. मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के बावजूद प्रियंवदा इस बार जीत के लिए आश्वस्त हैं.
अदिति सिंह
पिता अखिलेश सिंह कांग्रेस विरोधी हैं लेकिन अदिति ने अगस्त में कांग्रेस ज्वाइन कर ली. वह रायबरेली से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. कहते हैं कि उनका राजनीति में पदार्पण प्रियंका गांधी के कहने पर हुआ. अदिति तीन साल पहले अमेरिका से पढ़ कर लौटी हैं. वह अपनी मीटिंग्स में युवाओं से सीधा संवाद करती हैं. उनकी बातें सुन कर लोग उन्हें धाकड़ गर्ल कहने लगे हैं.
अपर्णा यादव
लंदन से संगीत में डिग्री धारक, अपर्णा उत्तर प्रदेश में विशेष स्थान रखती हैं क्योंकि वह मुलायम सिंह यादव की बहू हैं. मुलायम के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी. अपर्णा इस बार लखनऊ की कैंट विधान सभा सीट से सपा की उम्मीदवार हैं. उनके पति राजनीति से अलग ही रहते हैं. सुरीली आवाज की धनी, अपर्णा ने अपनी पार्टी के लिए चुनावी गीत की सीडी भी तैयार की है.
नाशी खान
मात्र 26 साल की उम्र में नाशी उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े इलाके जिला कासगंज में पटियाली विधान सभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. लॉ ग्रेजुएट नाशी इस समय सरकारी कोऑपरेटिव संस्था पैकफेड में निदेशक हैं. इस समय उनके क्षेत्र से उनकी मां नजीबा जीनत समाजवादी पार्टी की विधायक हैं. वह बुलेट चलाती हैं और निशानेबाज भी हैं. उनकी फोटो को क्षेत्र में युवा अपने मोबाइल पर वॉलपेपर की तरह लगाते हैं.
श्वेता सिंह
इको-टूरिस्म में डॉक्टरेट श्वेता लखनऊ ईस्ट सीट से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार हैं. लोगों की भीड़ उन्हें देखने आती है. वह महिला आयोग की सदस्य और सपा की महिला शाखा की अध्यक्ष भी हैं. उनकी पंचलाइन, 'आप साथ हैं, तो बात है' और होर्डिंग्स का क्रिएटिव डिजायन पार्टी ने भी अपना लिया है.