सूखे में दम तोड़ रही हैं जर्मनी की नदियां
जर्मनी में कई हफ्तों से बारिश के ना होने की वजह से राइन, ओडर, स्प्री और अन्य नदियों में जलस्तर इतना नीचे चला गया है जितना पहले कभी नहीं गया. लेकिन कुछ चौंकाने वाली बातें भी सामने आ रही हैं.
नहीं चल पा रहे जहाज
जब एक मालवाहक जहाज पर सामान पूरी तरह से लद जाता है तब इस तस्वीर में दिख रहे जहाज के नीचे को काला हिस्सा है वो पूरा का पूरा पानी के नीचे चला जाता है. लेकिन इस समय जर्मनी की नदियों में ऐसा नहीं हो रहा है. जहाजों पर अब बस आंशिक रूप से माल लादा जा रहा है. उसकी भी एक सीमा है. अगर सामान भी एक न्यूनतम सीमा तक नहीं लादा गया तो जहाज से यातायात फायदे का सौदा नहीं होगा.
बिजली उत्पादन पर असर
नदियां बिजली संयंत्रों और औद्योगिक उत्पादन स्थलों पर ठंडक का भी महत्वपूर्ण स्रोत हैं. अगर पानी का स्तर बहुत नीचे चला जाता है, तो ठंडा करने के लिए पानी उपलब्ध ना होने की वजह से बिजली संयंत्रों को बंद भी करना पड़ सकता है.
राइन का हाल
यह कॉब के पास मिडल राइन का हाल है. इस तस्वीर में नदी में पानी की कमी साफ दिखाई दे रही है. पानी का स्तर जब 1.5 मीटर या पांच फुट से भी कम हो जाता है तब जहाजों का निकलना खतरनाक हो जाता है. 15 अगस्त तक यह 1.43 मीटर तक गिर गया था.
फेरी का काम भी बंद
कुछ फेरियां भी नहीं चल पा रही हैं क्योंकि इन हालात में वो किनारे तक नहीं पहुंच पा रही है. अपर राइन के मानहाइम का यह नजारा देखिए. इसका लोगों की आवाजाही पर असर पड़ता है और नजदीक में कोई पुल ना होने की वजह से उन्हें लंबा रास्ता लेना पड़ता है.
तट चौड़े हो गए हैं
हफ्तों की गर्मी से पानी भी गर्म हो गया है. कोलोन कैथेड्रल के पास नदी का तट असाधारण रूप से चौड़ा हो गया है. स्थानीय लोग इसका आनंद तो ले रहे हैं लेकिन अधिकारियों ने तैराकी ना करने की चेतावनी दी है क्योंकि राइन में बहाव अभी भी बहुत खतरनाक है.
यात्री जहाजों की अलग कहानी
एल्ब नदी के ऊपरी हिस्सों में मालवाहक जहाज तो हफ्तों से नहीं चल पाए हैं, लेकिन यात्री जहाज कुछ स्थानों पर अभी भी चल रहे हैं. ऐसे जहाज कम पानी में भी चल लेते हैं. यह तस्वीर ड्रेस्डेन की है.
बाढ़ से सूखे तक
बस एक ही साल पहले राइनलैंड-पलैटिनेट की आर नदी में भयानक बाढ़ आई थी, जिसमें 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे और सैकड़ों घर नष्ट हो गए थे. पर आज आर नदी इतनी सिकुड़ चुकी है. यह तस्वीर बाड नॉयनआर की है.
यहां एक नदी थी
यह कोई सड़क नहीं बल्कि बेडन-वुर्टेमबर्ग में फ्रीबर्ग के पास बहने वाली छोटी सी नदी ड्रेसम का तल है. यह जर्मनी की उन कई छोटी नदियों में से है जो लगभग पूरी तरह से सूख चुकी हैं.
देखिए नदी से क्या निकला
कुछ लोग बेकार हो चुकी चीजों को राइन में बहा देते हैं. यह पुरानी साइकिल नदी में जलस्तर के सूखने के बाद सामने आई. अधिकारियों के पास अब इस तरह के कचरे का ठीक से निपटान करने का मौका है.
त्रासदी के निशान
डच सीमा के करीब राइन के निचले इलाके में एक टूटी हुई नाव के अवशेष निकल कर आये हैं. लकड़ी की पाल वाली नाव 'द एलिजाबेथ' 1895 में यहां डूब गई थी. उसमें लदे सामान में जाने कैसे विस्फोट हो गया था, जिसकी वजह से एक दर्जन से भी ज्यादा लोग मारे गए थे.
खतरनाक सामान
यह द्वितीय विश्व युद्ध के समय का एक हवाई बम है जो फटा नहीं था. यह उत्तरी इटली में सूख चुकी पो नदी के तल से निकला. इसे तो नियंत्रित तरीके से फोड़ दिया गया लेकिन अब जर्मनी में इस तरह की खतरनाक खोजों को लेकर चिंताएं उत्पन्न हो रही हैं.