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कौड़ियों में खरीदी पुरानी घड़ी में निकले 20 लाख रुपये

२५ दिसम्बर २०१९

एक जर्मन नागरिक ने फ्ली मार्केट से एक पुरानी घड़ी खरीदी. उसमें 50 हजार डी मार्क निकले. जर्मनी में चलने वाली डी मार्क मुद्रा 2001 में बंद हो गई है. लेकिन उसे फिर भी 20 लाख रुपये जितनी कमाई हो गई. कैसे, जानिए.

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Bundesrepublik Deutschland l Geldschein - Banknote 1000 DM/ 1991
तस्वीर: picture-alliance/akg-images

फ्ली मार्केट यूरोप में लगने वाले वो बाजार हैं जिनमें पुरानी चीजों को बेचा और खरीदा जाता है. ऐसे बाजार से खरीदी गई एक पुरानी घड़ी में एक जर्मन व्यक्ति को 50 हजार डॉयचमार्क मिले. डॉयचमार्क जर्मनी की पुरानी मुद्रा है जो 2001 तक चलन में थी. अब इस मुद्रा में कोई लेन देन नहीं होता है. लेकिन ये बैंक से बदल जाती है. घड़ी में ये मुद्रा लोअर सेक्सॉनी राज्य के आउरिख इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति को मिली.

इस व्यक्ति ने इस रकम को खोया पाया विभाग में जमा करवा दिया. खोया पाया विभाग में किसी भी चीज को छह महीने तक रखा जाता है. छह महीने रखने के बाद इस चीज को जमा करवाने वाले व्यक्ति को ही वापस कर दिया जाता है. छह महीने पूरे हो जाने के बाद इस मुद्रा को भी उसी व्यक्ति को लौटा दिया गया. 18 साल पहले बंद हो चुकी इस मुद्रा को जर्मनी के केंद्रीय बैंक में जमाकर यूरो से बदला जा सकता है. इसके लिए एक निश्चित प्रशासनिक फीस देनी पड़ती है. इस व्यक्ति ने भी ऐसा ही किया. इतनी राशि को बदलने के लिए उसे 576 यूरो (करीब 45 हजार रुपये)  की फीस जमा की और इन्हें यूरो से बदलवा दिया.

Euroscheine
ये हैं यूरो.तस्वीर: picture-alliance/dpa/U. Baumgarten

50,000 डॉयचमार्क मतलब कितने रुपये?

2001 में बंद किए गए डॉयचमार्क को डी-मार्क या मार्क भी कहा जाता है. सरकार ने इसकी एक्सचेंज रेट 1 यूरो बराबर 1.95583 मार्क तय कर रखी है. इसका मतलब 50 हजार मार्क के बदले उन्हें 25,500 यूरो यानी लगभग साढ़े बीस लाख रुपये मिले. जर्मनी को नगद मुद्रा रखने वाली अर्थव्यवस्था माना जाता है. यहां के लोग बचत में यकीन रखते हैं. कई लोग अपनी मुद्रा छिपा कर भी रखते हैं. केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि 2018 तक भी करीब 63 लाख यूरो कीमत के डी-मार्क लोगों के पास रखे हैं जो उन्होंने बदले नहीं हैं.

इस पुरानी मुद्रा के मिलने की कहानियां कई पुराने सामानों से जुड़ी हुई हैं. पुराने सोफों में से निकलने वाले सिक्के या किसी पुरानी निशानियों में रखे गए नोटों की कहानियां बेहद आम हैं. लेकिन इस मुद्रा की कीमत इतनी ज्यादा नहीं होती है कि लोग इसे बदलने के लिए बैंक तक जाएं. यूरो इस्तेमाल करने वाले कई देशों ने अपनी पुरानी मुद्रा को यूरो से बदलने पर रोक लगा रखी है. जैसे फ्रांस, इटली और ग्रीस में पुरानी मुद्रा को यूरो से नहीं बदला जा सकता. जर्मनी ने अभी कोई फैसला नहीं किया है कि क्या आगे भी इसी तरह वो मार्क को यूरो से बदलना जारी रखेगा या नहीं लेकिन फिलहाल तो बदलाव जारी है.

रिपोर्ट: इलियोट डगलस/आरएस

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