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कानून और न्याय

अदालत ने कहा सिखों को बाइक चलाने के लिए हेलमेट जरूरी

४ जुलाई २०१९

जर्मनी की सर्वोच्च प्रशासनिक अदालत ने अपने फैसले में कहा कि हेलमेट पहनना अपने साथ दूसरों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है. ऐसे में किसी भी तरह की छूट नहीं दी जा सकती है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa/D. Dyck

जर्मनी के लाइपजिग शहर में स्थित सर्वोच्च प्रशासनिक अदालत 4 जुलाई को सिख वाहन चालकों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा है कि दोपहिया वाहन चलाने वाले पगड़ीधारी सिखों को वाहन चलाते समय हेलमेट लगाना जरूरी होगा. 2013 में जर्मनी के दक्षिण में स्थित कोंस्टांस शहर ने एक सिख को बिना हेलमेट के पगड़ी पहने मोटरसाइकिल चलाने की अनुमति देने से मना कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ प्रशासनिक मामलों की उच्चतम अदालत में अपील दायर की गई थी.

अदालत ने कहा कि हेलमेट पहनने का कर्तव्य सिर्फ चालक की ही नहीं बल्कि दूसरों की सुरक्षा के लिए भी है. अपीलकर्ता ने हेलमेट पहनने से छूट की मांग करते हुए कहा था कि हेलमेट पहनने से उसकी धार्मिक स्वतंत्रता का हनन होता है. धर्मपरायण सिख के रूप में पगड़ी पहनना उसका कर्तव्य है. प्रशासनिक जज ने छूट की मांग ठुकराते हुए कहा कि उसे धार्मिक स्वतंत्रता में कटौती स्वीकार करनी होगी क्योंकि यह दूसरों के अधिकारों के हक में है. जज ने कहा कि हेलमेट नहीं पहने व्यक्ति की दुर्घटना या मौत की स्थिति में दूसरे लोग ट्रॉमा का शिकार हो सकते हैं. हेलमेट पहने मोटरसाइकिल चालक दुर्घटना की स्थिति में दूसरों की मदद करता है या फोन कर मदद बुला सकता है.

अदालत ने ये भी कहा कि किसी भी व्यक्ति को मोटरसााइकिल पर हेलमेट लगाने से तभी छूट के बारे में तभी सोचा जा सकता है जब मोटरसाइकिल के बिना उसका काम ही ना चल सकता हो. इस मामले में अपीलकर्ता व्यक्ति के पास कार और वैन का भी लाइसेंस हैं. ऐसे में इसके बारे में सोचा ही नहीं जा सकता.

भारत, पाकिस्तान, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में पगड़ी पहने हुए सिख दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने से छूट दी गई है.

आरएस/एमजे (एएफपी)

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