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खेलों में मांओं के लिए लड़ रही है ये जर्मन मैराथन धावक

थोमस क्लाइन
२१ मार्च २०२४

कई महिला एथलीटों के लिए मातृत्व और पेशेवर खेलों के बीच तालमेल बिठाना कठिन होता है. मैराथन धावक फाबिएन कुनिगश्टाइन इस मामले में एक आदर्श स्थापित करना चाहती हैं.

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Hamburg-Marathon
तस्वीर: Christian Charisius/dpa/picture alliance

सुबह के 6:00 बजते ही केन्या के एक छोटे से कस्बे ईटन के छोटे-छोटे बंगलों में बत्तियां जलनी शुरू हो जाती हैं. समुद्र तल से 2,400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित और नैरोबी से 350 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम दिशा में बसे इस नगर में एथलीट 'होम ऑफ चैंपियंस' नाम की जगह पर जुटकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं.

खासी ऊंचाई पर स्थित इस प्रशिक्षण शिविर में सैकड़ों धावक मैराथन और ओलंपिक खेलों की तैयारी करते हैं. जर्मन मैराथन धावक फाबिएन कुनिगश्टाइन भी उनमें से एक हैं.

अपने पति और छोटी सी बेटी स्कादी के साथ मिलकर 31 वर्षीय कुनिगश्टाइन ने ईटन में चार हफ्तों के लिए घर लिया है ताकि वह प्रतिष्ठित बोस्टन मैराथन समेत अन्य प्रतियोगिताओं के लिए खुद को तैयार कर सकें.

कुनिगश्टाइन
कुनिगश्टाइन की बेटी स्कादी की मौजूदगी उनके लिए बेहद जरूरी हैतस्वीर: Königstein

जहां एक ओर कुनिगश्टाइन अपने रनिंग शूज के फीते बांधकर तैयार हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर उनके पति कर्स्टेन अपनी बेटी को जल्दी तैयार कर रहे हैं, ताकि वह प्रशिक्षण के पहले दिन के सत्र के लिए समय पर पहुंच सकें.

कुनिगश्टाइन ने डीडब्ल्यू को बताया, "सबसे अच्छी बात यही है कि यहां परिवार भी साथ है." "प्रशिक्षण के साथ-साथ यहां अपने परिवार और बेटी के साथ भी मैं कुछ खुशगवार वक्त बिता सकती हूं."

बेटी के बिना संभव नहीं

कुनिगश्टाइन अक्सर प्रशिक्षण शिविरों के लिए केन्या आती रही हैं, मगर पूर्व में हमेशा अपनी टीम के साथ आई हैं, जब परिवार साथ नहीं होता था. लेकिन 2022 में मां बनने के बाद कुनिगश्टाइन की जिंदगी बदल गई.

वो कहती हैं, "स्कादी सिर्फ डेढ़ साल की है और मैं अपनी बेटी के बिना यहां नहीं आ सकती थी." वो और उनके पति कर्स्टेन बारी बारी से उनकी बेटी की देखरेख करते हैं. उन्होंने आगे कहा, "इस उम्र में देखरेख करने के लिए मां ही सबसे ज्यादा जरूरी होती है."

कुनिगश्टाइन को इस बात पर भी भरोसा नहीं था कि वह ऊंचाई वाले प्रशिक्षण शिविर में अपने परिवार के साथ आ सकती हैं, क्योंकि इसमें कड़ी मशक्कत होती है.

कार्स्टन कुनिगश्टाइन
कार्स्टन कुनिगश्टाइन (पीछे की तरफ, बाएं से दूसरे व्यक्ति) अपनी पत्नी के कोच और एक डॉक्टर के रूप में काम करते हैंतस्वीर: Königstein

उन्होंने कहा, "दरअसल मुझे ऐसा लग रहा था कि बच्चे को जन्म देने के बाद मुझे सर्दियों में ज्यादा प्रशिक्षण लेना पड़ेगा न कि इतनी ऊंचाई वाले स्थान पर, लेकिन अब जब कर्स्टेन ने अपना करियर बदल दिया है और परिवार के तौर पर हमने अपनी प्राथमिकताएं मेरे खेल को लेकर केंद्रित की हैं, तभी हमारा यहां आ पाना संभव हो सका."

कोई वित्तीय सहायता नहीं

कर्स्टन कुनिगश्टाइन ने यूनिवर्सिटी अस्पताल में बतौर बाल रोग विशेषज्ञ और खेल फिजिशियन के स्थायी पद को छोड़कर स्वनियोजित डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस शुरू की है. इसकी वजह से वह अपनी पत्नी के करियर को पूरी तरह से समर्थन दे पा रहे हैं.

उनकी मदद के बिना उनकी पत्नी के लिए अपने प्रोफेशन में आगे बढ़ पाना मुश्किल था, क्योंकि कुनिगश्टाइन जैसी महिला एथलीट, जो मां बन चुकी हैं या ऐसी खिलाड़ी जो मां बनना चाहती हैं, उन महिला खिलाड़ियों के समर्थन का अमूमन अभाव होता है.

कुनिगश्टाइन ने कहा, "कर्स्टेन और स्कादी की यात्रा, उनके रुकने और खाने-पीने का खर्च परिवार को ही वहन करना पड़ता है क्योंकि "फेडरेशन की ओर से इसके लिए किसी भी तरह का वित्तीय समर्थन नहीं मिलता."

वह चाहती हैं कि उनकी कहानी को रोल मॉडल के रूप में लेकर महिलाओं को आगे बढ़ाने में मदद की जाए और स्पोर्ट्स फेडरेशन और ओलंपिक प्रशिक्षण केंद्रों में महिला एथलीट और उनके बच्चों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएं. अन्य सामान्य कामकाजी महिलाओं की तरह ही पेशेवर महिला एथलीटों को किसी तरह का समर्थन नहीं मिलता.

फाबिएन कुनिगश्टाइन
फाबिएन कुनिगश्टाइन केन्या के ईटन में लंबे समय से तैयारी कर रही हैंतस्वीर: Königstein

कुनिगश्टाइन ने कहा, "मुझे अपने पेंशन प्रोविजन के बारे में सोचकर चिढ़ होती है. उदाहरण के तौर पर, हमें इसके लिए समर्थन नहीं मिलता. मैं सेना या पुलिस में नहीं हूं. पूरी तरह से स्वरोजगार पर निर्भर हूं. मुझे अपनी पेंशन के लिए निजी स्तर पर व्यवस्था करनी पड़ेगी." उन्हें प्रेगनेंसी के दौरान प्रतियोगिताओं में भाग न लेने के कारण किसी तरह की आमदनी नहीं प्राप्त हुई.

महिला खिलाड़ियों के लिए बच्चे एक मुश्किल चयन

कुनिगश्टाइन का यही मानना है कि खेल संघ और मदद करें. उनका कहना है, ‘इससे उन्हें (खेल में संलग्न माताएं) बेहतर नियोजन में मदद मिलेगी और साथ ही इस बात की निश्चितता भी कि वे राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनी रहेंगी और उन्हें निरंतर मदद प्राप्त होती रहेगी.'

मॉलेक्युलर बायोलॉजी में स्नातक होने के बावजूद अपने करियर में होने वाले खर्चों के लिए कुनिगश्टाइन को अपने पति की मदद लेनी पड़ती है. वो निराश भाव से कहती हैं, "स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करने के बाद आप चाहेंगे कि आप अपने पैरों पर खड़े हो सकें और खुद पैसे कमा सकें."

उनके पति सिर्फ उनके खर्चों को ही नहीं बल्कि खेल में भी उनका पूरा साथ देते हैं. बीते कुछ वर्षों से वह अपनी पत्नी के प्रशिक्षण का भी पूरा खर्च उठा रहे हैं. प्रशिक्षण के अपने पहले सेशन के दौरान कर्स्टन सपोर्ट व्हीकल पर अपनी बेटी स्कादी को गोद में बिठाए नजर आए.

फाबिएन कुनिगश्टाइन
फाबिएन कुनिगश्टाइन (दाईं तरफ से तीसरी) डीओएसबी की कार्यकारी समिति की एथलीट प्रतिनिधि के रूप में सदस्य हैंतस्वीर: Helge Prang/GES/picture alliance

जहां एक ओर स्कादी जिराफ और चिड़ियों को देखकर खुश हो रही हैं तो वहीं दूसरी ओर कर्स्टन अपनी पत्नी को कुछ सुझा रहे हैं. इस तरह का समर्थन कई अन्य खिलाड़ियों को नहीं मिल पाता. कुनिगश्टाइन कहती हैं, "उनके पास ऐसा कोई विश्वसनीय स्तंभ नहीं, जिसके सहारे वह अपना परिवार शुरू कर सकें."

'कोई जिम्मेदारी महसूस नहीं करता'

इसके बाद कुनिगश्टाइन को जर्मनी एथलेटिक्स संघ की ओर से आई एक कॉल को लेने के लिए जाना पड़ा, क्योंकि वह नीतियों में बदलाव के लिए लड़ाई लड़ रही हैं.

उन्होंने कहा, "जाहिर तौर पर ‘पेशेवर खेल में मातृत्व' एक बहुत बड़ा अवरोध है जबकि मातृत्व मेरे दिल के बहुत करीब है. मुझे लगता है कि इस विषय की अत्यावश्यकता और महत्व सभी को पता है, लेकिन आर्थिक संसाधनों और जिम्मेदारी न उठाने की कमी स्वाभाविक तौर पर दिखती है."

बड़ा सवाल यह है कि जिम्मेदारी किसको उठानी चाहिए? जर्मन ओलंपिक स्पोर्ट कनफेडरेशन, क्योंकि वह जर्मनी के खेलो के लिए जवाबदेह संगठन है? या फिर अलग-अलग खेल संगठन? या ओलंपिक प्रशिक्षण केंद्र? कुनिगश्टाइन कहती हैं, "असल में कोई भी जिम्मेदारी महसूस नहीं करता."

इन सबके बावजूद एथलीटों ने बच्चों को जन्म देने के बाद भी अपने करियर को आगे बढ़ाना जारी रखा है. इनमें स्टीपलचेज़र गेसा क्रूस, फुटबॉलर मेलानी लियोपोज और अल्माट सोल्ड और कुनिगश्टाइन आदि शामिल है.

कुनिगश्टाइन ने स्कादी के जन्म के नौ महीने बाद ही हैंबर्ग में आयोजित एक मैराथन में अपने सबसे अच्छे प्रदर्शन से भी सात मिनट कम समय में मैराथन पूरी कर ली.

कुनिगश्टाइन ने डीडब्ल्यू को बताया. "मैं गर्व महसूस करती हूं कि मैं स्वस्थ हूं और अपने परिवार और खेल दोनों के साथ सामंजस्य बैठा रही हूं जो हमेशा आसान नहीं होता और कई बार मैं भी अपनी सीमा के दायरे तक पहुंच जाती हूं.”

रिपोर्ट: थॉमस क्लाइन