इन सभी फलों से बनती है वाइन
वाइन का नाम सुनते हैं तो अंगूर ही याद आते हैं. हरे अंगूर से व्हाइट वाइन और काले अंगूर से रेड वाइन. लेकिन और भी कई फल हैं जिनका इस्तेमाल वाइन बनाने के लिए किया जाता है.
अंगूर
यूरोप में वाइन का मतलब अंगूर की वाइन से ही होता है लेकिन भारत समेत बहुत से एशियाई देशों में तरह तरह की फ्रूट वाइन प्रचलित हैं जिन्हें लोग घरों में भी बनाते हैं.
आलूबुखारा
चीन, जापान और कोरिया में प्लम वाइन काफी लोकप्रिय है. इसके अलावा आलूबुखारे से यहां प्लम लिकर भी बनाया जाता है जिसमें अल्कोहल की मात्रा काफी ज्यादा होती है.
अनार
इस्राएल में अनार से वाइन बनाई जाती है और इसे रिमोन कहा जाता है. यह खास किस्म के अनार से बनती है जो सामान्य अनार से काफी ज्यादा मीठे होते हैं.
केला
सोचने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन केले से भी वाइन तैयार की जा सकती है क्योंकि बाकी फलों की तुलना में इनमें चीनी की मात्रा काफी ज्यादा होती है. भारत की बनाना वाइन दुनिया भर में जानी जाती है.
लीची
चीन में लीची से बनी वाइन काफी पी जाती है. इसमें 10 से 18 फीसदी अल्कोहल होता है. सुनहरे रंग की इस वाइन को परंपरागत चीनी खाने के साथ पिया जाता है.
संतरा
वैसे तो अंगूर से बनी एक खास किस्म की वाइन को भी ऑरेंज या ऐम्बर वाइन के नाम से जाना जाता है लेकिन संतरों से बनी ऑरेंज वाइन बनाना बहुत ही मुश्किल होता है. इसमें साफ सफाई का बहुत ख्याल रखना होता है.
अनानास
थाईलैंड और अन्य दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में अनानास के रस से बनी वाइन काफी चाव से पी जाती है. इसमें करीब 10 प्रतिशत अल्कोहल होता है. मेक्सिको और कुछ अफ्रीकी देशों में भी यह प्रचलित है.
चेरी
पिछले कुछ सालों में डेनमार्क और क्रोएशिया में चेरी वाइन का चलन चला है. चीन में भी चेरी की खूब पैदावार होती है, इसलिए वहां भी इसे अच्छी मात्रा में बनाया जाने लगा है.
बेरी
ब्लैकबरी, ब्लूबेरी, क्रैनबेरी, गूजबेरी, सीबेरी और रसबेरी समेत कई तरह के फलों से वाइन बनाई जा सकती है. अमेरिका, पूर्वी अफ्रीका, फिलीपींस और भारत में इनका इस्तेमाल किया जाता है.
और भी कई फल
भारत के मेघालय में नाशपाती, स्ट्रॉबेरी, अमरूद, तरबूज, टमाटर, काजू और कटहल से भी वाइन बनाई जाती है. भारत सरकार ने घरों में बनने वाली इन वाइनों को कानूनी वैधता प्रदान की है.
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