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साहेल क्षेत्र में इस्लामी जिहादियों के खिलाफ फ्रांस की मुहिम

२७ नवम्बर २०१९

माली में जिहादियों से लड़ते वक्त फ्रांस के दो हेलिकॉप्टर आपस में टकरा गए, हादसे में 13 सैनिकों की मौत हो गई है.

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Mali NH 90 Transporthubschrauber bei der Operation Barkhane in Inaloglog
तस्वीर: Reuters/B. Tessier

अफ्रीकी देश माली में फ्रांसीसी सेना के दो लड़ाकू हेलिकॉप्टर अभियान के दौरान आपस में टकरा गए, जिसमें 13 फ्रांसीसी सैनिकों की मौत हो गई. फ्रांस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टर और एक मिराज लड़ाकू विमान के साथ ऑपरेशन में शामिल थे. यह हादसा माली के लिपटाको क्षेत्र में हुआ. वायुसेना के हेलिकॉप्टर और मिराज लड़ाकू विमान, सेना के उस ऑपरेशन की मदद के लिए गए थे जहां वह इस्लामी जिहादियों से लड़ाई लड़ रही थी.

चरमपंथियों पर फ्रांस के सैनिकों द्वारा हमले की कार्यवाही शुरू होते ही यह हादसा हुआ. फ्रांस की सेना के हमले के बाद चरमपंथी मोटरसाइकिल और पिक अप ट्रक में सवार होकर वहां से भागने लगे, उसी दौरान फ्रांस के दो हेलिकॉप्टर जमीन की सतह से थोड़ा ऊपर उड़ रहे थे लेकिन अचानक दोनों आपस में टकरा गए. हादसे में हेलिकॉप्टरों में सवार सैनिकों की मौत हो गई.

पिछले चार दशकों में फ्रांस की सेना के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा नुकसान है. माली में 2013 से फ्रांस की सेना अल-कायदा से जुड़े गुट के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है, जिसमें अब तक 41 फ्रांसीसी सैनिकों की मौत हो चुकी है. फ्रांस के अधिकारियों के मुताबिक माली का यह ऑपरेशन बहुत जोखिम भरा था क्योंकि यह अंधेरे में अंजाम दिया जा रहा था. हालांकि दोनों हेलिकॉप्टरों की टक्कर की असली वजह क्या रही इसका पता अब तक नहीं चल पाया है.

फ्रांस के सेना प्रमुख जनरल फ्रांस्वा लेक्वांट ने पेरिस में कहा कि दोनों हेलिकॉप्टर के  ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिए गए हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने ट्विटर पर लिखा, "इन 13 जवानों का एक ही मकसद था, हमारी रक्षा करना, मैं सिर झुकाकर उनके परिवारों और साथियों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं."

राष्ट्रपति माक्रों ने कहा कि आने वाले दिनों में शहीद हुए जवानों के लिए देश में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होगा. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना जाहिर की है. माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता ने फ्रांसीसी सेना की कोशिशों की सराहना की. उन्होंने माक्रों को लिखे खत में कहा, "नुकसान बहुत बड़ा है और साहेल इलाके के लोग शोक के इस समय में आपके साथ हैं. उन्होंने माली और साहेल देशों के लिए अपनी जान दी."

जिहादियों ने पिछले कुछ हफ्ते से सैन्य ठिकानों समेत अन्य जगहों को निशाना बनाना तेज कर दिया है. क्षेत्र में फ्रांस की कोशिशों को चरमपंथी नाकाम करना चाहते हैं. हालांकि फ्रांस की सेना ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि वे किस जिहादी गुट को निशाना बना रही थी. फ्रांसीसी सेना प्रमुख के मुताबिक इस क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट ग्रेटर सहारा सबसे बड़ा जिहादी गुट है.

अफ्रीका के माली, बुर्किना फासो, चाड, नाइजर और  मौरितानिया  में फ्रांस के 4,500 सैनिक मौजूद हैं. उनकी जिम्मेदारी स्थानीय सुरक्षाबलों को ट्रेनिंग देने और जिहादियों से मुकाबला करने में सक्षम बनाने की है. ब्रिटेन और अमेरिका की भी इस क्षेत्र में सैन्य मौजूदगी है. लेकिन ईयू सहयोगियों को पेरिस इस बात पर सहमत नहीं कर पाया है कि साहेल में लड़ाई के लिए वे भी महत्वपूर्ण सैन्य योगदान दे. करीब 50 देश फिलहाल माली में 13 हजार सैनिक और 1700 पुलिस के जवान तैनात किए हुए हैं. जर्मनी ने भी प्रशिक्षण के लिए पश्चिमी अफ्रीकी देशों में 840 सैनिकों की तैनाती की है. 

एए/ओएसजे  (एपी, एएफपी)