जेल की सलाखों से शिखर तक
जेल की सलाखें अपराधियों के लिए अंधेरी दुनिया है. लेकिन दुनिया के कई लोगों के लिए शोहरत और सत्ता के शिखर तक पहुंचने का रास्ता जेल से होकर गुजरा है. डालते हैं ऐसी ही शख्सियतों पर एक नजर:
महात्मा गांधी
भारत के स्वाधीनता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी कई बार जेल गए. इससे पहले वह दक्षिण अफ्रीका में भी जेल जा चुके थे. आज भी बहुत से लोग उनके सत्य और अहिंसा के रास्ते का लोहा मानते हैं.
जवाहर लाल नेहरू
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर नेहरू ने आजादी के आंदोलन में महात्मा गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया. इस दौरान उन्हें भी कई बार जेल जाना पड़ा.
नेल्सन मंडेला
दक्षिण अफ्रीकी नेता नेल्सन मंडेला को रंगभेद विरोधी आंदोलन के लिए 27 साल जेल में रहने पड़ा. लेकिन अपने देश में वह रंगभेद का खात्मा करने में कामयाब रहे और दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने.
आंग आन सू ची
म्यांमार में लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची को 1990 से 2010 तक जेल या नजरबंदी में रहना पड़ा. अब म्यांमार की सत्ता उनकी पार्टी के हाथ में है. 1991 में उनके संघर्ष के लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
मार्टिन लूथर किंग जूनियर
अमेरिका में अश्वेत लोगों के लिए बराबर अधिकारों की आवाज उठाने वाले मार्टिन लूथर किंग जूनियर को कई बार जेल जाना पड़ा. बर्मिंघम की जेल से लिखे उनके खतों ने आंदोलन में नई जान फूंकी.
लियु शियाओबो
चीन में लोकतंत्र समर्थक और मानवाधिकार कार्यकर्ता लियू शियाओबो को 2010 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया. लेकिन चीन की सरकार उन्हें देशद्रोही मानती रही. कैंसर से पीड़ित लियु ने जेल में ही आखिरी सांस ली.
किम दाए जुंग
दक्षिण कोरिया में किम दाए जुंग को 1976 से 1979 तक जेल में रहना पड़ा. 1980 में उन्हें अमेरिका निवार्सित कर दिया गया. 1985 में उन्होंने वापसी की और 1998 में वह देश के राष्ट्रपति बने.
अनवर इब्राहिम
मलेशिया में पूर्व उप प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम यौन दुराचार के आरोपों में तीन साल तक जेल में रहे. इसी साल रिहा होने वाले इब्राहिम को अब मलेशिया के भावी प्रधानमंत्री के रूप में देखा जा रहा है.