वो परी-महल सा होटल जहां मोदी पहुंच रहे हैं
रविवार से जी-7 देशों की बैठक शुरू हुई जो दूसरी बार दक्षिण जर्मनी के मशहूर श्लोस एलमाऊ कासल में हो रही है. इस पांच सितारा लग्जरी होटल को परी-महल सा कहा जाता है. क्यों खास है यह होटल...
जहां है, वहां होना ही खास है
लोकेशन सबसे अहम बात है. यह बात यूं तो हर रीयल एस्टेट के लिए कहा जाता है लेकिन एलमाऊ कासल इस बारे में हर मानक पर खरा उतरता है. यह ऑस्ट्रिया की सीमा के नजदीक दक्षिण जर्मनी में म्यूनिख से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर आल्प्स पर्वत के सबसे खूबसूरत क्षेत्रों में से एक में है. यूं पहाड़ों के भीतर शांत जगह पर होना इसे हरेक के लिए स्वप्न सरीखा बना देता है, राष्ट्राध्यक्षों के लिए भी.
धूप आती है क्या?
धूप का आना, ना आना यहां उतनी अहमियत नहीं रखता क्योंकि जब धूप ना हो, तब भी दूर तक पसरे हुए घास के मैदान चमक रहे होते हैं. उन मैदानों पर मेहमानों के पसर कर लेट जाने के लिए जगह-जगह छतरियां और बेंच लगे हुए हैं, जहां सुकून से दिनभर बिताया जा सकता है. इस होटल के मुख्य हिस्से का नाम है द हाइडअवे, यानी छिपने की जगह. और यह नाम अपनी जगह को चरितार्थ भी करता है.
भीड़ का जर नहीं
हाइडअवे नाम का यह हिस्सा वाकई छिपने की जगह है. यहां भीड़ होने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि सिर्फ 35 फीसदी कमरों को ही किराए पर दिया जाता है. ज्यादातर जगह सार्वजनिक है, इसलिए कभी यहां भीड़ महसूस नहीं होती. होटल में लाइब्रेरी, किताबों और कपड़ों की दुकान भी है.
कॉन्सर्ट हॉल
श्लोस एलमाऊ में एक कॉन्सर्ट हॉल है जहां सालभर में दो सौ से ज्यादा प्रदर्शन होते हैं. यानी यह होटल जर्मनी के सबसे बड़े आयजकों में से एक है और यहां प्रदर्शन करने वाले संगीतकारों को धन नहीं दिया जाता. वे मुफ्त में होटल में रह सकते हैं. इस योजना को होटल ‘प्ले टु स्टे’ कहता है. और मेहमान इन कॉन्सर्ट को मुफ्त में देख सकते हैं.
ऐतिहासिक बेंच
2015 की जी-7 बैठक के दौरान ली गई यह तस्वीर बहुत चर्चित हुई थी. इसमें अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा जर्मनी की तत्कालीन चांसलर अंगेला मैर्केल की बात को बड़े गौर से सुन रहे हैं. अब यह बेंच फोटो लेने की पसंदीदा जगह बन चुका है.
हर जगह हाथी
एक चीज एलमाऊ श्लोस में हर जगह नजर आती है, और वह है हाथी. कुर्सियों, पर्दों, प्लेटों और कप आदि तक पर हाथी दिख जाएगा. दरअसल, इस कासल के मालिक म्युलर-एलमाऊ को यह कपड़ा भारत में एक छोटी सी दुकान में दिखा था. इस कपड़े और इस पर छपे हाथी पर वह फिदा हो गए. भारत में अपने वास के दौरान उन्होंने जाना था कि हाथी बुद्धिमत्ता और यादाश्त का प्रतीक होता है. बस, उन्होंने हाथी को होटल के डिजाइन का हिस्सा बना दिया.
छोटी मेज का अर्थ
श्लोस एलमाऊ में कुल नौ रेस्तरां हैं जहां लगभग हर तरह का खाना उपलब्ध होता है. सबसे मशहूर है लूक डे ओर, जहां के शेफ क्रिस्टोफ राएनर हैं. इस रेस्तरां में 12 कोर्स खाना मिलता है. यहां हर छोटी-छोटी चीज का ध्यान रखा गया है जैसे बड़ी मेज की बगल में यह छोटी मेज जो सिर्फ बैग रखने के लिए है.
राजाओं सा स्नान
प्रचीन काल के महाराजाओं के स्नानगारों की तर्ज पर यहां एक विशाल स्पा है जिसका आकार 5,400 वर्गफुट है. इसमें चार ट्रीटमेंट रूम, तीन डोम रूम, दो स्टीम बाथ और ऑरिएंटल टी लाउंज व मसाज ट्रीटमेंट जैसे विकल्प उपलब्ध हैं.
होटल के भीतर होटल
2015 में श्लोस एलमाऊ ने एक खास होटल शुरू किया, जिसे बनाया ही जी-7 की जरूरत के हिसाब से था. इसे द रीट्रीट कहा गया. मुख्य होटल द हाइडअवे से मात्र 300 मीटर दूर. इसमें 47 कमरे हैं. दुनियाभर के सबसे बड़े नेताओं को अहम मुद्दों पर चर्चा करने के लिए शांति और सुकून के साथ-साथ जो भी चाहिए, वह यहां उपलब्ध है. राष्ट्राध्यक्ष इसी होटल में रुकते हैं. बाकी लोग हाइडअवे में रुकते हैं.
टीवी किसे चाहिए!
द रीट्रीट के तीन ओर से वेटरश्टाइन पहाड़ियां दिखती हैं और दृश्य इतना मनोरम है कि टीवी की शायद ही जरूरत पड़ती हो. फिर भी, हर कमरे में टीवी है. हर बेडरूम के साथ एक लिविंग रूम, हॉलवे, स्टोरेज रूम एक छोटा कमरा भी है.