फेसबुक पर चल गई धमाके की फर्जी खबर
२८ दिसम्बर २०१६फेसबुक पर एक फर्जी बम अलर्ट जारी होने से थाईलैंड के सोशल मीडिया यूजर्स में हड़कंप मच गया. लोग बताने लगे कि वे सेफ हैं और अपने जानकारों का हालचाल पूछने लगे. आखिर बात बम धमाके की थी. बैंकॉक जैसे शहर में, जहां बम धमाके हो चुके हैं, डर फैल रहा था. लेकिन समस्या यह थी कि धमाका कहां हुआ है, यह किसी को पता नहीं था. फेसबुक से अलर्ट जारी हुआ था जिसमें बताया गया था कि बैंकॉक में धमाका हुआ है. यह भी कहा गया कि कई सोर्स इसकी पुष्टि कर रहे हैं. लेकिन और कोई जानकारी नहीं थी.
फेसबुक पर एक चेक-इन फीचर है, जिसमें कुदरती आपदा या बम धमाकों आदि की स्थिति में लोग बता सकते हैं कि वे सुरक्षित हैं. लेकिन मंगलवार को यह फीचर उलटा पड़ गया. फेसबुक ने अलर्ट जारी कर दिया लेकिन घटना की कोई जानकारी नहीं दी गई. हां, इसके साथ कुछ खबरों का लिंक था. लेकिन ये खबरें 2015 की निकलीं. अगस्त 2015 में बैंकॉक में धमाका हुआ था जिसमें 20 लोग मारे गए थे. इसी खबर का लिंक अलर्ट के साथ दिख रहा था. दर्जनों लोगों ने खुद को सुरक्षित मार्क भी कर दिया. आखिर रात को 10 बजे अलर्ट को हटा लिया गया. लेकिन तब तक लोग परेशान हो चुके थे. एक यूजर प्रसित सिलहानिसोंग ने लिखा, "फेसबुक ने फर्जी खबर चलाई और थाईलैंड की छवि को नुकसान पहुंचाया. नया साल आ रहा है और अब हो सकता है कि लोग थाईलैंड ना आएं." सिलहानिसोंग ने फेसबुक से माफी की भी मांग की.
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फेसबुक का कहना है कि इस तरह के अलर्ट अपने आप जारी होते हैं. सोशल मीडिया कंपनी ने अपने एल्गोरिदम का बचाव करते हुए कहा है कि मंगलवार को एक सरकारी भवन पर एक प्रदर्शनकारी ने बारूद फेंका था, उसकी खबर के कारण यह अलर्ट जारी हुआ. इस धमाके की खबरें स्थानीय मीडिया में आई थीं. इसके कारण किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ था.
यह पहली बार नहीं है जब चेक-इन फीचर पर विवाद हुआ है. मार्च में फेसबुक को माफी मांगनी पड़ी थी जब पाकिस्तान में एक धमाके की खबर का अलर्ट जारी हो गया था और पूरी दुनिया में लोगों को चेक-इन फीचर का अलर्ट पहुंच गया था. इससे पहले नवंबर 2015 में भी चेक इन फीचर को लेकर विवाद हुआ था जब फेसबुक ने पैरिस अटैक पर तो अलर्ट जारी किया लेकिन बेरूत में हुए धमाके पर नहीं किया.
वीके/एके (एएफपी)