दुनिया को गुलाम बनाने वाले खोजी अभियान
आज से करीब 700 साल पहले यूरोप को पता लग गया कि पूरब में भारत नाम का एक समृद्ध देश है, जहां मसाले, कपड़े और जवाहरात मिलते हैं. इसके बाद भारत की खोज शुरू हुई, लेकिन इन्हीं खोजों ने आधी दुनिया को गुलाम भी बनाया.
जेम्स कुक
यह जेम्स कुक के मशहूर जहाज एंडेवर का नमूना है. अब ऑस्ट्रेलिया के रिसर्चरों का दावा है कि उन्होंने जेम्स कुक के जहाज का मलबा खोज लिया है. कैप्टन जेम्स कुक इंग्लैंड से ताहिती और न्यूजीलैंड के लिए निकले. 1770 में वह ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर पहुंचे. उनकी इस खोज ने ब्रिटेन के साम्राज्यवादी कब्जे का रास्ता तैयार किया. 1778 में जेम्स कुक के काफिले का एक जहाज न्यूपोर्ट हार्बर के पास डूब गया.
क्रिस्टोफर कोलंबस
इटली के खोजी क्रिस्टोफर कोलंबस 15वीं शताब्दी में भारत और यूरोप के बीच सबसे छोटा समुद्री रास्ता खोजने निकले. लेकिन अटलांटिक महासागर में कोलंबस भटक गए और 1492 में अमेरिका पहुंच गए. कोलंबस की खोज के बाद अमेरिकी महाद्वीपों में भयानक रक्तपात हुआ. यूरोप की साम्राज्यवादी ताकतों ने अमेरिका में मूल निवासियों का सफाया करना शुरू कर दिया.
बार्तोलोमेउ डियास
पुर्तगाल के राजा जॉन द्वितीय ने डियास को अफ्रीकी महाद्वीप का दक्षिणी छोर खोजने भेजा. 1488 में डियास अफ्रीकी महाद्वीप का सबसे दक्षिण कोना केप ऑफ होप पार करने में सफल रहे. ऐसा करने वाले वह पहले यूरोपीय खोजी थे. डियास की खोज की मदद से ही 10 साल बाद वास्को दा गामा भारत पहुंचे.
वास्को दा गामा
समुद्री रास्ते से भारत की खोज के इरादे से पुर्तगाली नाविक वास्को दा गामा भी निकले. रास्ते के पड़ावों में अरबी और भारतीय कारोबारियों के साथ उनके काफिले की झड़पें भी हुई. लेकिन आखिकार मई 1498 को वास्को दा गामा ने कालीकट पहुंचकर भारत का समुद्री रास्ता खोज लिया. इसके बाद पुर्तगाल, फ्रांस और ब्रिटेन की साम्राज्यवादी ताकतों को भारत पहुंचने का रास्ता मिल गया.
फर्डिनांड मागेलन
16वीं शताब्दी में स्पेन के राजा ने पुर्तगाली नाविक फर्डिनांड मागेलन को प्रशांत महासागर से होते हुए इंडोनेशिया पहुंचने का जिम्मा सौंपा. 1519 में मागेलन ने इंडोनेशिया के द्वीप खोज लिए, लेकिन इस खोज के दो साल बाद फिलीपींस में स्थानीय लोगों से झड़प में मागेलन की मौत हो गई. उनका बचा खुचा दस्ता हिंद महासागर होते हुए यूरोप लौटा. कहा जाता है कि मागेलन का अभियान दुनिया का चक्कर काटने वाला पहला अभियान था.
क्रिस्टोफर जोंस
इंग्लिश कैप्टन क्रिस्टोफर जोंस सितंबर 1620 में अमेरिका में नई बस्ती बसाने के इरादे से रवाना किए गए. ब्रिटेन में कुछ समुदायों को लगता था कि यूरोप ईश्वर के डर को नहीं मान रहा है. ऐसे कई लोग जोंस के साथ थे, अमेरिका में ईसाई धर्म का प्रचार करने वाले शुरुआती लोग यही थे.
लीफ एरिक्सन
वाइकिंग बेड़ों ने दा गामा, कोलंबस और कुक से बहुत पहले अटलांटिक सागर पार किया था. आज से करीब एक हजार साल पहले लीफ एरिक्सन अमेरिका पहुंच गए थे. लेकिन उनके अभियानों का मकसद दूसरे भूभाग पर कब्जा करना नहीं था.
लुफ बोट
1884 से 1914 तक न्यू गिनी में जर्मनी का कब्जा रहा. इस दौरान वहां की खास लुफ बोट भी लूटी गई. लुफ बोट की खासियत ये थी कि उसे बनाने में किसी भी भी तरह की कील इस्तेमाल नहीं की गई थी. जर्मनी में कुछ म्यूजियमों में आज भी ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जो औपनिवेशिक काल की हैं.
मार्को पोलो
इटली के नाविक मार्को पोलो को सिल्क रूट का खोजी भी कहा जाता है. 1294 में मार्को पोलो चीन से होर्मुज की खाड़ी तक पहुंच गए. अपनी डायरी में मार्को पोलो ने लिखा, "सबसे बड़े जहाज में 300 लोगों का क्रू है और 200 लोग और हैं. जहाज पर पांच से छह हजार टोकरी काली मिर्च लादी जा सकती है."
कटी सार्क
1885 में कटी सार्क ने सबसे तेज यात्रा का रिकॉर्ड बनाया. जहाज 73 दिन में ऑस्ट्रेलिया से लंदन पहुंच गया. सार्क अपने साथ चाय और बहुमूल्य चीजें लेकर आए थे. ये सामान ब्रिटिश साम्राज्य के लिए था. कटी सार्क के काफिले के जहाज यूनेस्को सांस्कृति धरोहरों में शामिल हैं. (रिपोर्ट: साबीने ओएत्से)