एग्जॉटिक जानवरों की फैक्ट्री
सांप, मेंढक, छिपकली और कछुए जैसे जानवरों को पालने वालों की संख्या बढ़ रही है और साथ ही बढ़ रही है इन्हें तैयार करने वालों की संख्या. देखिए, निकारागुआ में कैसे इन ‘एग्जॉटिक जानवरों’ को तैयार किया जा रहा है.
पालने के लिए तैयार होते जानवर
मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ के शहर तिकुआंतेपे में ये लाल आंखों वाले मेंढक तैयार हो रहे हैं अमेरिका, कनाडा या एशिया जाने के लिए.
खास चिड़ियाघर
तिकुआंतेपे का ‘एग्जॉटिक फॉना’ एक खास चिड़ियाघर है जहां एग्जॉटिक जानवरों की ब्रीडिंग कराई जाती है.
एग्जॉटिक जानवर
एग्जॉटिक जानवर उन्हें कहते हैं जिन्हें अक्सर आप पालतू जानवरों के रूप में नहीं देखेंगे. इन जानवरों को यहां खासतौर पर तैयार किया जाता है और फिर निर्यात किया जाता है.
बढ़ रही हैै मांग
ब्रीडर बताते हैं कि इन जानवरों की मांग बहुत बड़ी है क्योंकि ऐसे बहुत से लोग हैं जो कुत्ते या बिल्ली जैसे आम पालतू जानवर नहीं चाहते. वे मेंढक, सांप, छिपकली, मकड़ी और कछुए आदि पालना चाहते हैं.
हजारों ऑर्डर
अमेरिका से ‘एग्जॉटिक फॉना’ के लिए सैकड़ों और हजारों की तादाद में ऑर्डर आते हैं. इस चिड़ियाघर को सरकारी लाइसेंस मिला है और वे 18 जानवरों की ब्रीडिंग करते हैं.
सरकारी बढ़ावा
इस कारोबार की सफलता को देखते हुए निकारागुआ की सरकार और ज्यादा लोगों को इसमें आने को प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए ट्रेनिंग दी जा रही है.
40 हजार परिवार
दक्षिण अमेरिका के सबसे गरीब देशों में से एक निकारागुआ की सरकार का कहना है कि लगभग 40 हजार परिवार इस व्यापार में लगे हुए हैं.
करोड़ों की आय
एक स्थानीय अखबार में छपी खबर के मुताबिक 2019 में इस व्यापार से तीन लाख डॉलर यानी लगभग ढाई करोड़ रुपये की आय हुई थी.