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यूरोपीय संघ में टिकटॉक पर जांच, लग सकता है भारी जुर्माना

२० फ़रवरी २०२४

यूरोपीय आयोग ने चीन के वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक के खिलाफ आधिकारिक जांच शुरू की है. इस जांच का दायरा नाबालिगों को ऑनलाइन सुरक्षा मुहैया कराने संबंधी कानूनी बाध्यताओं से जुड़ा है.

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कनाडा में सरकारी डिवाइसों पर टिकटॉक का इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिया गया था. अमेरिका और ईयू ने भी अपने कर्मचारियों के लिए टिकटॉक को बैन कर दिया.
निजता और साइबर सुरक्षा को लेकर भी टिकटॉक पर सवाल उठते रहे हैं. यह किस तरह यूजर्स का डेटा लेता है, कैसा डेटा जमा करता है और उपभोक्ताओं की निजी जानकारियों को किस तरह इस्तेमाल करता है, इन पक्षों पर कई गंभीर चिंताएं जताई गई हैं. तस्वीर: Robin Utrecht/picture alliance

यूरोपीय संघ (ईयू) के डिजिटल सर्विसेज ऐक्ट (डीसीए) कानूनों के कथित उल्लंघन के लिए टिकटॉक की अभिभावक कंपनी बाइटडांस की जांच की जा रही है. इससे पहले दिसंबर 2023 में ईयू अधिकारियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स की जांच भी शुरू की थी.

डीसीए अगस्त 2023 में लागू किया गया था. इसे टेक कंपनियों को कानूनी तौर पर ज्यादा उत्तरदायी बनाने के लिए लाया गया था, ताकि वे अपने प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध ऑनलाइन सामग्रियों की ज्यादा सजगता से निगरानी कर सकें और अपने मंच को ज्यादा सुरक्षित बनाएं.

किन पक्षों की जांच हो रही है

टिकटॉक के खिलाफ शुरू हुई जांच में जिन मुख्य पक्षों पर फोकस किया जा रहा है, उनमें नाबालिगों की सुरक्षा, विज्ञापनों में पारदर्शिता, शोधकर्ताओं की डेटा तक पहुंच और नुकसान पहुंचाने वाले कंटेंट जैसे पहलू शामिल हैं.

साथ ही, यह तफ्तीश भी की जा रही है कि क्या टिकटॉक का अल्गोरिदम लत लगवाने वाला है. आयोग ने बताया है कि इस जांच में यह भी देखा जाएगा कि नाबालिगों को अनुचित सामग्रियों से दूर रखने के लिए टिकटॉक उम्र की पुष्टि करने वाले जिन टूल्स का इस्तेमाल करता है, क्या वे पर्याप्त और कारगर हैं.

सितंबर 2023 में आयोग ने इस मामले की एक शुरुआती जांच की थी, जो टिकटॉक द्वारा दी गई एक रिस्क असेसमेंट रिपोर्ट पर आधारित थी. अब विस्तृत जांच में अगर टिकटॉक को डीएसए के उल्लंघन का दोषी पाया जाता है, तो उसे जुर्माने के तौर पर अपनी वैश्विक आमदनी का छह फीसदी हिस्सा तक देना पड़ सकता है.

कानून के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर कंपनी को अपनी वैश्विक आय का छह फीसदी तक जुर्माना देना पड़ सकता है.
डिजिटल सर्विसेज ऐक्ट का मकसद टेक कंपनियों को कानूनी तौर पर ज्यादा उत्तरदायी बनाना है, ताकि वे अपने प्लेटफॉर्म को ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी बनाएं.तस्वीर: Jonathan Raa/NurPhoto/picture alliance

बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर ज्यादा जिम्मेदारी

डीसीए में टेक कंपनियों पर अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वालों को हेट स्पीच और गलत जानकारियों से बचाने का उत्तरदायित्व है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को बच्चों और किशोरों के लिए ज्यादा सुरक्षित बनाना भी कानून के प्रमुख पक्षों में शामिल है.

यूं तो डीसीए के नियम सभी प्लेटफॉर्मों पर लागू होते हैं, लेकिन सबसे बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर खास नजर है, खासतौर पर जोखिम कम करने संबंधी उनके उपायों पर. ऐसे प्लेटफॉर्म जिनके ईयू में साढ़े चार करोड़ से ज्यादा ऐक्टिव मंथली यूजर्स हैं, उन्हें "वेरी लार्ज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स" (वीएलओपी) की श्रेणी में रखा गया है. 

ईयू में टिकटॉक के सक्रिय मासिक उपभोक्ताओं की अनुमानित संख्या 13 करोड़ से ज्यादा है. इसीलिए यूरोपीय आयोग ने अप्रैल 2023 में उसे वीएलओपी की श्रेणी में रखा था.

टिकटॉक पर पहले भी लगे हैं आरोप

ऐसा नहीं कि डीसीए लागू होने के बाद ही बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं सामने आई हों. इससे पहले 2021 में भी यूरोपियन कंज्यूमर ऑर्गनाइजेशन बीईयूसी ने ईयू के कई उपभोक्ता कानूनों के उल्लंघन को लेकर यूरोपीय आयोग के पास टिकटॉक के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई. करीब 15 देशों में उपभोक्ता संगठनों ने संबंधित अधिकारियों से टिकटॉक की कार्यप्रणाली की जांच करने की अपील की थी.

बीईयूसी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि टिकटॉक अपने मंच पर उपलब्ध नुकसानदेह सामग्रियों से बच्चों और किशोरों की हिफाजत नहीं कर पा रहा है. साथ ही, टिकटॉक पर यह आरोप भी लगाया गया था कि वह अपने यूजर्स को स्पष्ट तौर पर नहीं बताता कि उनसे जुड़ी किस तरह की निजी जानकारियां जमा की जा रही हैं, उनका मकसद क्या है.

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2022 में टिकटॉक ने अपने प्लेटफॉर्म को ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में कई कदम उठाने के आश्वासन दिए थे. इनमें यह भी शामिल था कि ऐसे विज्ञापन या पेशकश जो बच्चों को किसी सामान या सेवा को खरीदने के लिए उकसा सकते हैं, उन्हें यूजर्स रिपोर्ट कर पाएंगे.

सितंबर 2023 में आयरिश डेटा प्रोटेक्शन कमीशन ने टिकटॉक पर 345 मिलियन यूरो का जुर्माना लगाया था. यह जुर्माना बच्चों से जुड़े डेटा के उल्लंघन से जुड़ा था. डीपीसी द्वारा की गई जांच में यह देखा गया कि टिकटॉक बच्चों से जुड़ी जानकारियां कैसे प्रॉसेस करता है. उसने पाया कि टिकटॉक पर बच्चों के जो अकाउंट हैं, उनकी प्रोफाइल सेटिंग्स डिफॉल्ट रूप से पब्लिक है. यानी कोई भी यह देख सकता है कि चाइल्ड यूजर ने क्या पोस्ट किया है. पाया गया कि इसके कारण 13 साल से कम उम्र के बच्चों को कई तरह के संभावित जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है. 

एसएम/सीके (डीपीए, रॉयटर्स, एएफपी)