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राजनीतितुर्की

फिर जीते एर्दोवान, तुर्की-ईयू में बना रहेगा तनाव

२९ मई २०२३

यूरोपीय संघ और तुर्की के बीच कई मुद्दों पर मतभेद है. राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान की चुनावी जीत के बाद दिक्कतों के और बढ़ने की संभावना है. तुर्की के ईयू में शामिल होने की प्रक्रिया हाल-फिलहाल पूरी होती नहीं दिखती.

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तुर्की की ईयू सदस्या पर 2005 से बातचीत हो रही है. 2018 में ईयू ने वार्ता को निलंबित कर दिया था. हालांकि बातचीत पूरी तरह खत्म नहीं की गई थी. तस्वीर में: तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान
तुर्की की ईयू सदस्या पर 2005 से बातचीत हो रही है. 2018 में ईयू ने वार्ता को निलंबित कर दिया था. हालांकि बातचीत पूरी तरह खत्म नहीं की गई थी. तस्वीर में: तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवानतस्वीर: Valery Sharifulin/TASS/dpa/picture alliance

यूरोपीय कमीशन, राष्ट्रपति एर्दोवान के तेजी से सत्तावादी हो रहे शासन की आलोचना करता है. यूरोपियन एक्सटर्नल एक्शन सर्विस के अधिकारियों ने तुर्की पर अपनी 2022 की रिपोर्ट में लिखा, "लोकतंत्र, कानून व्यवस्था, बुनियादी अधिकार और न्यायपालिका की आजादी में तेजी से आ रही गिरावट से जुड़ी ईयू की गंभीर चिंताओं को संबोधित नहीं किया गया है."

रिपोर्ट के मुताबिक, स्थितियां और पीछे जा रही हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि इन चिंताओं के बावजूद माइग्रेशन, जलवायु संरक्षण और ऊर्जा सुरक्षा जैसे मामलों में तुर्की सामरिक तौर पर अहम सहयोगी बना हुआ है. अपनी सुसज्जित सेना के साथ नाटो का यह सदस्य देश रूस और यूक्रेन के बीच अनाज के व्यापार से जुड़े "ग्रेन ट्रेड" समझौते में अहम भूमिका भी निभाता है.

ग्रीस और साइप्रस के प्रति तुर्की के धमकाने वाले हाव-भाव, उसका अपनी वायुसेना और नौसेना के माध्यम से बार-बार क्षेत्रीय उल्लंघन करने की ईयू के नेताओं ने सख्त आलोचना की थी. ईयू ने तुर्की से कई बार यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्युमन राइट्स के फैसले का सम्मान करने और ऐक्टिविस्ट ओस्मान कवाला को रिहा करने की भी अपील की है.

कवाला को 2022 में उम्रकैद दी गई थी. उन्हें 2013 में इस्तांबुल के गेजी पार्क में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए यह सजा दी गई. एर्दोवान की जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (एकेपी) की सरकार इन प्रदर्शनों को तख्तापलट की कोशिश बताती है. ऐसे में सरकार को कवाला पर तख्तापलट की कोशिश में शामिल होने का आरोप लगाने की गुंजाइश मिली.

एर्दोवान आखिरी बार 2018 में बुल्गारिया में हुए ईयू सम्मेलन में शामिल हुए थे.
एर्दोवान आखिरी बार 2018 में बुल्गारिया में हुए ईयू सम्मेलन में शामिल हुए थे. तस्वीर: Emrah Gurel/AP Photo/picture alliance

क्या कहता है तुर्की?

तुर्की के विदेश मंत्री के एक विश्लेषण के मुताबिक, दोनों पक्षों के रिश्ते में दशकों से उतार-चढ़ाव आता रहा है. मंत्रालय ने माना कि जुलाई 2016 में एर्दोवान के खिलाफ कथित तख्तापलट की कोशिश के बाद स्थितियां और बिगड़ी हैं. इस घटना के बाद तुर्की ने आपातकालीन कानून लागू किए और लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी पाबंदियां लगाईं. मंत्रालय का कहना है, "जुलाई 15 के चालाकीपूर्ण तख्तापलट के बाद ईयू के ठंडे और आलोचनात्मक रवैये से भरोसा घटा है."

अधिकारियों के मुताबिक "संवाद के कमजोर होने का दौर आया" जब ईयू अधिकारियों ने तुर्की सरकार द्वारा घटना के बाद लागू किए गए "जरूरी उपायों की आलोचना" की. एर्दोवान, अमेरिका में निर्वासन में रह रहे तुर्की के धर्म प्रचारक फेतुल्लाह गुलेन पर तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप लगाते हैं.

असहमतियों के बावजूद यूरोपीय संघ, तुर्की का महत्वपूर्ण सामरिक सहयोगी है. तुर्की अक्सर अपनी तारीफ करते हुए 2015 के समझौते की अहमियत का जिक्र करता है. इस समझौते के कारण तुर्की ने विस्थापित सीरियाई लोगों को आगे बढ़कर ईयू में दाखिल नहीं होने दिया और उन्हें अपने ही यहां रखा. अब वहां करीब 35 लाख सीरियाई रहते हैं.

तुर्की को करीब 900 करोड़ यूरो का भुगतान और आर्थिक सहायता का वादा किया गया है. यह समझौता नाजुक है. 2020 में एर्दोवान ने राजनैतिक फायदे की मंशा से विस्थापित सीरियाई लोगों का इस्तेमाल करते हुए इदिर्ने के नजदीक ग्रीस से सटी सीमा कुछ समय के लिए खोल दी थी.

असहमतियों के बावजूद यूरोपीय संघ, तुर्की का महत्वपूर्ण सामरिक सहयोगी है.
असहमतियों के बावजूद यूरोपीय संघ, तुर्की का महत्वपूर्ण सामरिक सहयोगी है. तस्वीर: Ed Ram/Getty Images

तुर्की की ईयू सदस्यता का भविष्य

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, तुर्की की सरकार का लक्ष्य आगे चलकर ईयू में शामिल होना है बशर्ते ईयू अपनी आंतरिक समस्याएं सुलझाए. राष्ट्रपति चुनाव हो चुका है. ऐसे में अब बातचीत फिर शुरू हो सकती है, लेकिन पहले तुर्की को कम-से-कम अप्रत्यक्ष रूप से साइप्रस को ईयू सदस्य के तौर पर मान्यता देनी होगी. तुर्की की सेना ने पिछले करीब 50 साल से देश के उत्तरी हिस्से पर कब्जा किया हुआ है.

तुर्की की ईयू सदस्या पर 2005 से बातचीत हो रही है. 2018 में ईयू ने वार्ता को निलंबित कर दिया था. हालांकि बातचीत पूरी तरह खत्म नहीं की गई थी. यूरोपियन पॉलिसी सेंटर, ब्रसेल्स स्थित थिंक टैंक है. इसकी वरिष्ठ विश्लेषक अमांडा पॉल ने DW को बताया, "मैं यह नहीं कहूंगी कि वार्ता दम तोड़ चुकी है. मेरा मानना है कि वह कोमा में है."

पॉल कहती हैं कि एर्दोवान के सत्ता में होते हुए बदलाव की संभावना काफी कम है. वार्ता का भविष्य बस तुर्की पर नहीं, ईयू पर भी निर्भर करता है. वह बताती हैं, "यह एक विचित्र रिश्ता है, जो समय के साथ खराब होता गया है. ईमानदारी से कहूं तो मुझे किसी सकारात्मक बदलाव की उम्मीद नहीं है." सदस्य देशों और ब्रसेल्स के बारे में पॉल कहती हैं कि ज्यादा राष्ट्रवादी हो रहे तुर्की के साथ व्यवहार पर फिलहाल कम दिलचस्पी दिखती है लेकिन, "ईयू सदस्यता अब भी तुर्कों के बीच काफी लोकप्रिय है. करीब 70 फीसदी आबादी अब भी ईयू में शामिल होने के पक्ष में है."

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राष्ट्रपति चुनाव के बाद क्या आसार दिखते हैं?

जुलाई 2022 में जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक इस्तांबुल में तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कोवुसोग्लु से मिली थीं. इस दौरान बेयरबॉक का रुख स्पष्ट तौर पर तुर्की के लिए आलोचनात्मक था. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि रूस को रोकने के लिए नाटो को साथ रहना होगा और किसी टकराव की जरूरत नहीं है. अपनी यात्रा के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बेयरबॉक ने कहा, "दोस्ती में एक-दूसरे की बात सुनना भी शामिल होता है, जब तक आपके कान ना दुखने लगें."

बेयरबॉक की कही इस बात में दोस्ती का संदर्भ मामूली नहीं है. यह दिखाता है कि ईयू और नाटो, तुर्की से उम्मीद करते हैं कि वो राष्ट्रपति चुनाव के बाद सैन्य गठबंधन में स्वीडन के शामिल होने पर सहमति दे. माना जा रहा था कि चुनाव को देखते हुए एर्दोवान ने स्वीडन की नाटो सदस्यता को ब्लॉक किया था. स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में आने पर करीब एक साल पहले ही फैसला हो गया था. एर्दोवान ने अप्रैल 2023 में फिनलैंड पर लगाया गया अपना वीटो वापस ले लिया. उम्मीद है कि जुलाई में वह स्वीडन के प्रवेश को भी मंजूरी दे देंगे.

एसएम/सीके