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यहां महिलाओं का कोई अस्तित्व नहीं!

ईशा भाटिया२२ जुलाई २०१६

अधिकतर देशों में 18 साल की उम्र तक बच्चों को कानूनी हक नहीं मिलते. उनके माता पिता उनके लिए फैसले लेते हैं. लेकिन सोचिए कैसा हो अगर आपको जिंदगी भर कभी कोई हक ना मिले.

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तस्वीर: picture-alliance/Bildagentur-online/AGF

घर से बाहर निकालना हो, कहीं घूमने जाना हो, किसी से मिलना हो, हर काम के लिए किसी की इजाजत लेनी पड़े! सऊदी अरब में महिलाओं का यही हाल है. वो अपने लिए कोई फैसला नहीं ले सकतीं. कभी पिता, कभी भाई, कभी पति, तो कभी बेटे की मर्जी पर निर्भर रहना पड़ता है.

मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी ताजा रिपोर्ट बॉक्स्ड इन: विमन इन सऊदी अरेबियाज मेल गार्डियनशिप सिस्टम में इसी ओर सबका ध्यान खींचने की कोशिश की है. साथ ही संस्था ने कई छोटे छोटे वीडियो भी जारी किए हैं, जो सऊदी में महिलाओं के हालात को दर्शाते हैं.

रिपोर्ट तैयार करने के लिए संस्था ने सऊदी में कई महिलाओं से बात की और उनके तजुर्बे जमा किए. महिलाओं ने बताया कि पासपोर्ट का आवेदन देना हो, कोई फ्लाइट लेनी हो, बैंक ट्रांसफर करना हो या किसी कॉन्फरेंस में जाना हो, कुछ भी एक पुरुष की आज्ञा के बिना नहीं किया जा सकता.

हर वीडियो के अंत में सवाल किया गया है कि क्या पुरुषों को महिलाओं का अभिभावक होना जरूरी है. #TogetherToEndMaleGuardianship के जरिये ह्यूमन राइट्स वॉच सऊदी में एक बदलाव लाने की उम्मीद कर रहा है.

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