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तकनीकसंयुक्त राज्य अमेरिका

अब भावनाएं पढ़ने वाली तकनीक नहीं बेचेगी माइक्रोसॉफ्ट

२२ जून २०२२

माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि वह ऐसी तकनीक बेचना बंद कर रही है, जो इंसानी जज्बातों को पढ़ सकती है. यह तकनीक चेहरों को पढ़कर बता सकती है कि इंसान कैसा महसूस कर रहा है.

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फेशियल रेकगनिशन
फेशियल रेकगनिशनतस्वीर: Axel Bueckert/Zoonar/picture-alliance

अमेरिकी आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट अब चेहरों को पढ़ने वाली तकनीक नहीं बेचेगी. उसने कहा है कि चेहरों को पढ़कर इंसान की भावनाओं को पहचाने वाली तकनीक और फेशियल रेक्गनिशन तकनीक अब उपलब्ध नहीं कराई जाएगी.

यूरोप और अमेरिका में सरकारें फेशियल रेककनिशन तकनीक को लेकर काफी सख्त हो गई हैं और इनका इस्तेमाल रोकने के लिए कड़ी पाबंदियां लगाई जा रही हैं. इस वजह से क्लाउड सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कई आईटी कंपनियां अब खुद ही अपनी तकनीक को सीमित कर रही हैं ताकि कानूनी पचड़ों से बचा जा सके.

पिछले साल से ही माइक्रोसॉफ्ट इस बात पर विचार कर रही थी कि भावनाओं को पहचानने वाली तकनीक को वैज्ञानिक आधार पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए या नहीं. कंपनी की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शाखा में प्रॉडक्ट मैनेजर सारा बर्ड ने कहा कि इस तकनीक ने निजता के बारे में गभीर सवाल खड़े किए हैं.

इस्राएल की कंपनी ने बनाया चेहरे की पहचान करने वाला बॉडी कैमरा

एक ब्लॉग में बर्ड ने कहा, "इन कोशिशों ने निजता और भावनाओं की परिभाषा पर सहमति के बारे में महत्वपूर्ण सवालों को जन्म दिया. साथ ही इस यह बात भी उठी कि अलग-अलग लोगों के चेहरे को भावों को एक जैसी मन की भावनाओं से जोड़ने का सामान्यीकरण किया जाना चाहिए या नहीं.

माइक्रोसॉफ्ट के जिन उपभोक्ताओं ने ये तकनीकें खरीद रखी हैं वे इन्हें अधिकतर एक साल तक ही इस्तेमाल कर पाएंगे. ऐसी तकनीकें चेहरे के भावों, लिंग, आयु, मुस्कुराहट, चेहरे पर मौजूद बाल, सिर के बाल और मेकअप आदि को पढ़कर अनुमान लगाती हैं.

फेशियल रेकगनिशन पर उठते सवाल

माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि उसके उपभओक्ताओं को फेशियल रेकगनिशन तकनीक का इस्तेमाल करने से पहले इजाजत लेनी होगी. इस तकनीक का इस्तेमाल अधिकतर चेहरा पहचान कर दरवाजे खोलने से लेकर कंप्यूटर ऑन करने तक में किया जा रहा है.

कंपनी ने तकनीक का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित तो नहीं किया है लेकिन उसने अपने ग्राहकों से आग्रह किया कि इस बात का ध्यान रखें कि तकनीक का इस्तेमाल निजता का उल्लंघन करने में ना हो, खासकर बच्चों और किशोरवय उपभोक्ताओं को लेकर विशेषकर सावधान रहने की अपील की गई है.

दुनिया में कैसे-कैसे इस्तेमाल हो रही है फेस रिक्गनिशन तकनीक

पिछले साल गूगल की मालिक कंपनी अल्फाबेट इंक ने ऐसी ही समीक्षा शुरू की थी. गूगल ने अपनी तकनीकों में से 13 भावनाओं को ब्लॉक भी कर दिया है. जो चार भावनाएं अब भी इस्तेमाल में हैं उनके बारे में भी समीक्षा की जा रही है. इनमें खुशी और दुख जैसे भाव शामिल हैं.

गूगल एक नए सिस्टम का आकलन कर रही है जिसमें गुस्से या मुस्कुराने के दौरान होने वाली चेहरे की गति का अध्ययन करेगी और उन्हें भावनाओं से नहीं जोड़ेगी. हालांकि इस बारे में पूछे गए सवालो का अल्फाबेट ने जवाब नहीं दिया.

वीके/सीके (रॉयटर्स)

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