जापान की सरकार, ओलंपिक कमेटी और स्थानीय आयोजक इन दिनों इसी उम्मीद में हैं कि अगले दो सप्ताह बस किसी तरह गुज़र जाएं, प्रचार अभियान में कोई और बड़ी गड़बड़ न होने पाए और एथलीटों में कोविड के नये मामले न आएं.
बृहस्पतिवार को टोक्यो के नये नेशनल स्टेडियम में उद्घाटन समारोह से कुछ ही घंटों पहले ओलंपिक खेल समिति एक नये स्कैंडल में उलझ गयी. इवेंट का एक सीनियर आयोजक होलोकॉस्ट को लेकर मजाक उड़ा चुका था. जिसका उसने फौरन खंडन तो कर दिया लेकिन ओलंपिक के ऐन मौके पर इतना शायद काफी नहीं था.
आयोजन की साख पर बट्टा
शुक्रवार की शाम के उद्घाटन समारोह के क्रिएटिव डायरेक्टरों में से एक, कॉम़ेडियन केन्टारो कोबायाशी को हटा दिया गया. बताया जाता है कि 1998 की अपनी एक हास्य प्रस्तुति में कोबायाशी ने यहूदियों का मजाक उड़ाते हुए एक शब्दावली इस्तेमाल की थी- "चलो होलोकॉस्ट होलोकोस्ट खेलें.”
अपने ताजा माफीनामे में कोबायाशी ने कहा, "मैं जानता हूं कि उस समय गलत शब्दों का बेवकूफी भरा चयन मेरी गलती थी और मुझे उसका अफसोस है. मेरी वजह से जिन्हें असुविधा हुई, मैं उनसे माफ़ी मांगता हूं.”
तस्वीरों मेंः कोरोना से ज्यादा भुखमरी से मर रहे हैं लोग
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कोरोना से ज्यादा भुखमरी से मर रहे लोग
कोरोना पर भी भारी भुखमरी
ऑक्सफैम ने अपनी ताजा रिपोर्ट का शीर्षक "हंगर वायरस मल्टीप्लाइज" दिया है. गैर सरकारी संस्था ऑक्सफैम का कहना है कि भुखमरी के कारण मरने वाले लोगों की संख्या कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों की संख्या से अधिक हो गई है. कोविड-19 से दुनिया में हर एक मिनट में करीब सात लोगों की मौत होती है.
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कोरोना से ज्यादा भुखमरी से मर रहे लोग
एक साल में बढ़ी संख्या
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में अकाल जैसे हालात का सामना करने वाले लोगों की संख्या पूरी दुनिया में छह गुना बढ़ गई है. ऑक्सफैम अमेरिका के अध्यक्ष और सीईओ एबी मैक्समैन के मुताबिक, "आंकड़े चौंका देने वाले हैं, लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि ये आंकड़े अकल्पनीय पीड़ा का सामना करने वाले अलग-अलग लोगों से बने हैं. यहां तक की एक व्यक्ति भी बहुत अधिक है."
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15.5 करोड़ लोगों के सामने खाद्य असुरक्षा का संकट
ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहा गया कि दुनिया में करीब 15.5 करोड़ लोग खाद्य असुरक्षा के भीषण संकट का सामना कर रहे हैं. यह आंकड़ा पिछले साल के आंकड़ों की तुलना में दो करोड़ ज्यादा है. इनमें से करीब दो तिहाई लोग भुखमरी के शिकार हैं और इसका कारण है उनके देश में चल रहा सैन्य संघर्ष.
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कोविड और जलवायु परिवर्तन का भी असर
एबी मैक्समैन का कहना है, "आज कोविड-19 के कारण आर्थिक गिरावट और निरंतर संघर्षों और जलवायु संकट ने दुनिया भर में 5.20 लाख से अधिक लोगों को भुखमरी की कगार पर पहुंचा दिया है." उन्होंने कहा वैश्विक महामारी से निपटने के बजाय युद्धरत गुट एक दूसरे से लड़ाई लड़ रहे हैं. जिसका सीधा असर ऐसे लाखों लोगों पर पड़ता है जो पहले से ही मौसम से जुड़े आपदाओं और आर्थिक झटकों से कराह रहे हैं.
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कोरोना से ज्यादा भुखमरी से मर रहे लोग
महामारी में भी सैन्य खर्च
ऑक्सफैम का कहना है कि महामारी के बावजूद वैश्विक सैन्य खर्च बढ़कर 51 अरब डॉलर हुआ है. यह राशि भुखमरी को खत्म करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को जितने धन की जरूरत है उसके मुकाबले कम से कम छह गुना ज्यादा है.
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कोरोना से ज्यादा भुखमरी से मर रहे लोग
इन देशों में स्थिति बेहद खराब
रिपोर्ट में उन देशों को शामिल किया गया है जो भुखमरी से "सबसे ज्यादा प्रभावित" हैं. इसमें अफगानिस्तान, इथियोपिया, दक्षिण सूडान, सीरिया और यमन शामिल हैं. इन सभी देशों में संघर्ष जारी है.
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कोरोना से ज्यादा भुखमरी से मर रहे लोग
''भुखमरी युद्ध का हथियार''
ऑक्सफैम का कहना है कि भुखमरी को युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. लोगों को भोजन और पानी से वंचित रखकर, मानवीय सहायता में बाधा पहुंचाकर भुखमरी को युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. ऑक्सफैम के मुताबिक जब उनके बाजारों, खेतों और जानवरों पर बमबारी हो रही हो तो वे सुरक्षित रूप से नहीं रह सकते या भोजन नहीं तलाश सकते हैं.
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संघर्ष रोकने की अपील
संस्था ने सरकारों से हिंसक संघर्षों को रोकने का आग्रह किया है. संस्था ने सरकारों से संघर्षों को विनाशकारी भूख पैदा करने से रोकने की अपील की है. उसने कहा है कि सरकारें यह सुनिश्चित करें कि जरूरतमंदों तक राहत एजेंसियां पहुंच सकें और दान देने वाले देशों से कहा है कि वह यूएन के प्रयासों को तुरंत निधि दें.
रिपोर्ट: आमिर अंसारी
आयोजकों ने तत्काल ही मामले को रफादफा करने की कोशिश की लेकिन ये तो टोक्यो के ओलंपिक आयोजन की एक के बाद एक आती तमाम मुश्किलों में से सिर्फ सबसे नयी है.
कोरोना वायरस महामारी का अंदाजा लगा पाना बेशक असंभव था और उसका बचाव कोई करेगा भी क्यों लेकिन दूसरी और भी समस्याओं ने जापान के इतिहास में दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन की साख पर बट्टा तो लगा ही दिया है. माना जा रहा है कि कुछ लोगों के कमजोर और गलत फैसलों की वजह से ऐसा हुआ है.
‘शापित हैं' टोक्यो ओलंपिक खेल
कुल मिलाकर खेल आयोजन में इधर आए दिन जो बखेड़ा हो जाता है, उससे पूर्व प्रधानमंत्री तारो आसो की पिछले साल कही एक बात सही लगने लगती है कि 2020 के ओलंपिक खेलों पर ‘शाप' लगा है.
टेंपल यूनिवर्सिटी के टोक्यो कैंपस में इन्स्टीट्यूट ऑफ कन्टम्पररी एशियन स्टडीज में सह निदेशक रॉबर्ट दुजारिख कहते हैं, "मुझे ये बात बड़ी अविश्वसनीय सी लगती है कि आयोजकों को भव्य उद्घाटन समारोह से बस एक दिन पहले ही ये पता चल पाया कि इस शख्स ने होलोकॉस्ट के बारे में क्या कहा था.” उन्होंने डीडब्लू को बताया कि "यूट्यूब सर्च में पता चल जाता, तो भी उनकी ठीक से जांच क्यों नहीं की गयी? जनसंपर्क के लिहाज से देखे तो ये कतई दुस्वप्न सरीखा है, लेकिन इसे और खराब बना दिया गया है क्योंकि ओलंपिक खेल आयोजन से जुड़े लोगों के साथ और भी ऐसी कई समस्याएं हैं.”
ओलंपिक और उसके बाद होने वाले पैरालम्पिक्स के उद्घाटन समारोह में कोबायाशी संगीत के क्रिएटिव डायरेक्टर बनाए गए थे. लेकिन सोमवार को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. अपने माफीनामे के बावजूद वो तीखी सार्वजनिक आलोचना से नहीं बच पाए. कोबायाशी पर अपनी किशोरावस्था में मानसिक रूप से विकलांग बच्चों को तंग करने के आरोप भी हैं.
देखिएः
ओपनिंग सेरेमनी में जब दूसरा कॉमेडियन बुलाया गया तो उसे भी बाहर का रास्ता देखना पड़ा. वो ये कह गुजरा था कि प्लस साइज वाली मॉडल को किसी कार्यक्रम में सुअर जैसी पोशाक पहनानी चाहिए जिसे दुनिया भर में अरबों लोग देख रहे होंगे. स्थानीय आयोजन समिति के प्रमुख रह चुके पूर्व जापानी प्रधानमंत्री योशिरो मोरी को भी इस्तीफा देना पड़ा था. उनका कहना ये था कि जिन कमेटी बैठकों में महिलाएं होती हैं वे हमेशा बहुत लंबी चलती हैं.
दो एथलीट कोरोना पॉजिटिव
बृहस्पतिवार को ये बताया गया कि दो और एथलीट- नीदरलैंड्स की स्केटबॉर्डर कैंडी जैकब्स और चेक गणराज्य के टेबलटेनिस खिलाड़ी पावेल सिरुसेक और साथ में 10 सपोर्ट स्टाफ कोरोना से पीड़ित हैं. इस तरह अभी तक ओलंपिक खेलों से जुड़े 87 लोग कोरोना से पीड़ित पाए गए हैं. इनमें से कम से कम तीन मामले ओलंपिक विलेज के ही हैं.
वायरस जापानी लोगों में भी फैल रहा है. टोक्यों में वायरस के घातक डेल्टा वेरिएंट के नये मामले आ रहे हैं. बुधवार को स्वास्थ्य अधिकारियों ने राजधानी में 1832 नये मामलों की गिनती की थी. मध्य जनवरी से एक दिन का ये सबसे बड़ा आंकड़ा था. सात दिन में 683 केस बढ़ चुके थे.
देखिएः पृथ्वी का सबसे बड़ा मेला
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पृथ्वी का 'ग्रेटेस्ट आउटडोर' मेला
कनाडा की धरती पर
कैलगरी स्टैम्पीड कनाडा के अलबर्टा प्रांत के कैलगरी में होने वाला एक रोडियो शो है. यह वहां की संस्कृति का उत्सव है, जिसमें रोडियो तो हिस्सा लेते ही हैं, साथ ही एक विशाल प्रदर्शनी भी होती है.
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पृथ्वी का 'ग्रेटेस्ट आउटडोर' मेला
दस लाख से ज्यादा पर्यटक
कैलगरी स्टैम्पीड मेले को देखने के लिए हर साल दस लाख से ज्यादा लोग आते हैं. 2020 में कोरोना वायरस के कारण यह मेला नहीं हो पाया था, जो कि लगभग नौ दशक के इतिहास में पहली बार हुआ. लेकिन इस बार जुलाई में मेला शुरू हो गया है.
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पृथ्वी का 'ग्रेटेस्ट आउटडोर' मेला
1886 में शुरुआत
कैलगरी मेले की शुरुआत 1886 में मानी जाती है, जब कैलगरी एंड डिस्ट्रिक्ट एग्रीकल्चरल सोसायटी ने पहला मेला आयोजित किया था. लेकिन तब इसका स्वरूप और नाम ऐसा नहीं था.
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पृथ्वी का 'ग्रेटेस्ट आउटडोर' मेला
1912 में पहला रोडियो
1912 में अमेरिकी उद्योगपति गाई वीडिक ने पहला रोडियो और मेला आयोजित कराया. उसे स्टैम्पीड नाम दिया गया. 1919 में वह कैलगरी लौटे और दूसरे विश्व युद्ध के सैनिकों के सम्मान में विक्ट्री स्टैम्पीड आयोजित की.
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पृथ्वी का 'ग्रेटेस्ट आउटडोर' मेला
1923 से सालाना मेला
कैलगरी स्टैम्पीड को सालाना मेला होने का सम्मान 1923 से मिला, जब इसे एक अन्य प्रदर्शनी के साथ मिलाकर कैलगरी एग्जीबिशन एंड स्टैम्पीड नाम से आयोजित किया जाने लगा.
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पृथ्वी का 'ग्रेटेस्ट आउटडोर' मेला
विशालकाय मेला
यह मेला अब दुनिया के सबसे बड़े रोडियो शो में शुमार है. इसमें आयोजित होने वाली चकवैगन रेस और रोडियो शो का कनाडा में सीधा प्रसारण होता है.
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पृथ्वी का 'ग्रेटेस्ट आउटडोर' मेला
कैलगरी की पहचान
इस मेले ने कैलगरी शहर को ऐसी पहचान दी है कि बहुत बार शहर को स्टैम्पीड सिटी या काऊटाउन भी कह दिया जाता है. इस दौरान शहर का पूरा माहौल ही मेले जैसा होता है. जगह जगह पैनकेक ब्रेकफास्ट और बार्बेक्यू आयोजित होते हैं.
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पृथ्वी का 'ग्रेटेस्ट आउटडोर' मेला
आलोचना
मेले में जानवरों के साथ बर्ताव को लेकर मेले की आलोचना भी होती रही है. पशु अधिकार कार्यकर्ता घोड़ों की दौड़ और रोडियो शो को अमानवीय बताते हैं. हालांकि हिस्सा लेने वालों का कहना है कि वे अपने जानवरों का बहुत ख्याल रखते हैं.
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पृथ्वी का 'ग्रेटेस्ट आउटडोर' मेला
आदिवासियों की भागीदारी
मेले में सैकड़ों आदिवासी हिस्सा लेते हैं. इंडियन विलेज नाम से एक विशेष आयोजन होता है और आदिवासी संस्कृति को प्रदर्शित किया जाता है, जो पर्यटकों के बीच सबसे लोकप्रिय चीजों में से एक है.
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पृथ्वी का 'ग्रेटेस्ट आउटडोर' मेला
कैलगरी क्वीन
मेले में हर साल एक रानी और दो राजकुमारियां चुनी जाती हैं. अल्बर्टा की 19 से 24 साल की महिलाओं के बीच से ये चुनाव एक प्रतियोगिता के जरिए होता है. इस प्रतियोगिता में घुड़सवारी एक अहम कौशल होता है.
जानकारों ने आगाह किया है कि कुछ ही समय में हालात और खराब होंगे. विशेषज्ञों के एक पैनल ने टोक्यो महानगर प्रशासन को भेजे अपने अनुमान में कहा है कि अगले सप्ताह के अंत तक "स्थिति तीसरी लहर की अपेक्षा और गंभीर हो जाएगी.” नये मामले हर रोज 2600 का आंकड़ा छू सकते हैं जिस समय खेल चल रहे होंगे और देश की चिकित्सा सुविधाओं पर बहुत भारी दबाव आ जाएगा.
औसत से ज्यादा गर्मी
स्वास्थ्य का गहराता संकट और प्रचार अभियानों की शर्मनाक नाकामी तो थी ही, ऊपर से तापमान और उमस में बढ़ोत्तरी की चिंताएं भी सर उठा रही हैं. जापान में साल के इन दिनों में आमतौर पर तापमान ऐसा नहीं होता था. एथलीटों, आयोजकों और वॉलन्टियरों के लिए ऐसा मौसम एक अलग मुसीबत बन सकता है.
इस सप्ताह के शुरू में बीच वॉलीबॉल के लिए ट्रेनिंग सत्र को आगे बढ़ाना पड़ा क्योंकि रेत बहुत गरम थी, खिलाड़ियों के पांव जल रहे थे. तापमान मंगलावर को राजधानी टोक्यो में 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. बृहस्पतिवार दोपहर टोक्यो का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस था. उमस 60 प्रतिशत थी और उस स्थिति में तापमान 39 डिग्री के करीब पहुंच गया लगता था.
तस्वीरेंः 2021 में दुनिया के सबसे महंगे शहर
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2021 में दुनिया के 10 सबसे महंगे शहर
नंबर 10ः बर्न
मर्सर की सूची में दसवें नंबर पर है स्विट्जरलैंड का शहर बर्न. टॉप 10 में इस देश के तीन शहर हैं.
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2021 में दुनिया के 10 सबसे महंगे शहर
नंबर 9ः बीजिंग
चीन की राजधानी बीजिंग दुनिया का नौवां सबसे महंगा शहर है. इस सूची में चीन के भी दो शहर हैं.
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2021 में दुनिया के 10 सबसे महंगे शहर
नंबर 8ः जेनेवा
स्विट्जरलैंड का जेनेवा इस सूची में कई सालों से बना हुआ है. लेकिन अमेरिका का एक भी शहर इस साल टॉप 10 में जगह नहीं बना पाया है.
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2021 में दुनिया के 10 सबसे महंगे शहर
नंबर 7ः सिंगापुर
सिटी-स्टेट सिंगापुर भी लगातार इस सूची में बना हुआ है, जो मर्सर ने पांच महाद्वीपों के 209 शहरों का अध्ययन करके बनाई है.
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2021 में दुनिया के 10 सबसे महंगे शहर
नंबर 6ः शंघाई
चीन का यह दूसरा शहर है जो टॉप 10 में है. न्यू यॉर्क पिछले साल नंबर 6 पर था, जो आठ जगह खिसक कर 14 पर पहुंच गया.
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2021 में दुनिया के 10 सबसे महंगे शहर
नंबर 5ः ज्यूरिख
ज्यूरिख स्विट्जरलैंड का सबसे महंगा शहर है. पिछले साल यह नंबर चार पर था.
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2021 में दुनिया के 10 सबसे महंगे शहर
नंबर 4ः टोक्यो
जापान की राजधानी टोक्यो भी पिछले साल से एक स्थान खिसक गई है. मर्सर का कहना है कि उसने घर, कपड़े, परिवहन, खाना, जूते आदि बहुत सी चीजों की कीमतों की तुलना के बाद यह सूची बनाई है.
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2021 में दुनिया के 10 सबसे महंगे शहर
नंबर 3ः बेरूत
लेबनान की राजधानी बेरूत में पिछले कुछ सालों में महंगाई बेतहाशा बढ़ी है. राजनीतिक उथल पुथल का इसमें भारी योगदान है. इसकी रैंकिंग में 42 स्थान का उछाल आया है.
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2021 में दुनिया के 10 सबसे महंगे शहर
नंबर 2ः हांग कांग
पिछले साल दुनिया का सबसे महंगा शहर रहा हांग कांग इस बार खिसक गया है क्योंकि पहले नंबर पर काबिज होने कोई और शहर आ गया है.
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2021 में दुनिया के 10 सबसे महंगे शहर
नंबर 1ः एशगाबात
तुर्कमेनिस्तान की राजधानी एशगाबात को सफेद संगमरमर की इमारतों के लिए भी जाना जाता है और महंगाई के लिए भी. पिछले साल यह दूसरे नंबर पर था.
रिपोर्ट: विवेक कुमार
दो साल पहले, मैराथन और पैदल दौड़ को टोक्यो से कोई 800 किलोमीटर दूर साप्पोरो शहर में आयोजित कराने का फैसला किया गया था. वहां मौसम थोड़ा ठंडा रहता था लेकिन 20 साल से भी ज्यादा समय में पहली बार शहर में इस सप्ताह भीषण गर्मी पड़ रही थी. होकाइडो की हेल्थ साइन्सेस यूनिवर्सिटी में इंफेक्शन कंट्रोल की प्रोफेसर योको सुकामोटो कहती हैं, "मैं कई साल साप्पोरो में रही हूं और मुझे याद नहीं पड़ता कि शुरुआती गर्मी में ही तापमान 35 के आसपास रहा हो.”
उन्होंने डीडब्लू को बताया, "शहर के अधिकारी हर रोज गर्मी की चेतावनी जारी कर रहे हैं और लोगों को खूब पानी पीते रहने की ताकीद भी कर रहे हैं, लेकिन मैराथन के धावकों के लिए इस गरमी में दौड़ना आसान नहीं.” वो कहती हैं, "मुझे नहीं लगता कि इस बार के ओलंपिक खेलों में बहुत सारे नये रिकॉर्ड बन पाएंगे.”
रिपोर्टः जुलियन रयाल (टोक्यो)