आपने चुने अपने कोरोना नायक
जब भी संकट की घड़ी आती है तो कुछ लोग मदद के लिए आगे आते हैं. डीडब्ल्यू हिन्दी ने अपनी यूट्यूब कम्युनिटी से पूछा कि कौन हैं आपके आसपास मौजूद कोरोना नायक. ये रही उनकी सूची.
डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल पेशेवर
भारत ही नहीं पूरे विश्व में सबसे ज्यादा खतरे का सामना कर रहे मेडिकल पेशेवरों को ही आपमें से सबसे ज्यादा लोगों ने कोरोना के दौर का नायक बताया है. हालत ये है कि देश के तमाम हिस्सों में कई डॉक्टर, नर्स और दूसरे स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को बचाते बचाते खुद संक्रमित हो रहे हैं. कई लोगों ने इस मौके पर संकल्प लेने का आह्वान किया है कि भविष्य में इनसे मारपीट और हिंसा की हरकतें फिर कभी न की जाएं.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने वाले सभी लोग
अजय माने ने मराठी में लिखे अपने संदेश में आशा जताई है कि अगर विदेश से आए लोग खुद को कुछ दिनों के लिए कैद कर लेते तो शायद बाद में ऐसी नौबत नहीं आती. धर्मेंद्र राम ने उन लोगों को चुना है जो सोशल डिस्टेंसिंग कर कोरोना संक्रमण के चक्र से बाहर रह रहे हैं. ज्ञानेन्द्र सिंह कहते हैं कि इस समय का प्रयोग वह पौधों की सेवा और योग में कर रहे हैं और दूसरे लोगों को भी लॉकडाउन का पालन करने के लिए समझा रहे हैं.
पुलिसकर्मी
दीपक जायसवाल मानते हैं कि इस कठिन दौर में पुलिस वाले सच्चे नायक बन कर उभरे हैं. वहीं कुछ लोगों ने अस्पतालों में सेक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वालों को अपना कोरोना नायक बताया है जिनका आने वाले मरीजों से सामना होता है. पावर प्लांट में टेक्नीशियन का काम करने वाले सत्यजीत परीजा अपने काम को बेहद अहम बताते हैं क्योंकि बिना पावर के कुछ भी नहीं हो पाएगा.
लोकल किराना स्टोर और सब्जी वाले
जावेद टायरवाला स्थानीय किराना की दुकान चलाने वालों और सब्जी बेचने वालों के काम से खासे प्रभावित हैं. उमा सिंह ने अपना अनुभव लिख भेजा है कि उनके एरिया का दुकानदार राहुल अग्रवाल सही रेट पर अपनी कार में लाद कर उनके घर तक राशन पहुंचा गया. जाहिर है हर जगह ऐसा नहीं हो रहा है जैसा कि इलाहाबाद से एक पाठक ने लिखा है कि वहां कुछ दुकानदार स्टूडेंट्स को भी चार गुना दाम में समान बेच रहे हैं.
बैंक कर्मी
बीआर रतूड़ी कहते हैं कि महामारी के इस दौर में बैंक कर्मी भी नायक हैं जो जान जोखिम में डाल कर भी लोगों के कैश चेक ले रहे हैं. मनीष जायसवाल ने लिखा है इस दौर में उनके लिए कोरोना नायक गांव के पड़ोस की दुर्गा जनरल स्टोर दुकान है जो जरूरत के सामान के साथ जरूरी बैंकिंग सेवाएं भी प्रदान करती है. बैंकिंग की सुविधा प्राथमिकता सेवाओं में शामिल है इसलिए मेडिकल, पुलिस की तरह ही बैंककर्मी भी सेवा दे रहे हैं.
नागरिक समूह, एनजीओ
बिहार राज्य के दरभंगा जिले में मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय का एक संगठन चलाने वाले रोहित कुमार सिंह के बारे में बिहारी बाबू ने लिखा है कि लॉकडाउन के बाद से वे रिक्शा और ठेला चालकों, मजदूरी करने वाले ऐसे 40 से 45 घरों में रोजाना राशन पहुंचा रहे हैं जिनकी रोजी रोटी छिन गई है. बिहार से ही सविता ने लिखा है कि उनके क्षेत्र में ‘मानस’ संस्था अच्छा काम कर रही है इसलिए उनके लिए यही असली कोरोना नायक हैं.
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