दुर्गा पूजा सा ना कोई दूजा
पश्चिम बंगाल में सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा की धूम है. इस दौरान राजधानी कोलकाता समेत पूरे राज्य में सब कुछ पूजा के रंग में रंग गया है. पंडालों में उमड़ती भीड़ को देख कर लगता है कि कोरोना का कभी कोई असर था ही नहीं.
पूजा में बुर्ज खलीफा
कई आयोजन समितियां तो पूजा पर लाखों रुपए खर्च करती हैं. ऐसे पंडालों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है. कोरोना की आशंका के बावजूद इस साल ऐसे तमाम पंडालों में भारी तादाद में दर्शक पहुंच रहे हैं. इनमें से दुबई की मशहूर इमारत बुर्ज खलीफा की प्रतिकृति के तौर पर बना पंडाल सबसे ज्यादा भीड़ बटोर रहा है.
30 हजार समारोह
पूरे राज्य में छोटे-बड़े करीब 30 हजार समारोह आयोजित किए जाते हैं. इनमें से तीन हजार से कुछ ज्यादा तो कोलकाता और आसपास के इलाकों में ही हैं. राज्य सरकार ने इन तमाम पूजा समितियों को 50-50 हजार रुपए का अनुदान दिया है.
10 दिन बस पूजा
पहले दुर्गा पूजा षष्ठी से लेकर नवमी यानी चार दिनों तक ही मनाई जाती थी. लेकिन अब यह दस दिनों तक चलती है. इस दौरान राज्य में बाकी सब गतिविधियां ठप रहती हैं. तमाम दफ्तर, स्कूल और कॉलेज बंद रहते हैं.
हमारे समय की बात
पूरे साल दुनियाभर में घटने वाली प्रमुख घटनाओं को पंडालों की सजावट और लाइटिंग के जरिए सजीव किया जाता है. इस साल भी किसान आंदोलन और लखीमपुर खीरी की घटना को एक पूजा पंडाल का थीम बनाया गया है.
एक से बढ़कर दूजा
इन आयोजनों के लिए महीनों पहले से तैयारियां शुरू हो जाती है. आयोजकों में एक-दूसरे को पछाड़ने की होड़ मची रहती है. कोलकाता में कम से कम दो दर्जन पूजा समितियां ऐसी हैं जहां लोग घंटों कतार में खड़े रहते हैं. ऐसे पंडालों में रोजाना लाखों लोग जुटते हैं.
सियासत भी
तमाम पूजा समितियां पूजा पंडालों के उद्घाटन के लिए हर साल मशहूर हस्तियों को बुलाती हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले दिन से ही रोजाना दर्जनों पूजा पंडालों का उद्घाटन करने में जुटी हैं.
रवायत भी
हाल के वर्षों में थीम आधारित पूजा का प्रचलन बढ़ा है. लेकिन कुछ पंडालों में अब भी दुर्गा की पारंपरिक प्रतिमा ही रखी जाती है.
कोरोनानाशक देव
एक आयोजन समिति ने तो कोरोना को नष्ट करने वाले देव को ही अपना थीम बनाया है.
कला का माध्यम
कोलकाता की दुर्गा पूजा देखने के लिए रोजाना उपनगरों से भी लाखों लोग महानगर में पहुंचते हैं. हुगली के चंदन नगर के बिजली कारीगर अपनी कला से दुनिया की किसी भी घटना का सजीव चित्रण करने में माहिर हैं.