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तीन शावकों को एक खिलौने में दिखती अपनी मां

९ फ़रवरी २०१७

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में अचानक अनाथ हुए तीन शावकों ने एक खिलौने को अपनी मां मान लिया है. शावकों के लिए परेशान अधिकारियों को इससे राहत मिली है.

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Großbritannien Bekesbourne - Tigernachwuchs in einem englischen Wildpark
तस्वीर: picture-alliance/dpa/G. Fuller

बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य के फील्ड निदेशक मृदुल पाठक बताते हैं कि इन शावकों की मां एक महीने पहले मर गई. वह कहते हैं, "हमने पहले उन्हें बकरी का दूध पिलाने की कोशिश की, लेकिन इसमें इंसानी दखल उन्हें पसंद नहीं आया. उन्होंने हमारे स्टाफ के हाथों से बोतल के जरिए दूध पीने से इनकार ही कर दिया था. अब हम उन्हें दूध पिलाने के लिए सिंथेटिक निपलों का प्रयोग कर रहे हैं जो एक खिलौने में लगाए गए हैं. पहली बार इस खिलौने से दूध पीने के बाद से ही शावकों की उर्जा देखने वाली है." यानी इन शावकों ने इस खिलौने को ही अपनी मां समझ लिया है.

अभयारण्य के कर्मचारियों ने इन शावकों के परिसर में एक विशेष बाड़ा भी बनाया है, जिसमें पेड़, घास और मिट्टी के जरिए उन्हें प्राकृतिक माहौल देने की कोशिश की गई है. पाठक बताते हैं, "हमें खिलौने के मुंह पर शावकों की मां का मल और घास भी लगा दी है ताकि उन्हें लगे कि उनकी असली मां उन्हीं के पास है."

देखिए राजसी बाघ के ठाठ

जनवरी में इन शावकों की मां का शव नदी के किनारे मिला था. वहां से शावक भी नाजुक हालत में मिले. अभयारण्य के कर्मचारियों ने सबसे पहले शावकों को पानी पिलाया और फिर उन्हें तुरंत उनके बाड़े में ले गए. पाठक के मुताबिक हो सकता है कि इन शावकों की मां बिजली की बाड़ से रगड़ खाकर मर गई हो जिन्हें किसान लगाते हैं. इस मामले की जांच की जा रही है.

भारत में गाय और भैसों के बछड़े जब मर जाते हैं तो उनका दूध निकालने के लिए अकसर बछड़े के आकार का एक पुतला इस्तेमाल किया जाता है. बच्चे से लगाव की भावना से मांओं में दूध बनने लगता है. लेकिन खिलौने के जरिए शावकों को दूध पिलाने का यह अनोखा मामला है.

दुनिया के आधे से ज्यादा बाघ भारत में ही पाए जाते हैं. 2014 में हुई गणना के मुताबिक भारत में 2,200 से ज्यादा बाघ हैं. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण का कहना है कि पिछले साल भारत में 98 बाघ मारे गए थे. कड़े नियमों के बावजूद ये जीव अकसर शिकारियों का शिकार बन जाते हैं.

एके/वीके (एएफपी)

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