आने वाले खतरे की निशानी हैं ईरान की ये तस्वीरें
ईरान के कोहगिलूयेह और बोयरअहमद प्रांत में सूखे की मार के कारण लोग पीने के पानी को दर बदर भटक रहे हैं. इस इलाके की तस्वीरें जल संकट की तरफ बढ़ती दुनिया की तरफ इशारा करती हैं.
सूखे जल स्रोत
कोहगिलूयेह और बोयरअहमद प्रांत में पानी ज्यादातर स्रोत सूख गये हैं. इसीलिए पीने के पानी के लिए ग्रामीण इलाके के लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है. बहुत से ग्रामीण तो तंग आकर शहरों का रुख कर रहे हैं.
बदतर हालात
ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब कोहगिलूयेह और बोयरअहमद ईरान के सबसे अमीर प्रांतों में से एक हुआ करता था. लेकिन आज यहां पैदा जल संकट से पता चलता है कि अब इलाके की स्थिति क्या है.
जिंदगी मुश्किल
समाचार एजेंसी इरना के मुताबिक इस प्रांत के ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में जल आपूर्ति का कोई बुनियादी ढांचा नहीं है. ऐसे प्राकृतिक जल स्रोतों के सूख जाने से इलाके के लोगों की जिंदगी मुश्किल हो गयी है.
सूखे की मार
हाल के सालों में ईरान के कई इलाकों ने सूखे की मार झेली है. जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया के कई हिस्सों में मौसम बदल रहा है. इसकी वजह से कहीं भारी बाढ़ तो कहीं सूखे की स्थिति पैदा हो रही है.
जल बिन सब सून
जल ही जीवन है. इसलिए इस इलाके के लोगों के लिए पीने के पानी का इंतजाम करना आज सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गया है. दूर दूर से डिब्बों में पानी भर कर लाना अब इनकी जिंदगी का अहम हिस्सा हो गया है.
जैसे तैसे गुजारा
तेस्नीम समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार इस प्रांत में पानी के 210 चश्मे सूख गये हैं. सिर्फ कुछ जल स्रोत ही बचे हैं जो जैसे तैसे लोगों की प्यास बुझा रहे हैं.
बदलती आबो हवा
सूखे और जल संकट से निपटने के लिए कारगार योजना न बनाने के लिए ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी को अकसर आलोचना झेलनी पड़ती है. जलवायु परिवर्तन के कारण ईरान में धूल भरी आंधियां भी बढ़ी हैं.
जल संकट
विशेषज्ञ ईरान के इन हालातों के लिए काफी हद तक जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार मानते हैं. हालांकि पानी की किल्लत ईरान ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में एक बड़े संकट का रूप लेती जा रही है.
कहां से मिलेगा पानी
राष्ट्र का कहना है कि अगले 15 सालों में दुनिया भर के जल भंडारों में 40 फीसदी की कमी आयेगी. नीदरलैंड्स की यूनिवर्सिटी ऑफ ट्वेंटे के अध्ययन के अनुसार चार अरब लोगों को हर साल कम से कम एक महीने के लिए पानी की गंभीर कमी झेलनी पड़ेगी.