मगरमच्छों पर सूखे की मार
ईरान के कई इलाकों में सूखे की मार इंसानों के साथ साथ जानवर भी झेल रहे हैं. सिस्तान बलूचिस्तान प्रांत में पानी की किल्लत के चलते मगरमच्छों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
बेबस
खूंखार दिखने वाले ये गैंडो मगरमच्छ भी मौसम की मार के सामने बेबस नजर आते हैं.
जोखिम
पानी की किल्लत के चलते इन मगरमच्छों के लिए हालात गंभीर हो गए हैं.
पानी की आपूर्ति बाधित
लोगों को पीने के पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है जिसके चलते वे तालाबों से पानी ले रहे हैं.
सूखते तालाब
सूखे के कारण वे तालाब और जलाशय भी सूख रहे हैं जिनमें मगरमच्छ रहते हैं.
घटती तादाद
अधिकारियों का कहना है कि ईरान में कभी 500 से ज्यादा गैंडो मगरमच्छ थे जिनकी संख्या अब 350 से कम रह गई है.
हमला
ईरान में शायद ही कभी गैंडो मगरमच्छ इंसानों पर हमले करते हैं, लेकिन कुछ महीनों पहले दस साल के एक बच्चे पर हमला हुआ.
इंसानी बस्ती में मगर
ऐसी मीडिया रिपोर्टें भी सामने आई हैं जब सूखे के चलते मगरमच्छ इंसानी बस्तियों में घुस आए.
उम्र
आम तौर पर गैंडो मगरमच्छ 49 से 60 साल तक जीते हैं.
लंबाई
जहां तक इन मगरमच्छों की लंबाई का सवाल है तो यह साढ़े तीन मीटर तक हो सकती है.
संरक्षण
गैंडो प्रजाति के मगरमच्छों को बचाने के लिए हाल के सालों में उन्हें संरक्षित बाड़ों में रखने की कोशिशें तेज हुई हैं.
बसेरा
गैंडो प्रजाति के ये मगरमच्छ ईरान में तालाबों और दलदल वाले इलाकों में रहते हैं.