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समाज

ट्रंप ने रोकी डब्ल्यूएचओ की आर्थिक मदद

१५ अप्रैल २०२०

अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण ना तो मृतकों की संख्या रुक रही है ना ही संक्रमितों की. देश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 6,09,240 तक पहुंच गई है.

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तस्वीर: AFP/M. Ngan

जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में अब तक कोरोना वायरस महामारी के कारण 26,033 लोगों की मौत हो चुकी है. संक्रमित लोगों का आंकड़ा छह लाख की संख्या पार कर गया है. मंगलवार 14 अप्रैल को कम से कम 2,405 मौतें दर्ज की गई, साथ ही 26,633 नए मामले दर्ज किए गए. जनवरी में कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद से अब तक अमेरिका में ही 6,09,240 लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं कोरोना के कहर को सबसे अधिक झेलते न्यूयॉर्क शहर में मौत का आंकड़ा 10,000 से अधिक पहुंच गया है. अधिकारियों ने लगभग ऐसे 4,000 लोगों के मारे जाने का भी अनुमान जताया है, जो जांच में कभी संक्रमित नहीं पाए गए, लेकिन उनकी कोरोना वायरस से मौत की आशंका है. न्‍यूयॉर्क के स्वास्थ्य विभाग ने एलान किया कि 3,778 लोगों की इस बीमारी से मौत होने की आशंका है. नए आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिका में कोरोना वायरस के केंद्र बने शहर में संक्रामक रोग से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 10,367 पर पहुंच गई है. अमेरिका में कुल मरने वालों की संख्या में आधे के करीब न्यूयॉर्क में ही दर्ज की गई है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन से नाराजगी क्यों?

अमेरिका के राष्‍ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मंगलवार 14 अप्रैल को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की आर्थिक मदद रोक दी. राष्‍ट्रपति ट्रंप ने संयुक्‍त राष्‍ट्र की इस संस्था पर कोरोना वायरस के खतरे को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया है. ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने अपने प्रशासन से डब्ल्यूएचओ की फंडिंग को रोकने के निर्देश दिए हैं. ट्रंप का कहना है कि कोरोना वायरस के चीन में उभरने के बाद इसके प्रसार को छिपाने और गंभीर कुप्रबंधन में संगठन की भूमिका की समीक्षा की जा रही है. व्हाइट हाउस में नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा, "डब्ल्यूएचओ अपने मूल कर्तव्य में विफल रहा और उसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए." ट्रंप ने आरोप लगाया कि संगठन ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए. ट्रंप ने महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ की आलोचना करते हुए कहा कि संगठन को कोरोना के खतरों के बारे में काफी समय पहले से पता था, लेकिन उसने देरी से कदम उठाए. पिछले साल अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ को 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर की फंडिंग की थी. 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने एक बयान में कहा, "यह समय अब वायरस के विनाशकारी नतीजों को रोकने के लिए एकजुटता दिखाने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने का है." ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि वे ट्रंप द्वारा डब्ल्यूएचओ की आलोचना का समर्थन करते हैं, खासकर चीन के उस बाजार के दोबारा खुलने पर डब्ल्यूएचओ द्वारा "अथाह" समर्थन करना, जहां जानवर जिंदा काटे जाते हैं और जिंदा बिकते हैं. पिछले साल चीन के वुहान के बाजार से ही कोरोना वायरस फैला था और इस बाजार में तरह तरह के जंगली जानवर बिकते हैं.

मॉरिसन ने ऑस्ट्रेलियाई रेडियो नेटवर्क से कहा, "लेकिन यह कहने के बावजूद, डब्ल्यूएचओ भी एक संगठन के रूप में बहुत कुछ करता है. हमारे क्षेत्र और प्रशांत क्षेत्र में हम उसके साथ मिलकर काम करते हैं." उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं है कि वे आलोचना से परे हैं." अमेरिका में स्वास्थ्य अधिकार समूह "प्रोटेक्ट आवर केयर" ने ट्रंप के डब्ल्यूएचओ की फंडिंग रोकने पर कहा,  "ये अपने इतिहास से भटकाने की ट्रंप की एक कोशिश से ज्यादा कुछ नहीं है जिन्होंने पहले कोरोना वायरस के संकट को कम कर आंका था और जिनका प्रशासन देश को उसके लिए तैयार करने में विफल रहा - इस कदम से बेशक अमेरिकी और असुरक्षित हो जाएंगे."

एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)

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