वैक्सीन पहुंचाने वाले ये वीर
कुछ स्वास्थ्यकर्मी हिमालय के दूर-दराज के गांवों में जाकर वैक्सीन लगाने का दुरुह काम कर रहे हैं. तस्वीरों में मिलिए इन बहादुरों से...
हिमालय में वैक्सीन
हिमाचल के मलाना गांव तक पहुंचना कोई आसान काम नहीं है. जिस दिन टीम को जाना था उससे एक दिन पहले हुए भूस्खलन ने सड़क बंद कर दी.
तीन घंटे की ट्रेकिंग
नतीजतन स्वास्थ्यकर्मियों को तीन घंटे ट्रेकिंग करके गांव तक पहुंचना पड़ा. नदी घाटी में चढ़ाई और उतराई का यह लंबा रास्ता है.
सब तक टीका
इस मेहनत का फल यह हुआ कि मलाना हिमाचल का पहला ऐसा गांव बन गया है जहां सभी वयस्कों को टीके की कम से कम एक खुराक मिल चुकी है.
तीन दिन का काम
वैक्सीन खुराकों से भरे दो डिब्बों के साथ डॉ. अतुल गुप्ता के नेतृत्व में पांच स्वास्थ्यकर्मियों के दल ने यह उपलब्धि सितंबर में ही हासिल की.
नदी के उस पार
नदी पार करने के लिए वैक्सीन के बॉक्स गोंदोला के जरिए एक तरफ से दूसरी ओर भेजे गए जबकि लोगों को ट्रेक करना पड़ा.
330 फुट की चढ़ाई
यह ट्रेक कितना मुश्किल है इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 330 फुट की खड़ी चढ़ाई है.
देवताओं की सुनी
मलाना में 11,00 वयस्क हैं. गांव के प्रधान राजाराम बताते हैं कि लोग वैक्सीन लगवाने से पहले डर रहे थे लेकिन जब देवताओं ने कहा तो वे मान गए. हिमाचली गांवों में देवताओं की उपाधि सम्माननीय और धार्मिक लोगों को मिलती है.