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बच्चों को नहलाना यौन शोषण है!

२६ सितम्बर २०१६

अमेरिका के एरिजोना में पिछले हफ्ते एक जज की टिप्पणी ने सारे मां-बाप को यौन अपराधी बना दिया. यहां का यौन शोषण संबंदी कानून लोगों की चिंता का विषय बना हुआ है.

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Symbolbild Kinderfotos im Internet
तस्वीर: Colourbox

अमेरिका में बाल यौन शोषण के कानून पर बहस छिड़ी हुई है. एरिजोना सुप्रीम कोर्ट ने डायपर बदलने की तुलना बच्चों के यौन शोषण से की है. हाल ही में यौन शोषण के एक मुकदमे के दौरान कोर्ट ने ऐसी टिप्पणी की. हालांकि इस मामले की सुनवाई कर रहे दो जजों की राय बाकियों से अलग थी. उन्होंने लिखा कि बच्चों के यौन शोषण को लेकर बनाया गया कानून स्पष्ट नहीं है. इस कानून के मुताबिक ऐसा कोई भी काम यौन शोषण है जिसमें बच्चों के यौनांग से संपर्क होता है. अगर ऐसा जानबूझ कर किया जाता है तो व्यक्ति दोषी होगा भले ही उसकी मंशा कैसी भी हो.

फैसले से असहमत जज ने कहा कि इसका मतलब यह हुआ कि मां-बाप का अपने बच्चों के डायपर बदलना भी यौन शोषण माना जाएगा और नहलाना भी. हालांकि व्यवहारिकता में ऐसा होगा नहीं कि किसी माता-पिता पर डायपर बदलने के लिए या बच्चे को नहलाने के लिए यौन शोषण का मुकदमा किया जाए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लोगों के बीच जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई जो सोशल मीडिया पर भी दिखी.

तस्वीरों: छह दिल और 50 उंगलियां

समस्या यह है कि एरिजोना के बाल यौन शोषण विरोधी कानून में स्पष्टता नहीं है. कानून बस इतना कहता है कि 15 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ किसी भी तरह का यौन संपर्क अपराध है. अब माता-पिता के सामने समस्या यह है कि उनके बच्चों की देखभाल करने वाले लोग मसलन आया या किंडरगार्टन के कर्मचारी कहीं दोषी तो नहीं मान लिए जाएंगे. एक साल के बच्चे की मां फीनिक्स की तबिथा शमाल्ज कहती हैं, ”किंडरगार्टन में मेरे बच्चों की देखभाल करने वाले अगर कानून का पालन करने के चक्कर में मेरे बच्चे की अनदेखी करने लगे तो मैं तो कहूंगी ऐसा कानून मानो ही मत.”

वैसे सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि कानून बनाते वक्त विधायिका की ऐसी कोई मंशा नहीं रही होगी कि रोजमर्रा के कामों को अपराध घोषित कर दिया जाए. लेकिन फैसले के बाद लोगों के बीच तनाव ऐसा था कि फीनिक्स के मुख्य अधिवक्ता को बयान जारी करना पड़ा. अटॉर्नी बिल मॉन्टगोमरी ने कहा, "यह तो पूरी तरह अपमानजनक है कि बच्चों के यौन शोषण के आरोपों की जांच करते वक्त कोई वकील रोजमर्रा के कामों और यौन शोषण में फर्क नहीं कर पाएगा.”

अपने बच्चों को ऐसा ना करने दें

लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि कानून को स्पष्ट होना चाहिए. एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के लॉ कॉलेज में प्रोफेसर पॉल बेंडर कहते हैं, "मुझे नहीं लगता कि कानून की इस व्याख्या के तहत अन्यायपूर्ण सजाएं होंगी, लेकिन ऐसा हो तो सकता है. लोग इस बारे में चिंतित है और यह एक समस्या है.” उन्होंने कहा कि कानून में सबसे बड़ी समस्या यह है कि अपनी बेगुनाही साबित करने की जिम्मेदारी आरोपी पर होगी.

वीके/एमजे (रॉयटर्स)