लाल किले की दावेदार सुल्ताना बेगम
कोलकाता की एक झुग्गी बस्ती में रहने वाली सुल्ताना बेगम का दावा है कि वह दिल्ली के लाल किले की मालकिन हैं. इसके लिए वह कई साल से लड़ाई लड़ रही हैं.
मैं लाल किले की मालकिन हूं
यह सुल्ताना बेगम हैं. कोलकाता की एक झुग्गी बस्ती में दो कमरे के छोटे से घर में रहती हैं. घर में साज ओ सामान के नाम पर मामूली चीजें हैं.
जफर की वंशज
सुल्ताना बेगम का दावा है कि वह भारत के आखरी मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर की वंशज हैं. इस दावे के आधार पर वह भारत सरकार से रहने के लिए एक महल चाहती हैं.
शाही दर्जे की तलाश
चाय का ठेला चला चुकीं सुल्ताना बेगम ने पिछला एक दशक अपना शाही दर्जा और उसी के हिसाब का मुआवजा पाने की कोशिशों में गुजारा है. वह कहती हैं, “सोचिए, जिन राजाओं ने ताज महल बनवाया, उनके वंशज ऐसे गरीबी में जी रहे हैं.”
अदालत में अपील
बेगम ने एक कोर्ट केस कर दिल्ली के लाल किले पर दावा भी किया था. वह कहती हैं, “मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार जरूर मुझे न्याय देगी.”
मुकदमा हुआ खारिज
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिसंबर 2020 में उनका दावा ‘वक्त की बर्बादी’ कहते हुए खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा कि बहादुर शाह जफर के किसी वंशज ने 150 साल में ऐसा कोई दावा क्यों नहीं किया.
जारी रहेगी लड़ाई
दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में सुल्ताना बेगम के दावे को गलत नहीं बताया. इसलिए उनके वकील विवेक मोर कहते हैं कि यह मुकदमा जारी रहेगा और वह फैसले के खिलाफ अपील करेंगे. फिलहाल सुल्ताना बेगम छह हजार रुपये महीने की पेंशन और एक उम्मीद पर जिंदा हैं
किसका है लाल किला
1857 में अंग्रेजों ने बहादुर शाह जफर को कैद कर लिया था और उनके सभी दस बेटों को कत्ल कर दिया था. पांच साल बाद म्यांमार (तब बर्मा) के रंगून में उनकी भी 87 साल की उम्र में मौत हो गई. सुल्ताना बेगम की दलील है कि लाल किला उनके परिवार का है और भारत सरकार का उस पर कब्जा अवैध है.