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डेनमार्क के चुनाव में करीबी मुकाबले के आसार

१ नवम्बर २०२२

डेनमार्क के लोग आज सरकार चुनने के लिए वोट डाल रहे हैं. सत्ता का पलड़ा किस ओर झुकेगा यह कहना मुश्किल है. 2020 में कोरोना वायरस के डर से सरकार ने 1.5 करोड़ मिंक को मारने का फैसला किया था जिससे यहां राजनीतिक संकट पैदा हुआ.

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डेनमार्क में चुनाव
डेनमार्क के चुनाव में लोग बड़ी संख्या में वोट डालने आते हैंतस्वीर: Tim K. Jensen/Ritzau Scanpix/picture alliance

सरकार का फैसला गैरकानूनी साबित हुआ. सोशल डेमोक्रैट पार्टी की अल्पमत सरकार को एक उभरती पार्टी ने गिराने की धमकी दी आखिरकार जनता का भरोसा हासिल करने के लिए सरकार चलाने वाली पार्टी को चुनाव के मैदान में उतरना पड़ा.

संसद की 179 सीटों के लिए कुल मिला कर 14  पार्टियां मुकाबले में हैं. चार सीटें स्वायत्तशासी ग्रीनलैंड और फारो आइलैंड के लिए सुरक्षित हैं. आमतौर पर यहां बड़ी संख्या में लोग वोट डालते हैं. 2019 के चुनाव में 84.6 लोगों ने वोट डाला था.

धुंधले बादलों से घिरे आकाश वाली मंगलवार की सुबह 8 बजे से ही मतदान शुरू हो गया जो शाम को 8 बजे तक चलेगा. पहले नतीजे रात 9:30 बजे तक आने की उम्मीद है. 46 साल की लोन किटगार्ट ने कोपेनहेगन में वोट डालने के बाद कहा, "जलवायु और मनोरोग चिकित्सा का मुद्दा है लेकिन जलवायु ही मेरे वोट के पीछे प्रमुख वजह है."

डेनमार्क में चुनाव
निवार्तमान प्रधानमंत्री और सोशल डेमोक्रैटिक की नेता मेटे फ्रेडरिकसेनतस्वीर: Mads Claus Rasmussen/Ritzau Scanpix/picture alliance

लाल या नीली सरकार

ताजा सर्वेक्षणों में वामपंथी "रेड ब्लॉक" को 49.1 फीसदी वोट मिलने के आसार जताये गये हैं जबकि प्रतिद्वंदी "ब्लू ब्लॉक" को 42.4 फीसदी वोट मिलने की बात कही गई है. रेड ब्लॉक का नेतृत्व निवर्तमान प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन की सोशल डेमोक्रैट के हाथ में है. ब्लू ब्लॉक में अनौपचारिक उदारवादी और रुढ़िवादी पार्टियों का गठबंधन है जिन्हें तीन लोकलुभावन पार्टियां समर्थन दे रही हैं.

सुबह वोट डालने के बाद फ्रेडरिकसेन ने कहा, "यह चुनाव सचमुच बहुत करीबी रह सकता है और इस बात का जोखिम है कि शायद आज नीली सरकार बन जाये."

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डेनमार्क में चुनाव
मुकाबला करीबी रहने की उम्मीद जताई गई हैतस्वीर: Sergei Grits/AP Photo/picture alliance

जलवायु, महंगाई और स्वास्थ्य सेवाओं की चिंता ने देश की करीब एक चौथाई वोटरों को उलझन में डाल रखा है और एक सर्वेक्षण के मुताबिक चुनाव के दिन तक वो यह तय नहीं कर पाये हैं कि किसे वोट दें. आरहस यूनिवर्स्टी में राजनीति पढ़ाने वाले प्रोफेस्र रुन स्टुबेगर का कहना है, "डैनिश वोटरों के साथ काफी परिवर्तनशीलता है लगभग 40 फीसदी वोटर पार्टी बदल देते हैं."

मध्यमार्गी पार्टी को लुभाने की कोशिश

अगर किसी ब्लॉक को बहुमत नहीं मिलता है तो वे उदारवादियों की मदद के बगैर सरकार बनाने में सफल नहीं होंगे. इस मध्यमार्गी पार्टी का गठन दो बार के प्रधानमंत्री रहे लार्स लोके रासमुसेन ने किया था जिसे 9-10 फीसदी वोट मिलने के आसार हैं.

32 साल की सामाजिक कार्यकर्ता रोंजा गुरले के मुताबिक सच्चाई यह है कि दोनों पक्ष उदारवादियों का समर्थन हासिल करने की कोशिश में हैं और इस वजह से फैसला मुश्किल हो गया है. वोट डालने के बाद गुरले ने कहा, "फैसला कर पाना मुश्किल है. मुझे लगता है कि पार्टियां मध्य की ओर जा रही हैं."

वामपंथी और दक्षिणपंथी दोनों पार्टियां लोके रासमुसेन को अपील कर रही है. रासमुसेन ने देश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के वादे के साथ चुनाव अभियान में उतरे हैं.

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फ्रेडरिकसेन ने गठबंधन सरकार की बात कही है जिसका वो नेतृत्व करना चाहती हैं और उनका कहना है कि वो स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर भी चर्चा करना चाहती हैं. वामपंथी दल के नेता जाकोब एलेमान जेनसेन ने भी रासमुसेन से उनके साथ आने के लिए कहा है. ये दोनों नेता कभी एक ही पार्टी में थे.

डेनमार्क में चुनाव
डेनमार्क के लोगों के लिए जलवायु बड़ा मुद्दा हैतस्वीर: Sergei Grits/AP Photo/picture alliance

समृद्धि और सामाजिक सद्भाव की रक्षा करने वाला डेनमार्क उत्तरी यूरोप का एक कल्याणकारी राज्य है जिसने बीते 20 सालों में कठोर आप्रवासी नीति चलाई है. शू्न्य शरणार्थी की वकालत करने वाली मौजूदा सोशल डेमोक्रैटिक सरकार रवांडा में एक सेंटर बनाने पर काम कर रही है जहां शरण की मांग करने वाले लोगों को उनकी आवेदन प्रक्रिया पूरी होने तक रखा जायेगा. ज्यादातर पार्टियां इसे लेकर सख्त नीतियों के पक्ष में हैं इसलिए शायद ही कभी इस पर बहस होती है.

जलवायु की चिंता

डेनमार्क में रहने वाले 59 लाख लोगों के लिए जलवायु ज्यादा बड़ी चिंता का सबब है. रविवार को कोपेनहोगेन में प्रधानमंत्री समेत 50,000 से ज्यादा लोग "पीपुल्स क्लाइमेट मार्च" के लिए जमा हुए थे.

वामपंथी दल ने जैवविविधता कानून का वादा किया है जबकि सरकार कृषि पर कार्बन टैक्स लगाना चाहती है. इस कदम का दूसरे दल भी समर्थन कर रहे हैं. धुर दक्षिणपंथी पार्टी "न्यू राइट" का कहना है कि वह देश में परमाणु बिजली घर लगाने के पक्ष में है जो फिलहाल देश में एक भी नहीं है.

एनआर/एए(एएफपी, एपी)