जान लेने वाले दिल्ली के आईएएस कोचिंग सेंटर
आईएएस बनने का सपना लिए हजारों युवा दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग संस्थानों में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते हैं. एक ऐसे ही संस्थान में हुई तीन छात्रों की मौत ने यहां के खतरनाक हालात को उजागर कर दिया है.
शरणार्थियों के लिए बसाई गई कॉलोनी
पश्चिमी दिल्ली के मशहूर करोल बाग बाजार के पास बसा है ओल्ड राजेंद्र नगर मोहल्ला. यह दिल्ली की उन कॉलोनियों में से एक है जिन्हें बंटवारे के बाद पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के लिए 1950 के दशक में बसाया गया था. बीते कुछ दशकों से इसे यूपीएसी परीक्षा के कोचिंग सेंटरों के हब के रूप में जाना जाता है.
हजारों सपनों का मोहल्ला
एक अनुमान के मुताबिक ओल्ड राजेंद्र नगर में भारत के अलग अलग कोनों से आए हुए कम से कम 70,000 युवा यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करते हैं. वे यहां तंग गलियों के बीच बने छोटे छोटे मकानों में रहते हैं और कुछ सालों के लिए अपना जीवन एक ही लक्ष्य के पीछे झोंक देते हैं - आईएएस अधिकारी बनने का सपना.
कोचिंग सेंटर पर सवालिया निशान
27 जुलाई को ऐसा ही एक कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्कल तीन छात्रों की मौत का कारण बन गया. भारी बारिश के बाद इस सेंटर के बेसमेंट में कुछ ही मिनटों में इतनी तेजी से पानी भरा कि करीब 25 छात्र बेसमेंट में ही फंस गए. उनमें से अधिकांश किसी तरह से निकलने में कामयाब हो गए, लेकिन तीन छात्र नहीं निकल सके.
क्या सिर्फ मुनाफा देखते हैं संस्थान
राव आईएएस स्टडी सर्कल 70 साल पुराना है और दिल्ली के सबसे जाने माने कोचिंग सेंटरों में से है. इसका दावा है 1953 से आज तक नियुक्त होने वाले सभी ब्यूरोक्रेटों में से एक-तिहाई ने यहीं से तैयारी की. यहां पढ़ने के लिए लाखों रुपये फीस देनी पड़ती है.
नहीं थी एनओसी
लेकिन इस घटना ने साबित कर दिया है कि अपने परिसर में भी इस तरह के संस्थान छात्रों को मूलभूत सेवाएं तक नहीं दे पाते हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक राव आईएएस इस बेसमेंट में लाइब्रेरी चला रहा था, जिसके लिए उसके पास दमकल विभाग से एनओसी नहीं थी. यानी ऐसा हादसा कभी भी हो सकता था. अब पुलिस ने सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है.
प्रशासन पर सवाल
लेकिन अब छात्र सवाल उठा रहे हैं कि क्या ऐसे संस्थानों द्वारा नियमों के उल्लंघन की नगरपालिका और अन्य सरकारी विभागों को खबर नहीं होती है या ये काम उनकी मिली भगत से होता है. छात्र गुस्से में हैं और अपने सवालों के जवाब व न्याय मांग रहे हैं.