ब्राजील में भूस्खलन, बाढ़ से भारी तबाही
ब्राजील के रियो डी जेनेरो के पेट्रोपोलिस शहर में भूस्खलन और बाढ़ से मरने वालों की संख्या 117 हो गई है. सिर्फ दो दिन की बारिश से शहर तहस-नहस हो गया है.
चेतावनी के बाद भी
ब्राजील के पेट्रोपोलिस शहर में अभी संकट टला नहीं है. गुरुवार को भी शहर में भारी बारिश को लेकर सायरन बजाकर लोगों को चेताया गया. अचानक बाढ़ और भूस्खलन के कारण अभी तक 117 लोगों की मौत हो चुकी है.
तीन घंटे में 10 इंच बारिश
पेट्रोपोलिस में मंगलवार को तीन घंटे में 10 इंच से अधिक बारिश हुई, जिससे लगभग 80 घर नष्ट हो गए और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि 110 से अधिक लोग अब भी लापता हैं.
टेक्स्ट मेसेज से अलर्ट
सिविल डिफेंस का कहना है कि स्थानीय लोगों से अपने रिश्तेदारों और अन्य लोगों के पास रहने के लिए टेक्स्ट मेसेज के जरिए अपील की गई है.
डरे हुए हैं शहर के लोग
पेट्रोपोलिस की निवासी रोडने मोंटेसो कहती हैं, "मुझे डर लगता है जब मैं देखती हूं कि फिर से बारिश हो रही है, क्योंकि जमीन अभी भी गीली है." वह कहती हैं, "मैं उन परिवारों के बारे में सोचती हूं जो पड़ोस में रहते हैं, जहां कई लोग पहले ही मारे जा चुके हैं. यह सब सोच कर मैं निराश हो जाती हूं."
भयानक तबाही
रियो डी जेनेरो के गवर्नर क्लाउडियो कास्त्रो ने पत्रकारों से कहा "स्थिति लगभग युद्ध की तरह है... कारें खंभों से लटकी हुई हैं, गाड़ियां पलट गईं, बहुत सारा कीचड़ और पानी अभी भी भरा हुआ."
उजड़ गया आशियाना
अब तक 850 विस्थापित लोगों को अस्थायी शिविरों में रहने के लिए भेजा गया है. अधिकांश पब्लिक स्कूलों को शिविरों में तब्दील किया गया है. राहत और बचाव कार्य के लिए सैकड़ों वॉलंटियर, कुत्तों, बुलडोजर और दर्जनों विमानों की मदद ली जा रही है.
जलवायु परिवर्तन का असर
पिछले कुछ महीनों से ब्राजील में भयंकर तूफान आ रहे थे और यह बारिश उसी सिलसिले का हिस्सा थी. विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन से हालत और बदतर हो गई.
1932 के बाद इतनी बारिश
1932 के बाद से पेट्रोपोलिस में दर्ज की गई यह सबसे अधिक भारी बारिश थी. भारी बारिश और भूस्खलन से बिजली और पीने के पानी की सप्लाई ठप हो गई है.