पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए कब डाले जाएंगे वोट
भारतीय चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में चुनावों की तिथि का ऐलान कर दिया है. जानिए कैसे होंगे उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव. पांचों राज्यों के नतीजे 10 मार्च को आएंगे.
उत्तर प्रदेश
403 विधानसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में मतदान होगा. बीजेपी की सरकार वाले यूपी में 10, 14, 20, 23, 27 फरवरी और 3 व 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे. राज्य में मुख्य मुकाबला बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच है.
सीएपीएफ की 150 कंपनियां
चुनाव आयोग के मुताबिक उत्तर प्रदेश को पहले चरण के चुनावों के लिए केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल (CAPF) की 150 कंपनियां दी जाएंगी. 10 जनवरी को 11,000 जवान मार्च करेंगे.
पंजाब
117 सीटों वाली पंजाब विधासभा के लिए 14 फरवरी को वैलेंटाइंस डे के दिन वोट डाले जाएंगे. फिलहाल पंजाब में कांग्रेस की सरकार है. नई सरकार बनाने के लिए अकाली दल, कांग्रेस, बीजेपी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस जोर लगाएंगे.
उत्तराखंड
70 विधानसभा सीटों वाले उत्तराखंड में एक ही दिन में मतदान पूरा हो जाएगा. बीजेपी शासित राज्य में 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. राज्य में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. राज्य में 5.37 लाख नए मतदाता हैं.
गोवा
40 सीटों वाली गोवा विधानसभा के लिए भी मतदान 14 फरवरी को ही होगा. गोवा में अभी बीजेपी की सरकार है. गोवा में मुख्य मुकाबला बीजेपी, कांग्रेस और आप के बीच है.
मणिपुर
पूर्वोत्तर भारत के राज्य मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में वोट डाले जाएंगे. मतदान की तिथि 27 फरवरी और तीन मार्च होगी. मणिपुर में फिलहाल बीजेपी, नेशनल पीपल्स पार्टी, एलजेपी और नागा पीपल्स फ्रंट की गठबंधन सरकार है.
आदर्श आचार संहिता लागू
चुनावों के ऐलान के साथ ही पांच राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. अब नेता चुनाव प्रचार के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. किसी भी राज्य में सरकारी घोषणाएं या उद्धाटन नहीं होंगे. साथ ही रैली करने से पहले स्थानीय प्रशासन की इजाजत लेनी होगी.
चुनाव क्यों जरूरी
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के मुताबिक भारतीय संविधान का अनुच्छेद 172 (1) किसी की प्रांतीय विधानसभा को अधिकतम पांच साल का समय देता है. चुनाव आयोग के मुताबिक इसी अनुच्छेद के चलते समय पर चुनाव कराने जरूरी हैं.
चुनाव ड्यूटी के लिए वैक्सीनेशन
चुनाव आयोग का कहना है कि चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर माना जाएगा और एहतियात के तौर पर उन्हें वैक्सीन की एक और डोज दी जाएगी.