कोरोना वायरस खा गया जर्मनी के ‘पाशा' को
४ सितम्बर २०२०कोरोना महामारी के कारण कई महीनों से जारी प्रतिबंधों ने बहुत सारे कारोबारों पर असर डाला है. उसने जर्मनी के कोलोन शहर में स्थित वेश्यालय ‘पाशा' का हिसाब किताब भी चौपट कर दिया है. यूरोप के कुछ सबसे बड़े चकलाघरों में से एक पाशा ने अब खुद को आधिकारिक रूप से दिवालिया घोषित कर दिया है. पिछले कई महीनों से कोरोना महामारी के कारण लगे प्रतिबंधों के कारण उसका कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
जर्मन दैनिक एक्सप्रेस ने खबर छापी है कि पाशा ने अपनी सारी जमा पूंजी इन बीते महीनों में कोलोन के इस 10 मंजिला सेंटर को चालू रखने और अपने 60 स्टाफ का भुगतान करने में खर्च कर दी है. कोलोन शहर जर्मन राज्य नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया में स्थित है और कोविड-19 वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य ने पांच महीने पहले देह व्यापार पर बैन लगा दिया था. सेक्सकर्मियों के संगठन ने चेतावनी दी थी कि इस तरह ब्रॉथेल बंद करने से यह काम लुके छिपे तरीके से होने लगेगा, जिसमें महिलाओं के शोषण की कहीं ज्यादा संभावना होती है.
दिवालियेपन की लहर
पाशा के निदेशक अरमीन लोबशाइड ने एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, "अब हम अंत पर पहुंच चुके हैं." उन्होंने बताया कि पिछले पांच महीनों के दौरान उन्होंने अपने स्टाफ जैसे सेक्सकर्मियों, कुक, मसाज देने वालों और इमारत के रखरखाव पर अपनी सारी पूंजी लुटा दी है. अखबार ने लिखा है कि कोरोना के पहले के समय में इस सेंटर से एक समय में 120 सेक्सकर्मी फ्रीलांस आधार पर काम किया करते थे.
लोबशाइड ने जर्मन प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य ने कभी साफ साफ नहीं बताया कि पांच महीने पहले लागू हुई पाबंदी कब तक चलने वाली है. अखबार से बातचीत में उन्होंने कहा, "हम इस तरह योजना नहीं बना सकते. शायद हम बैंकों से मदद लेकर दिवालिया होने से भी बच पाए होते, अगर हमें कहा जाता कि अगले साल की शुरुआत तक ही चीजें फिर से खुल सकेंगी." पाशा के निदेशक ने यह भी कहा कि सब जानते हैं कि पैसे देकर सेक्स सेवाएं लेने का काम बैन के बावजूद बदस्तूर जारी रहा, लेकिन बिना बताए और बिना उस पर कोई टैक्स चुकाए.
पाशा के दिवालियेपन की खबरों के बीच ही जर्मनी के ‘क्रेडिटरिफॉर्म' नामक एक अग्रणी क्रेडिट ब्यूरो ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में कोरोना महामारी के चलते कई कंपनियां खुद को बैंकरप्ट घोषित कर सकती है. क्रेडिटरिफॉर्म के सीईओ फोल्कर उलब्रिष्ट का कहना है, "चौथी तिमाही में ऐसे आवेदनों की संख्या में बड़ा उछाल आएगा." उलब्रिष्ट का मानना है कि खेल, मनोरंजन और सांस्कृतिक क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियां और खासकर छोटे कारोबारों पर बहुत ज्यादा दबाव है.” जर्मनी इस समय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से अपने सबसे बुरे आर्थिक दौर में आ गया है और ऐतिहासिक मंदी के करीब पहुंच रहा है.
आरपी/एमजे (एपी,डीपीए,रॉयटर्स)
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