अभूतपूर्व चुनौतियां का सामना करती एयरलाइंस
दुनियाभर में विमान सेवाएं ठप्प हैं. कोरोना वायरस महामारी के कारण विमानन क्षेत्र अभूतपूर्व संकट के दौर से गुजर रहा है. विमान जितनी देर खड़े रहेंगे कंपनियों को उतना नुकसान होगा. एक नजर डालते हैं इस क्षेत्र की चुनौतियों पर.
विशाल चुनौती
विमानन क्षेत्र एक ऐसे संकट से गुजर रहा है जिससे उबर पाना उसके लिए फिलहाल नामुमकिन है. देशों में लॉकडाउन के कारण हवा में उड़ने वाले विमान जमीन पर खड़े हैं. अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के मुताबिक एयरलाइंस को वैश्विक स्तर पर 113 अरब डॉलर का नुकसान कोरोना वायरस महामारी के कारण हो सकता है.
नौकरी पर खतरा
ब्रिटिश कारोबारी रिचर्ड ब्रैनसन ने चेतावनी दी है कि अगर कोरोनो वायरस संकट का सामना करने के लिए ब्रिटेन सरकार से वित्तीय सहायता नहीं मिलती है तो उनकी कंपनी वर्जिन अटलांटिक बंद हो जाएगी. वर्जिन अटलांटिक में हजारों लोग काम करते हैं. भारत में भी बजट एयरलाइंस अपने कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेज चुकी है. गो एयर ने 90 फीसदी कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेज दिया है.
भविष्य की चिंता
अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के 290 एयरलाइंस सदस्य हैं. आईएटीए का कहना है कि गुजरते दिनों के साथ "उद्योग की संभावना और अधिक खराब नजर आ रही है." आईएटीए की मांग है कि सरकारें विमान कंपनियों को आर्थिक सहायता दें नहीं तो कंपनियां इस संकट को पार नहीं कर पाएंगी.
उड़ानें ठप्प
आईएटीए के मुताबिक 2019 की तुलना में अप्रैल 2020 में 80 फीसदी उड़ानें दुनियाभर में रद्द हुईं. जनवरी के अंत में विमानन क्षेत्र के लिए संकट शुरू हुआ जब कंपनियों ने कोविड-19 के कारण चीन जाने वाली उड़ानें बंद करनी शुरू कर दी.
पर्यटन-विमानन पर गहरा असर
जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण नौकरियां पतझड़ की तरह जा सकती हैं. कई विमान कंपनियां लीज पर विमान लेती हैं और उन्हें उसके बदले पैसे चुकाने होते हैं. विमानों के नहीं उड़ने से कंपनियां टिकट नहीं बेच पाएंगी और लीज का पैसा नहीं चुका पाएंगी.
भारतीय विमानन क्षेत्र का दर्द
भारत में विमानन कंपनियां पहले से ही बहुत अच्छी हालत में नहीं है और अगर कोरोना वायरस का संकट और चलता है तो भारत में सबसे ज्यादा नौकरियां जाने का खतरा है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हालात जल्द नहीं सुधरे तो कंपनियों को मजबूरी में लोगों को नौकरी से निकालना होगा.
विमान खड़े हैं तो भी खर्च
अगर विमान खड़े हैं तो भी खर्च होते हैं. विमान की देखरेख के लिए इंजीनियर होते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में 16,000 यात्री विमान खड़े हैं. 2020 में इन खड़े विमानों की देखरेख भी बड़ी चुनौती बनकर उभरी है. जब विमान खड़े होते हैं तो उन्हें पक्षियों से भी बचाना होता है क्योंकि वे उन में घोंसला बना सकते हैं.
पार्किंग फीस
विमान को एयरपोर्ट पर खड़ा रखने का भी शुल्क लगता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अगर कोई विमान खड़ता करता है तो उसे एक दिन के लिए एक हजार डॉलर देने पड़ते हैं.
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