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भारत में वॉन्टेड, पाकिस्तान में जाकिर नाइक का भव्य स्वागत

१ अक्टूबर २०२४

इस्लामी उपदेशक डॉ. जाकिर नाइक इन दिनों पाकिस्तान की यात्रा पर हैं, जहां उनका भव्य स्वागत हो रहा है. नाइक ने 2016 में भारत से भागकर मलेशिया में पनाह ली थी. भारत में उनके खिलाफ कथित मनी लॉन्ड्रिंग और हेट स्पीच का आरोप है.

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इस्लामी उपदेशक डॉ. जाकिर नाइक (फाइल तस्वीर)
डॉ. जाकिर नाइक पर मनी लॉन्ड्रिंग और गैर-मुसलमानों के खिलाफ कथित नफरत फैलाने वाले भाषण के आरोप हैं तस्वीर: cc-by-maapu 2.0

इस्लामी उपदेशक डॉ. जाकिर नाइक सोमवार, 30 सितंबर को पाकिस्तान पहुंचे, जहां वह 28 अक्टूबर तक रहेंगे. पाकिस्तान की यात्रा के दौरान वह कई शहरों में धार्मिक तकरीर देंगे और शीर्ष सरकारी अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. सोमवार को जब वह इस्लामाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचे तो उनके स्वागत के लिए प्रधानमंत्री युवा कार्यक्रम के अध्यक्ष राणा मशहूद, धार्मिक मामलों के मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सैयद डॉ. अताउर रहमान और अन्य सरकारी अधिकारी मौजूद थे.

सोमवार को ही डॉ. नाइक ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसहाक डार से मुलाकात की. डॉ. नाइक अपने पाकिस्तान दौरे की तस्वीरें सोशल मीडिया साइट एक्स पर साझा कर रहे हैं. सोमवार को वो पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली भी गए जहां उनकी मुलाकात स्पीकर सरदार आयाज सादिक से हुई.

डॉ. नाइक के साथ उनके बेटे फारिक जाकिर भी पाकिस्तान गए हैं. पाकिस्तान पहुंचने के बाद उन्होंने अलग-अलग टीवी चैनलों को इंटरव्यू भी दिया. धार्मिक मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, डॉ. नाइक इस्लामाबाद, कराची और लाहौर में सार्वजनिक संबोधन देंगे और कई जगहों पर जुमे की नमाज का नेतृत्व करेंगे.

पाकिस्तान सरकार ने दिया न्योता

पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट डॉन ने धार्मिक मामलों के मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि डॉ. नाइक पाकिस्तानी सरकार के निमंत्रण पर पाकिस्तान की यात्रा पर हैं और उन्हें देश में रहने के दौरान पूरी सुरक्षा दी जाएगी. डॉन के मुताबिक आखिरी बार डॉ. नाइक 1992 में पाकिस्तान गए थे जहां उनकी मुलाकात इस्लामी विद्वान डॉ. इसरार अहमद से हुई थी.

डॉ. नाइक 5 अक्टूबर को कराची में धार्मिक सम्मेलन को संबोधित करेंगे और उनका आखिरी धार्मिक सम्मेलन 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होगा. उनके बेटे डॉ. फारिक नाइक भी इस्लामी जलसों में शामिल होंगे. वह भी इस्लामी विद्वान हैं.

कौन हैं डॉ. जाकिर नाइक?

जाकिर नाइक एक विवादास्पद इस्लामी विद्वान और उपदेशक हैं, जो साल 2016 से मलेशिया में स्व-निर्वासन में रह रहे हैं. भारत सरकार की जांच एजेंसियां उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और गैर-मुसलमानों के खिलाफ कथित नफरत फैलाने वाले भाषण के आरोप में ढूंढ रही हैं. कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों ने उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया हुआ है.

मलेशिया में क्या बोले भारत में 'वांटेड' जाकिर नाइक

साल 2016 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक रेस्तरां में आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें अधिकतर विदेशी नागरिक थे. इस हमले में शामिल एक आतंकवादी ने स्वीकार किया था कि वह डॉ. नाइक के उपदेश सुनता था और उनके बयानों से प्रभावित था. जिसके बाद भारतीय जांच एजेंसी एनआईए ने उनके खिलाफ 2016 में जांच शुरू की थी.

मलेशिया में रहने वाले 58 साल के डॉ. नाइक नियमित रूप से इस्लाम से जुड़े व्याख्यान देते हैं और सोशल मीडिया के जरिए विश्व भर के अपने दर्शकों से जुड़ते हैं. जिस पीस टीवी नेटवर्क पर जाकिर नाइक का भाषण प्रसारित होता है, उस पर भारत, बांग्लादेश, कनाडा, श्रीलंका और ब्रिटेन में रोक लगी हुई है.

नाइक ने कतर सरकार के निमंत्रण पर नवंबर 2022 में दोहा में फीफा विश्व कप के दौरान कतर की राजधानी का दौरा किया था और इस्लामी विषयों पर लेक्चर भी दिया था.

ढाका के बाद नाईक पर नकेल कसने की कोशिश

नाइक के प्रत्यर्पण की कोशिश में भारत

मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम इसी साल अगस्त में भारत दौरे पर आए थे और उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इब्राहिम से जब नाइक के प्रत्यर्पण को लेकर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि अगर नाइक से संबंधित मामले में सबूत पेश किए जाते हैं तो वो आतंकवाद का समर्थन नहीं करेंगे.

पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "उनका देश किसी भी विचार के लिए खुला है और अगर जाकिर नाइक के मामले में पर्याप्त सबूत पेश किए जाएंगे तो उनका देश आतंकवादी गतिविधियों में शामिल किसी व्यक्ति पर कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा."

मलेशिया का कहना है कि वह इस्लामी उपदेशक को तब तक निर्वासित नहीं करेगा जब तक कि वे मलेशियाई कानूनों का उल्लंघन नहीं करते, क्योंकि उन्हें देश में स्थायी निवासी का दर्जा हासिल है.