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पिछले कुछ दशकों की बड़ी कामयाबियांः धरती का बोझ घटा है

२२ अप्रैल २०२२

पिछले कुछ बरसों में यह साबित हुआ है कि जब-जब लोग, राजनीतिक व्यवस्थाएं और राष्ट्र साथ आएं, बड़े बदलाव लाए हैं. इस साथ ने इन्सान द्वारा पैदा कीं कई मुसीबतों को दूर भगाया है.

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पृथ्वी का हवा पानी पहले से ज्यादा साफ है
पृथ्वी का हवा पानी पहले से ज्यादा साफ हैतस्वीर: Wang Jiang/Sipa Asia/Zumapress/picture alliance

जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और संभावित छठे समूल विनाश के खतरे झेल रही मानव जाति को हमारे ग्रह की दुर्गति के लिए लगातार कोसा जा रहा है. लेकिन पिछले कुछ बरसों में यह साबित हुआ है कि जब-जब लोग, राजनीतिक व्यवस्थाएं और राष्ट्र साथ आएं, बड़े बदलाव लाए हैं. इस साथ ने इंसान द्वारा पैदा कीं कई मुसीबतों को दूर भगाया है.

मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में पर्यावरण पर शोध कर रहीं शेरिल कर्षनबाउम कहती हैं कि बात बस प्राथमिकता तय करने की है. वह कहती हैं, "हम अपना फैलाया कूड़ा साफ करने का काम भी अच्छे से कर सकते हैं. बस बात यह है कि हम कूड़ा फैलाना चुनते हैं या सफाई."

स्टैन्फर्ड यूनिवर्सिटी में पर्यावरण वैज्ञानिक रॉब जैक्सन कहते हैं, "कुछ बहुत अच्छे काम हुए हैं. जब सब कुछ गलत हो रहा हो तो अक्सर हम सिर्फ गलतियां और समस्याएं देखने लगते हैं. लेकिन खुद को यह याद दिलाना भी जरूरी है कि हमने क्या हासिल किया है और बतौर समाज हमारी उपलब्धियां क्या रही हैं." पिछले कुछ समय में हासिल चार बड़ी उपलब्धियां में ओजोन छिद्र में भराव और प्रजातियों का संरक्षण गिना जा सकता है.

ओजोन छिद्र का भराव

ओजोन छिद्र का भराव लगभग सभी पर्यावरणविदों के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि रही है. पूर्व ईपीए प्रमुख कैरल ब्राउनर कहती हैं, "यह वो पल था जब एक-दूसरे के साथ अक्सर प्रतिद्वन्द्विता में रहने वाले देशों ने सामूहिक खतरे को समझा और साझा तौर हर हल लागू करने का फैसला किया."

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1970 के दशक में वैज्ञानिकों ने पता लगाया था कि एयरोसोल स्प्रे और रेफ्रिजरेशन में इस्तेमाल होने वाले कुछ रसायन उस ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रहे हैं जो पृथ्वी को सूर्य की हानिकारण अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती है. यह परत दुनियाभर में पतली हो रही थी लेकिन अंटार्कटिक के ऊपर तो एक जगह पूरी तरह खत्म हो गई थी और उसमें छेद हो गया था.

स्टैन्फर्ड के जैक्सन कहते हैं कि इसकी वजह से त्वचा के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे थे. वह बताते हैं, "पहली बार हमने एक ऐसी समस्या पैदा की थी जो पूरे ग्रह को एक साथ नुकसान पहुंचा रही थी. फिर हम एकजुट हुए, उसका हल खोजा और उसे खत्म कर दिया."

1987 में अनेक देशों ने मॉन्ट्रियाल प्रोटोकॉल नामक समझौते पर दस्तखत किए जिसके तहत ओजोन को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया. अपनी तरह का यह पहला वैश्विक समझौता था. युनाइटेड नेशंस एनवायर्नमेंट प्रोग्राम के डाइरेक्टर इंगर ऐंडरसन कहते हैं, "अब दुनिया का हर देश इस समझौते को अपना चुका है और ओजोन को नुकसान पहुंचाने वाले 99 प्रतिशत रसायन खत्म किये जा चुके हैं. इससे हर साल बीस लाख लोगों को त्वचा कैंसर से बचाया गया है."

नतीजा यह हुआ कि ओजोन परत की हालत धीरे-धीरे सुधरने लगी. पिछले कुछ सालों में अंटार्कटिक पर बना ओजोन छिद्र भरने लगा और ऐंडरसन कहती हैं कि 2030 के दशक में यह छेद पूरी तरह बंद हो जाएगा.

साफ हवा और पानी

यह बात भले ही थोड़ा हैरान करे लेकिन सच्चाई यही है कि आज हवा और पानी 50-60 साल पहले के मुकाबले ज्यादा साफ हैं. जैक्सन याद करते हुए कहते हैं, "जब मैं छोटा था तो हम लोग लेक एरी जाया करते थे और बीच पर खेलते थे. वहां हर जगह मरी हुई मछलियां मिलती थीं. हमारा खेल था मरी हुई मछलियों की लड़ाई."

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1970 में अमेरिका ने क्लीन एयर ऐक्ट पास किया और 1990 में इसमें बदलाव करते हुए एनवायर्नमेंट प्रोटेक्शन ऐक्ट लागू किया. ऐसा ही कानून 1972 में भी लाया गया. सायराक्यूज यूनिवर्सिटी के पर्यावरणविद प्रोफेसर सैम टटल कहते हैं, "अब कम लोगों को कैंसर और दमे जैसी बीमारियां हो रही हैं. करोड़ों जानें बची हैं और अरबों डॉलर का नुकसान बच गया, जो स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च होते." टटल कहते हैं कि साफ हवा और पानी का अर्थ है ज्यादा स्वस्थ लोग और हम सबके आनंद के लिए ज्यादा स्वस्थ पर्यावरण.

सूक्ष्म कणों पर लगाई गई पाबंदी का ही इतना असर हुआ कि अमेरिका में वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों में भारी कमी आई है. 1990 में लगभग 95,000 लोग मरे थे तो 2019 में इनकी संख्या 48,000 रह गई. 1955 में लॉस एंजेल्स में स्मॉग का स्तर 680 पर पहुंच जाता था जो पिछले कुछ सालों में 185 पर आ गया. इसी घरों के अंदर की हवा भी ज्यादा साफ हुई है. पूर्व ईपीए प्रमुख विलियम के. राईली कहते हैं कि अंदर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाने से बड़े फायदे हुए हैं.

सौर और वायु ऊर्जा

सोलर और विंड एनर्जी की कीमतों में पिछले कुछ सालों में भारी कमी आई है. अमेरिका की नेशनल रीन्यूएबल एनर्जी लैब के मुताबिक 2010 से 2020 के बीच घरों में सोलर पावर के इस्तेमाल का खर्च 64 प्रतिशत तक कम हो गया है. बड़े भवनों में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल का खर्च तो 82 प्रतिशत तक घट गया है.

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जैक्सन कहते हैं, "सोलर आज प्रमुख ऊर्जा तकनीक बन रही है और यह लगातार सस्ती हो रही है. यह बाकी लगभग सभी बिजली स्रोतों से सस्ती है." कर्षनबाउम कहती हैं कि दस साल पहले बहुत कम लोग सोचते थे कि सोलर एनर्जी इतनी सस्ती हो जाएगी. विशेषज्ञ कहते हैं कि जर्मनी और अमेरिका में खासतौर पर 2008 की मंदी से उबरने का श्रेय सौर और अन्य अक्षय ऊर्जा स्रोतों में उपलब्ध कराई गई सब्सिडी को जाता है.

विलुप्तप्राय प्रजातियों की सुरक्षा

बाल्ड ईगल, अमेरिकन एलिगेटर, कनाडा गीज, हंपबैक व्हेल और भारत में बाघ आदि कुछ ऐसी कहानियां हैं जो विलुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने की सफलता की झलक देती हैं. ड्यूक यूनिवर्सिटी के इकोलॉजिस्ट स्टुअर्ट पिम कहते हैं, "संरक्षण के उपाय कई प्रजातियों को विलुप्त हो जाने के मुहाने से लौटाकर लाए हैं. हम सीख रहे हैं कि संरक्षण कैसे किया जाता है."

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प्रजातियों के संरक्षण का असर यह हुआ है कि अमेरिका के मत्स्य और वन्यजीवन विभाग ने 96 प्रजातियों को विलुप्तप्राय प्रजातियों की सूची से बाहर कर दिया है, जिनमें से 65 ऐसी हैं जो अब सुरक्षित हैं. इस सफलता के लिए विशेषज्ञ दुनियाभर में बनाए गए कानूनों और शिकार पर लागू की गई सख्ती को श्रेय देते हैं. इसके अलावा डीडीटी जैसे पेस्टिसाइड पर प्रतिबंधों ने भी बड़ी भूमिका निभाई है.

वीके/एए (एपी)

 

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