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अपराधभारत

"बुल्ली बाई" ऐप केस में और कितने शामिल?

आमिर अंसारी
५ जनवरी २०२२

मुस्लिम महिलाओं के चरित्र हनन, बोली लगाने और उन्हें निशाना बनाने वाले बुल्ली बाई ऐप के पीछे कथित तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

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तस्वीर: Imago/Science Photo Library

"बुल्ली बाई" ऐप केस की पड़ताल करते हुए मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने बुधवार को तीसरे आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान 21 वर्षीय छात्र मयंक रावल के रूप में हुई है, पुलिस ने उसे उत्तराखंड के कोटद्वार से गिरफ्तार किया है, मयंक मामले में अन्य आरोपियों के संपर्क में था. इससे पहले पुलिस ने 18 वर्षीया श्वेता सिंह और 21 वर्षीय विशाल कुमार झा को गिरफ्तार किया था. श्वेता सिंह को उत्तराखंड के उधमसिंह नगर से गिरफ्तार किया गया. विशाल कुमार को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया और उसे मुंबई लाया गया था. पुलिस ने कहा कि तीनों एक बड़ी टीम का हिस्सा हैं. विशाल से मिली जानकारी के बाद ही पुलिस ने श्वेता को पकड़ा.

कितने लोग और शामिल?

जांच में ऐसी भी जानकारी सामने आई है कि मयंक अन्य आरोपियों के संपर्क में था और उन्हीं की तरह उसके पास भी कई सोशल मीडिया हैंडल थे. आरोपी कथित तौर पर 'अश्लील' सामग्री पोस्ट करने के लिए कई ट्विटर अकाउंट संभाल रहे थे. पुलिस का कहना है कि इस नफरती ऐप को चलाने का दिमाग श्वेता सिंह का था. जांच में खुलासा हुआ है कि श्वेता सिंह "बुल्ली बाई" और तीन अन्य ऐप्स को चला रही थी.

विशाल इंजीनियरिंग का छात्र है और उसे सोमवार को पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया था. मुंबई की बांद्रा कोर्ट ने विशाल को 10 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेजा है.

निशाने पर थीं मुस्लिम महिलाएं

"बुल्ली बाई" ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें डालकर "बोली" लगाई जा रही थी. इसमें महिलाओं की तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उनका चरित्र हनन किया जा रहा था. ऐप पर ऐसी महिलाओं की तस्वीरें डाली गईं थी जो समाज में मुखर हैं और पूरी ताकत के साथ अनेकों विषयों पर राय रखती हैं. ऐप के बारे में जब सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हुईं तो समाज के हर तबके ने इसकी निंदा की. इस मामले में मुंबई और दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई है. साथ ही केंद्र सरकार से इस ऐप को बनाने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है.

पत्रकार इस्मत आरा ने रविवार को दर्ज की गई पुलिस शिकायत में कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं को परेशान करने का प्रयास है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा था कि गिटहब ने ऐप बनाने वाले यूजर को ब्लॉक करने की पुष्टि की है. इससे पहले पिछले साल जुलाई में सुल्ली डील्स नाम का इसी तरह का ऐप सामने आया था जिसमें मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों से छेड़खानी की गई थी और उस मामले में भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई.

बुल्ली बाई ऐप पर कम उम्र की लड़कियों से लेकर काफी उम्रदराज महिलाओं को निशाना बनाया गया. "सुल्ली" और "बुल्ली" दोनों ही मुस्लिम महिलाओं के लिए अपमानजनक शब्द हैं और यह सोशल मीडिया पर खासतौर पर प्रगतिशील मुस्लिम महिलाओं को लक्षित करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. ये जानकारी अभी सामने नहीं आई है कि "सुल्ली डील्स" और "बुल्ली बाई" जैसे ऐप बनाने के पीछे असली लोग कौन हैं और उनको किसका समर्थन हासिल है.