ब्रिटेन ने 'जिहादी जैक' को नागरिकता से बेदखल किया
१९ अगस्त २०१९कनाडा सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि ब्रिटेन ने इस्लामिक स्टेट के आतंकी जैक लेट्स को नागरिकता से बेदखल कर दिया है. ब्रिटेन के इस फैसले से कनाडा निराश है. कनाडा के पब्लिक सेफ्टी मिनिस्टर राल्फ गूडले ने कहा कि ब्रिटेन ने यह एकतरफा फैसला लिया है. साथ ही ब्रिटेन ने ऐसा कर अपनी जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ाने की कोशिश की है. जैक को मीडिया में जिहादी जैक के नाम से भी जाना जाता है.
ब्रिटेन की मीडिया में 18 अगस्त को आई खबरों के मुताबिक जैक को ब्रिटिश नागरिकता से बेदखल कर दिया गया है. इस फैसले को मंजूरी ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने पद छोड़ने से पहले जुलाई की शुरुआत में दी थी. हालांकि वहां के गृह मंत्रालय ने इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया है. गृह मंत्रालय का कहना है कि मंत्रालय किसी के निजी मामले की जानकारी सार्वजनिक नहीं करता है.
कौन है 'जिहादी जैक'
1995 में पैदा हुआ जैक अब्राहम लेट्स कनाडाई पिता और ब्रिटिश मां की संतान है. इस्लाम अपनाने के बाद उसने ब्रिटेन में मस्जिदों में जाकर अरबी भाषा सीखना शुरू किया. मई 2014 में वह कुवैत चला गया और उसी साल सितंबर में वहां से सीरिया गया. उसने अपने माता-पिता को जानकारी दी कि वह जॉर्डन में रहकर अरबी सीख रहा है. सितंबर 2016 में संडे टाइम्स ने दावा किया कि जैक इस्लामिक स्टेट में शामिल होकर आतंकवाद फैला रहा है. हालांकि जैक और उसके परिजनों ने इस आरोप को गलत बताया. उसकी एक फेसबुक पोस्ट के बाद ये आरोप और गंभीर बन गए. उसने लिखा था कि वह ब्रिटिश फौजियों के समूह पर आत्मघाती हमला कर ''शहादत'' पाना चाहेगा.
जैक पर आरोप है कि वह सीरिया जाकर इस्लामिक स्टेट में शामिल हो गया और उसने अपना नाम अबु मोहम्मद रख लिया. वहां उसने एक महिला से शादी भी कर ली. 2016 में उसने एक बयान जारी कर कहा कि उसे अपने माता-पिता से नफरत है क्योंकि वे अल्लाह के दिखाए रास्ते पर नहीं हैं. 2017 में रक्का की लड़ाई के बाद उसे कुर्द फौज ने गिरफ्तार कर लिया. तब से वह उनकी कैद में है. कैद में आईटीवी को दिए एक इंटरव्यू में उसने कहा,"मैं निर्दोष नहीं हूं. मैं सजा पाने के लिए तैयार हूं लेकिन मेरा सही तरीके से ट्रायल किया जाए. मुझे सीरिया में गलत तरीके से सजा नहीं दी जाए."
माता-पिता को मिली सजा
9 जून 2016 को जैक के माता-पिता के ऊपर टेरर फंडिंग का मुकदमा दर्ज किया गया. उन पर आरोप लगा कि उन्होंने सितंबर 2015 से जनवरी 2016 के बीच अपने बेटे को तीन बार पैसे भेजने की कोशिश की थी. उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी थी जिससे जैक आईएस के कब्जे से भागकर आ सके. हालांकि उन पर मुकदमा चला और उन्हें इस आरोप के चलते 21 जून 2019 को 15 महीने की जेल की सजा सुनाई गई. जैक के पिता कनाडाई हैं. ऐसे में जैक के पास यूके और कनाडा की दोहरी नागरिकता है. इसी के चलते कनाडा ने इस मामले में दखल दिया है और ब्रिटेन के इस फैसले पर निराशा जताई है.
यह दूसरा मौका है जब ब्रिटेन ने आईएस में शामिल होने के चलते अपने किसी नागरिक को नागरिकता से बेदखल किया है. जनवरी 2019 में शामीमा बेगम नाम की एक लड़की का पासपोर्ट भी आईएस में भर्ती होने के चलते रद्द कर दिया था. शमीमा बांग्लादेशी मूल की थीं. हालांकि बांग्लादेश ने शमीमा के पास बांग्लादेशी नागरिकता होने से इंकार किया था.
आरएस/आईबी (एएफपी, डीपीए)
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