अब नहीं बना करेगा "नीरजा" वाला बोइंग 747
फिल्म नीरजा में आपने जिस "डबल डेकर" विमान को देखा, वह था मशहूर बोइंग 747. इसके विशाल आकार के कारण इसे जंबो जेट का नाम दिया गया था. पांच दशकों बाद 747 का सफर खत्म होने जा रहा है.
अलविदा जंबो जेट!
बोइंग ने अपने डबल डेकर विमान 747 के निर्माण को खत्म करने का फैसला किया है. पिछले 50 सालों में बोइंग ने 1500 से ज्यादा 747 विमान बनाए हैं जिनमें से 450 अब भी इस्तेमाल हो रहे हैं. अब इसके रिटायर होने का वक्त आ गया है.
हवाई यात्रा को बदलने वाला
पिछले पांच दशकों में 747 ने हवाई यात्रा को काफी बदला है. विशाल जंबो जेट के कारण हवाई अड्डों का विस्तार हुआ. लोग इस डबल डेकर प्लेन में लंबा सफर करते और फिर हवाई अड्डों पर कनेक्टिंग फ्लाइट का इंतजार करते.
तेल संकट से हुआ नुकसान
बोइंग 747 का सफर 21 जनवरी 1970 को शुरू हुआ. अमेरिका की पैन ऐम एयरलाइंस ने ऐसे 25 विमान खरीदे थे और पहली बार लोगों के लिए न्यूयॉर्क से लंदन का लंबा सफर मुमकिन हो सका था. लेकिन लॉन्च के कुछ ही वक्त बाद 1973 में तेल संकट शुरू हुआ और एयरलाइंस ने इसे ना उड़ाने का फैसला किया क्योंकि यह अन्य विमानों से महंगा पड़ता था.
स्टाइल और ग्लैमर से भरपूर
747 को सिर्फ इसकी तकनीकी खूबियों के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि यह ग्लैमर की निशानी भी बन गया. यहां ऊपर के हिस्से में एक लाउंज बनाया गया जहां लोग किसी रेस्तरां की तरह आराम से बैठ कर ड्रिंक्स ले सकते थे. विमान में सीटों को अलग अलग तरह से लगाया जा सकता था और इस हिसाब से एक विमान में 366 से 550 लोगों की जगह मुमकिन हो सकी.
आतंकियों के निशाने पर
फिल्म "नीरजा" में आपने पैन ऐम का जो विमान देखा वह बोइंग 747 ही था. 1986 में चार फलस्तीनियों ने इसका अपहरण किया. इसके बाद दिसंबर 1988 में स्कॉटलैंड में पैन ऐम के ही एक विमान में बम विस्फोट हुआ जिसमें 270 लोगों की जान गई. यहां आप मार्च 1977 की तस्वीर देख सकते हैं जब टेनेरिफ हवाई अड्डे पर दो 747 की टक्कर हुई और 583 लोगों की जान गई.
वीआईपी विमान
जंबो जेट का आखिरी एडिशन है 747-8 जिसे 2012 में लॉन्च किया गया. इस सिरीज के पहले आठ विमान जर्मन एयरलाइंस लुफ्थांसा ने खरीदे. इसमें 467 यात्रियों के बैठने की जगह है. नागरिक विमान के अलावा इस सीरीज के विमान का इस्तेमाल सेना में भी होता है और अमेरिकी राष्ट्रपति का एयर फोर्स वन विमान भी बोइंग 747-8 ही है.
नहीं रही मांग
पिछले एक साल में बोइंग को 747 के सिर्फ 20 ऑर्डर मिले और वे सब भी मालवाहक विमान के लिए. 747 की जगह अब कंपनियां 777 और 787 खरीदना पसंद करती हैं. 747 आधुनिक जमाने की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाया और ऐसे में बोइंग को इसे अलविदा कहने का कठिन फैसला लेना पड़ा.