गाजा के विकलांगों को मुफ्त स्मार्ट अंग
ये स्मार्ट अंग हैं जो सैकड़ों अपंग फलस्तीनियों की जिंदगी बदल रहे हैं. गाजा के एक अस्पताल ने लोगों को मार्च से ये अंग उपलब्ध कराने शुरू किए हैं.
फिर से पकड़ी बच्चे की उंगली
36 साल के अहमद अबु हमदा अब फिर अपने बच्चों की उंगलियां पकड़ सकते हैं. 2007 में एक धमाके में अपना दायां हाथ खो देने के बाद यह बंद हो गया था. लेकिन इस स्मार्ट हैंड ने उन्हें फिर से यह मौका दिया है.
मायोइलेक्ट्रिक लिंब
कतर से मिले धन की मदद से गाजा का शेख हमाद बिन खलीफा अल-थानी अस्पताल लोगों को मायोइलेक्ट्रिक लिंब यानी प्रॉसथेटिक अंग उपलब्ध करवा रहा है.
मुफ्त है सुविधा
एक ऐसे अंग की कीमत 20 हजार डॉलर यानी लगभग 15 लाख रुपये पड़ती है. लेकिन हमाद अस्पताल में मरीजों से इन अंगों के लिए पैसा नहीं लिया जाता.
स्मार्ट अंग
ये स्मार्ट अंग हैं और मोटर के जरिए मानवीय हरकतों की नकल करते हैं. इसलिए आम प्रॉस्थेटिक अंगों के मुकाबले ये ज्यादा सक्षम होते हैं. फलस्तीन में यह अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है. अब तक 21 अपंग लोगों को ये नकली अंग मिल चुके हैं और 40 लोग वेटिंग लिस्ट में हैं.
सैकड़ों विकलांग हैं
गाजा में 20 लाख लोग रहते हैं. इंटरनेशल रेडक्रॉस कमेटी का कहना है कि कम से कम 1,600 लोग अपंग हुए हैं. अपंग और विकलांग लोगों के लिए काम करने वाली असालमा चैटिरटेबल सोसायटी का कहना है कि इस्राएल के साथ विवाद के चलते 532 लोगों ने अपने अंग गंवाए हैं.
तीन साल से चल रहा है अस्पताल
2019 में शुरू हुए हमाद अस्पताल ने सैकड़ों विकलांग लोगों का इलाज किया है. अब मायोइलेक्ट्रिक लिंब उपलब्ध करवाए जा रहे हैं जो कतर से मिली फंडिंग से संभव हुआ है.