बिहार पुलिस में बड़े पैमाने पर सुधारों का एलान
१९ जुलाई २०१९बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 18 जुलाई को बजट पर चल रही बहस में राज्य की कानून व्यवस्था और पुलिस सुधारों के बारे में बात की. नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में सामाजिक सद्भाव बढ़ा है क्योंकि दंगों के मामलों में बहुत कमी आई है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि राज्य में हत्या और डकैती के मामले बढ़े हैं. नीतीश ने सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली अफवाहों के चलते होने वाले अपराधों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की अफवाहों के कारण कई बार कानून व्यवस्था बिगड़ी है.
नीतीश कुमार ने सदन में जानकारी देते हुए कहा,"पिछले साल की तुलना में जनवरी से मई के बीच दंगा होने की घटनाओं में 32 प्रतिशत की कमी आई है. अपहरण और फिरौती के मामलों में भी 44 प्रतिशत की कमी हुई है. सेंधमारी के मामले भी पहले की तुलना में कम हुए हैं. लेकिन हत्या और डकैती के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है. हत्या के मामले दो प्रतिशत और डकैती के मामले आठ प्रतिशत बढ़े हैं."
नीतीश कुमार ने दंगों के बारे में कहा कि दो समुदायों के बीच होने वाली हिंसा को दंगा नहीं कहा जाता. बल्कि ऐसी हिंसा जिसमें पांच ज्यादा से लोगों का कोई समूह शामिल हो दंगा कहलाता है. ऐसी हिंसा में कमी सामाजिक सद्भाव में बढ़ोत्तरी दिखाती है. उन्होंने कहा कि हत्या के मामलों में अधिकतर जमीन विवाद के चलते हुईं हत्याएं थीं. चोरी के मामलों में अधिकतर घटनाएं दोपिहया वाहनों की चोरी के हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में देश में सबसे ज्यादा दोपहिया वाहनों की बिक्री होती है. इसलिए इनकी चोरी भी बढ़ी है.
अब किए जाएंगे पुलिस सुधार
नीतीश कुमार ने अपराधों में कमी करने के लिए पुलिस सुधार करने के कई प्रस्ताव रखे. उन्होंने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सरकार कई नए कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि थानों के प्रभारी यानी थानेदारों को नियुक्त करने के लिए पांच पैमाने तय किए जाएंगे. पहले देखा जाएगा कि उक्त व्यक्ति के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई तो नहीं चल रही है. विभागीय कार्रवाईयों में उन्हें तीन बार से ज्यादा सजा नहीं मिली हो. उनके खिलाफ किसी कांड की जांच में कोई साक्ष्य नहीं मिले हों. किसी भी न्यायालय ने उन्हें दोषी करार ना दिया हो और उन्होंने शराबबंदी कानून का उल्लंघन ना किया हो.
बिहार में लागू शराबबंदी पर और सख्ती दिखाते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि किसी थानाक्षेत्र में अगर शराब बरामद होती है तो उस थाने के थानाधिकारी को अगले 10 साल तक थाना प्रभारी नहीं बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार पुलिस को इतनी सुविधाएं दे रही है तो पुलिस का भी फर्ज है कि वो कानून व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखे.
इतनी सुविधाओं के बावजूद अगर ठीक तरीके से काम नहीं किया तो सरकार जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा अपराध कम करने के लिए बिहार पुलिस में कुछ नए पद बनाए किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि पांच आईजी और सात डीआईजी के रेंज बनाए गए हैं जो सीधे पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करेंगे.
नए पदों में थानाधिकारी के नीचे दो अपर थानाधिकारी बनाए जाएंगे. जिन थानों में क्राइम रेट ज्यादा होगा वहां यह अनुपात 1:3 होगा. इन अपर थाना प्रभारियों का काम कानून-व्यवस्था और रिसर्च का होगा. पुलिसवालों पर चल रहीं विभागीय कार्रवाईयों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा फिलहाल 314 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है और 127 अधिकारियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई शुरू की गई है. इनमें दो दर्जन डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं.
सीसीटीवी, टॉयलेट और स्वागत कक्ष
नीतीश कुमार ने कहा कि सभी थानों में 15 अगस्त तक लॉ एंड ऑर्डर और रिसर्च के लिए अलग-अलग टीमें गठित की जाएंगी. इसके लिए 7,800 नए अधिकारियों के नए पद बनाए गए हैं जिनकी भर्ती जल्दी ही की जाएगी. पुलिस के अंदर दोनों विभागों में कर्मचारियों का अनुपात 50-50 होगा. महिलाओं के लिए 659 थानों में टॉयलेट बन चुके हैं. जिन थानों में महिला टॉयलेट नहीं हैं वहां पर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं की जाएगी. 53 थानों में महिला टॉयलेट बनाने के लिए फंड जारी कर दिया गया है.
बिहार पुलिस के सभी थानों में छह महीने में स्वागत कक्ष बनाए जाएंगे. 384 थानों के पास अपना भवन नहीं है. इनमें से 202 के लिए जमीन उपलब्ध करवा दी गई. जहां जमीन नहीं है वहां इमारत खरीदी जाएगी. थानों में 1,000 से ज्यादा नए वाहन खरीदे जाएंगे. पैट्रोलिंग वाहनों में जीपीएस लगाया जाएगा जिससे उनकी लोकेशन पता चलती रहे. एके 47, इनसास और एमपी5 बंदूके पुलिसकर्मयों को उपलब्ध करवाई जाएंगी. सभी थानों को कंप्यूटर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. थानों के अंदर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
बढ़ते अपराध को देखते हुए सरकार की पहले राजधानी पटना की प्रमुख जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने की योजना है. पटना के बाद यह योजना राज्य के दूसरे जिलों में भी लागू की जाएगी. जमीन विवाद को लेकर हो रहे अपराधों को कम करने के लिए थाना स्तर पर जमीनी विवादों पर हर सप्ताह मीटिंग की जाए. पारिवारिक और जमीन विवादों को आपसी सलाह-मशविरे से सुलझाने की कोशिश की जाएगी. ट्रैफिक के सही संचालन के लिए ट्रैफिक पुलिस में प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की ही ड्यूटी लगाई जाएगी.
ऋषभ शर्मा (आईएएनएस)