कहां कहां हो रहे हैं पानी पर झगड़े
भारत में कावेरी जल विवाद हो या सतलुज यमुना लिंक का मुद्दा, पानी को लेकर अकसर खींचतान होती रही है. वैसे पानी को लेकर झगड़े दुनिया में और भी कई जगह हो रहे हैं. एक नजर बड़े जल विवादों पर.
ब्रह्मपुत्र नदी विवाद
2900 किलोमीटर लंबी ब्रह्मपुत्र नदी चीन के तिब्बत से निकलती है. अरुणाचल प्रदेश और असम से होते हुए ये बांग्लादेश में गंगा में मिल जाती है. उर्जा के भूखे चीन के लिए जहां इस नदी का पनबिजली परियोजनाओं के लिए महत्व है, वहीं भारत और बांग्लादेश के बड़े भूभाग को ये नदी सींचती है. भारत और चीन के बीच इसके पानी के इस्तेमाल के लिए कोई द्विपक्षीय संधि नहीं है लेकिन दोनों सरकारों ने हाल में कुछ कदम उठाए हैं.
ग्रांड रेनेसॉ बांध और नील नदी
2011 में अफ्रीकी देश इथियोपिया ने ग्रांड इथियोपियन रेनेसॉ बांध बनाने की घोषणा की. सूडान की सीमा के नजदीक ब्लू नील पर बनने वाले इस बांध से छह हजार मेगावॉट बिजली बन सकेगी. बांध बनाने का विरोध सूडान भी कर रहा है लेकिन मिस्र में तो इससे पानी की आपूर्ति प्रभावित होने का खतरा है. 1929 और 1959 में संधियां हुई हैं. लेकिन इथियोपिया किसी बात की परवाह किए बिना बांध बना रहा है जो 2017 तक पूरा हो सकता है.
इलिसु बांध और तिगरिस नदी
तुर्की सीरियाई सरहद के पास तिगरिस नदी पर इलिसु बांध बना रहा है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के से सिर्फ तिगरिस बल्कि यूफ्रेटस की हाइड्रोइलेक्ट्रिक क्षमताओं का भरपूर इस्तेमाल किया जाना है. तुर्की अपनी अनातोलियन परियोजना के तहत तिगरिस-यूफ्रेटस के बेसिन में कई और बांध और हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट लगाना चाहता है. लेकिन इससे सबसे बड़ा घाटा इराक का होगा जिसे अब तक इन नदियों का सबसे ज्यादा पानी मिलता था.
सिंधु जल संधि विवाद
पानी के बंटवारे के लिए विश्व बैंक ने 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक संधि कराई जिसे सिंधु जल संधि के नाम से जाना जाता है. इसके तहत ब्यास, रावी और सतलज नदियों का नियंत्रण भारत को सौंपा गया जबकि सिंधु, चेनाब और झेलम का नियंत्रण पाकिस्तान को. पानी का बंटवारा कैसे हो, इसे लेकर विवाद रहा है. चूंकि पाकिस्तान के नियंत्रण वाली नदियां भारत से होकर जाती है, भारत इसका इस्तेमाल सिंचाई के लिए कर सकता है.
शायाबुरी बांध
दक्षिण पूर्व एशियाई देश लाओस मेकॉन्ग नदी पर शायाबुरी बांध बना रहा है जिसका उसके पड़ोसी देश और पर्यावरणविद् विरोध कर रहे हैं. बांध के बाद ये नदी कंबोडिया और वियतनाम से गुजरती है. उनका कहना है कि बांध के कारण उनके मछली भंडार और लाखों लोगों की जिंदगियां प्रभावित होंगी. गरीब लाओस शायाबुरी बांध को अपनी आमदनी का जरिया बनाना चाहता है. उसकी योजना इससे बनने वाली बिजली को पड़ोसी देशों को बेचना है.
पानी पर सियासत
मध्य पूर्व में जॉर्डन नदी का बेसिन इस्राएल और अन्य देशों के बीच सियासत का एक अहम मुद्दा है. मध्य पूर्व में पानी के स्रोतों की कमी होने की वजह इस्राएल, पश्चिमी तट, लेबनान, सीरिया और जॉर्डन के बीच अकसर खींचतान होती रहती है. 1960 के दशक में पानी के बंटवारे को लेकर इस्राएल और अरब देशों के बीच तीन साल तक चले गंभीर विवाद को जल युद्ध का नाम दिया जाता है.