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मानवाधिकारसंयुक्त राज्य अमेरिका

दूसरी, तीसरी, चौथी क्लास के मासूम-प्यारे 18 बच्चे मारे गए

२५ मई २०२२

अमेरिका में 18 साल के एक किशोर ने प्राइमरी स्कूल में गोलीबारी कर 18 मासूम बच्चों और एक शिक्षक की जान ले ली.

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माता-पिता, जो अपने अपने बच्चों को लेने आए थे
माता-पिता, जो अपने अपने बच्चों को लेने आए थेतस्वीर: William Luther/The San Antonio Express-News/AP/picture alliance

जमीन पर खून था. लाशें पड़ी थीं. रोने चीखने की आवाजें थीं. घायलों की कर्राहटें थीं. सहमी हुई आंखें थीं. डर था. गुस्सा था. हर वो चीज थी जो किसी युद्ध के मैदान में हो सकती थी. बस जगह युद्ध का मैदान नहीं, एक स्कूल का मैदान था. 

अमेरिका के एक और स्कूल में, एक और बार फिर, एक और बंदूकधारी ने दर्जनों जानें ले लीं. मरने वालों में सात से 10 साल के छोटे बच्चे थे जो टेक्सस के उवाल्डे स्थित रॉब एलिमेंट्री स्कूल में पढ़ने आए थे. वे बहुत उत्साहित थे क्योंकि दो दिन बाद ही स्कूल गर्मियों की छुट्टियों के लिए बंद होने वाला था. उससे पहले स्कूल में एक उत्सव की तैयारियां चल रही थीं. अब सिर्फ मातम मनेगा.

रॉब एलिमेंट्री स्कूल, अमेरिका
रॉब एलिमेंट्री स्कूल, अमेरिकातस्वीर: Allison Dinner/AFP

मंगलवार को स्कूल में पुरस्कार समारोह होना था. बच्चों को अपने सबसे सुंदर कपड़े पहनकर आने को कहा गया था. और साथ ही मस्ती वाले जूते भी, क्योंकि प्रोग्राम की थीम थी ‘फुटलूज ऐंड फैंसी’. सुबह 11.43 पर स्कूल के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में कहा गया, "कृपया ध्यान दें. रॉब एलिमेंट्री स्कूल फिलहाल तालाबंदी में है क्योंकि इलाके में गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी है. बच्चे और शिक्षक अंदर सुरक्षित हैं."

और फिर गोलियां...

फिर एक और मेसेज आया, "रॉब एलिमेंट्री स्कूल में एक सक्रिय बंदूकधारी है. सुरक्षाबल वहां पहुंच चुके हैं." माता-पिता को पता चला तो भगदड़ मच गई. स्कूल के अधिकारियों ने माता-पिता से कहा कि वे स्कूल से दूर रहें. यह स्कूल एक ऐसे समुदाय में है, जहां ज्यादातर परिवार लैटिन अमेरिकी मूल के लोगों के हैं. स्कूल में 570 छात्र पढ़ते हैं... थे, जिनमें से 90 प्रतिशत लैटिन अमेरिकी मूल के ही थे.

तालिबान का खौफ नहीं, लड़कियां सीख रहीं कोडिंग

इसके बाद जो बातें सुनाई दीं, वे दिल तोड़ने वाली थीं, हौसला तोड़ने वाली थीं और एक असीम बेबसी को जन्म देने वाली थीं, जिसमें बरसों का गुस्सा मिला हुआ था. बताया गया कि 18 साल के एक युवक ने गोलियों से 18 बच्चों और कम से कम एक शिक्षक को मार डाला है. दिल टूटे क्योंकि मरने वालों में 7 से 10 साल के मासूम थे जो अपने अनोखे जूते दिखाने आए थे. हौसला टूटा क्योंकि जिन लोगों ने सजा-धजा कर अपने बच्चों को स्कूल भेजा था, उनके सामने कोई भविष्य नहीं बचा. और क्रोध-मिश्रित असीम बेबसी क्योंकि एक के बाद एक अमेरिका में लगातार इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, सैकड़ों मासूम मारे जा रहे हैं लेकिन कोई कुछ नहीं कर पा रहा है.

क्या बोले नेता?

घटना के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्र को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने कहा कि देश कब तक गन-लॉबी के सामने बेबस रहेगा. बाइडेन जब बोल रहे थे तो सदमा उनके चेहरे और भावों में दिख रहा था. उन्होंने कहा, "जब मैं राष्ट्रपति बना था तो उम्मीद की थी कि मुझे ऐसा फिर से नहीं करना होगा. दूसरी, तीसरी, चौथी क्लास के मासूम-प्यारे बच्चे. एक और नरसंहार. उनके माता-पिता कभी दोबारा अपने बच्चों को नहीं देख पाएंगे. वे बच्चे कभी उछलकर उनसे लिपट नहीं जाएंगे. कभी बेड पर छलांगें नहीं लगाएंगे."

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेनतस्वीर: Kevin Lamarque/REUTERS

अमेरिकी राष्ट्रपति ने काफी जोर देकर बंदूक उद्योग और उनके समर्थकों का विरोध किया. उन्होंने कहा, "एक देश के तौर पर हमें पूछना होगा. ईश्वर के लिए कब हम इस बंदूक लॉबी के खिलाफ खड़े होंगे? हमें कुछ तो करना ही होगा."दस दिन पहले ही न्यूयॉर्क के बफेलो में एक दुकान में गोलीबारी हुई थी जिसके बाद सख्त बंदूक कानून लाने की बात उठी थी.

टेक्सस: ट्रांसजेंडर लड़कियां नहीं ले सकेंगी लड़कियों के खेलों में भाग

इससे पहले कनेक्टिकट के सांसद क्रिस मर्फी ने कहा, "मुझे मानसिक रोगों जैसी बकवास मत सुनाओ. हमारे यहां मानसिक बीमारी की स्थिति किसी अन्य देश से ज्यादा खराब नहीं है. आप इन घटनाओं को मानसिक बीमारी के जरिए नहीं समझा सकते क्योंकि समस्या मानसिक बीमारी नहीं है, समस्या है कि अपराधी और बीमार लोगों तक हथियारों की आसान पहुंच है. यहां अमेरिका बाकी देशों से अलग है."

अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा, "बस बहुत हो गया. एक देश के तौर पर हमें कदम उठाने का हौसला दिखाना ही होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसा कभी फिर ना हो."

वीके/एए (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)